प्रभू भोज :-
जब येशू के विरुद्ध षडयंत्र रचा जा रहा था बिलकुल ठीक पीछे येशू अपने चेले को पास बुला कर बता रहे थे की ए मेरे सामने कुछ लोग कैसे है जो षडयंत्र कर रहे है लेकिन आओ बैठते है और कुछ बाते बताता हु तब जाकर येशू ने अपने खुद का बलिदान कैसा होगा और मै खुद को कलिसीया को दे रहा हु याने तुम लोगो को दे रहा हु बाकी चर्चा करेंगे जिसको मै रख रहा हू की प्रभू भोज मसी देह के लिये क्यू जरुरी है इसकी मालूमात आपको दे रहा हु
वापस कहता हु , प्रभू भोज मसीह देह के लिये क्यों जरुरी है ?
तो उसके दो कारनो से सबसे पहिला
1) उसकी याद मे
2) मृत्यू का प्रचार होता है
आप जब जब प्रभू भोज खाते हो या लेते हो तो उसकी मृत्यु का प्रचार करते हो
वापस कह दु येशू के पीठ पीछे षडयंत्र हो रहा है और दुसरी तरफ येशू अपने चलो को एक कट्टा कर कह रहा है की उनको करणे दो षडयंत्र मुझे मारने का लेकिन मै बता दु , येशू कहता है मेरा लहू और मेरा मांस तुम उसको खाओगे , तुम उसको पिवोगे , दुसरो शब्द मे आत्मिक बाते है , और सिम्बॉलिक है , प्रतीक है , जो रोटी अदाक्रस का रूप मे जो हम खाते और पीते है , जो मसीह लोग है वो समजेंगे बाकी नही समझेंगे , पर हा जब वो अंदर आयेंगे वो समजेंगे
येशू को पता था मेरे पीठ पीछे षडयंत्र हो रहा है मुझे मारने के लिए लेकिन देखिये येशू ने ऐसी कोई बात करी , मै कभी कभी सोचता हूँ प्रभू बाप्तिस्मा पानी का ठीक है वो लेना चाहिये , आप पर विश्वास करना है वो तो बहुत जरुरी है लेकिन प्रभू भोज क्यों और ऐसा उदाहरण है और ऐसी बाते है दुसरे कोम के लोग या जाती के लोग मसीह मे आते है तो उनको समजाना पडता है कि ये क्या है मै नही समजता की किसी और की किताबो मे या धर्मो मे ऐसी कोई बात लिखी हो जहा पे किसी पुस्तक में लिखा हो की उनका ईश्वर या उनका देवता ऐसी कुछ कहता है की मेरा मांस खावो और मेरा लहू पियो , अक्सर ये देखा गया है कि वो खाते है और पिते है लेकिन येशू कहता है मै अपने आपको दे रहा हु , इफिस 5:26 लिखा है कि उसने खुद दे दिया अपने कलीसिया को ।
दो कारनो से उसका प्रभू भोज लेते है
1) उसकी याद मे
2) मृत्यू का प्रचार
कहा लिखा है , ये व्यक्ती जिसका नाम पौलुसस है
1 कुरिन्थ 11:23,34
23) क्योंकि यह बात मुझे प्रभु से पहुंची, और मैं ने तुम्हें भी पहुंचा दी; कि प्रभु यीशु ने जिस रात वह पकड़वाया गया रोटी ली।
क्यूकी वह बात , कौन सी बात प्रभू भोज की , प्रभू से पोहोची प्रभू कोण ? येशू से पोहोची और तुम्हे पहुंचाई (मत्ताय 23:26)
24) और धन्यवाद करके उसे तोड़ी, और कहा; कि यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिये है: मेरे स्मरण के लिये यही किया करो।
यह मेरा शरीर है पीछे षडयंत्र चल रहा है कि इस को मार डालो मार डालो लेकिन यहा येशू उनके लिये जान दे रहा है और ये नही समज पा रहे है पौलूस कहता है वो चाहते है तो कृस पे नही मरते
25) इसी रीति से उस ने बियारी के पीछे कटोरा भी लिया, और कहा; यह कटोरा मेरे लोहू में नई वाचा है: जब कभी पीओ, तो मेरे स्मरण के लिये यही किया करो।
नई वाचा क्योंकी कुछ 2000 से , आदम से लेकर मुसा तक 1600 साल , मुसा से लेकर जॉन द बापटीसम 2000 के ऊपर का साल तब तक , जितने बकरो का , गायो का , बछडो का , पक्षियों का , कबुतरो का जिस किसी का लहू उभा उन दिनो मे , वो सब लहू नही वाचा नही ला पाया , लेकिन जैसे ही येशू का लहू बहा , एक नया वाचा , जिसके कहते है न्यू गव्हर्नमेंट और उस न्यू गव्हर्नमेंट मे क्या है साहब , येशू कहता है मेरा लहू नई वाचा है इसका मतलब हे की पिता के पास मे व्यक्तियों का , जातियों का , पुरुष का , स्त्री का , लडका का , लडकी का , उन सभी का डायरेक्ट एक्सेस हो चुका है , वो डायरेक्ट जा सकते है प्रभू के पास मे , ये नइ वाचा है
जिस किसी ने येशू के लहू को ले लिया या उसके ऊपर विश्वास कर लिया वो पापी नही ठहरता , मेरे स्मरण ये करो
तो मैंने क्या कहा था दो कारनो से ,
1) उसकी याद मे
2) मृत्यू का प्रचार
तो मक्सद हैं , प्रभु भोज का
1) उसकी याद मे , याद क्यों ?
क्योंकी व्यक्ती जब बड जाता , बडा फास्ट बन जाता है , बडा प्रॉफिट बन जाता है , बडा आदमी बन जाता है , तो वो अपने आतीत को भूल जाता है कि वो कहा से आया था ?
जैसे राजा शॉल भूल गया था , उसको शमुवेल ने याद दिलाया था , राजा दाऊद को याद दिलाया था , वैसे ही हमको याद रखना है , हमारी सुरुवात कहा से हुई? हम पहिले क्या थे? और प्रभू ने हमे क्या बनाया ? तो जिसके चलते कभी भी हम प्रभू भोज लेते है वो हमे याद दिलाता हैं
26) हम खाते पीते है इसलिये ताकी उसकी मृत्यु का प्रचार कर सके
27)इसलिये जो कोई अनुचित रीति से प्रभु की रोटी खाए, या उसके कटोरे में से पीए, वह प्रभु की देह और लोहू का अपराधी ठहरेगा।
अनुचित जिसको कहते है खाते वक्त पीते वक्त जो व्यक्ती नही समजता मै आपको बता दो अनुचित लोगो ने क्या किया है अनुचित अच्छा उसको करते है उचित , अनुचित याने की गलत तरीका और उचित याने की सही तरीका , तो कुछ लोगो ने ऐसा करा की उचित तरीके से प्रभू भोज खाये
उचीत रीती क्या है ?
तो कहते है की जहा प्रभू भोज लेते है , उस जगह को सफेद करो , या साफ करो , जगह को साफ करो
दुसरा जो व्यक्ती प्रभु भोज देता है वो व्यक्ती विशेष कपडा पहनना चाहिये तो वो पहना देते है , धर्म का कपडा याने की इसाई धर्म का कपडा , जिसे कहते है फादर या उसको कहते है , पवित्र आदमी , इसाई का पादरी , उसको ऐसी कपडे पहनावो
दुसरा - जो ले रहा है उसके सामने कुछ कंडिशन रखते है , जब तक पानी का बाप्तिस्मा नही होता उसको हक नही है प्रभू भोज लेने का
28) इसलिये मनुष्य अपने आप को जांच ले और इसी रीति से इस रोटी में से खाए, और इस कटोरे में से पीए।
जाचे - किस चीज को जांचे ?
वो खुद को जान चे नाकी बाहर कपडा कौंनसा पहना है ? कौन सी थाली मे आया है ? नाकी कोण आदमी दे रहा है ? आपको जांचना है खुद को
29) क्योंकि जो खाते-पीते समय प्रभु की देह को न पहिचाने, वह इस खाने और पीने से अपने ऊपर दण्ड लाता है।
तो आपको किस को पहचानना है ?
प्रभू को पहचाना है , येशू को पहचानना है , येशू के देह को पहचाना है , क्योंकी नही पहचानना है , वो किसको प्रभू को , येशू क्या चाहता है , येशू क्या चाहता है कि , तुम उसका काम करो , येशू क्या चाहता है कि तुम उसकी तरह बने , की येशू की तरह व्यवहार करे
आप मुझे सून रहे है , देख रहे है , एक घंटा पहिले आप शायद नशा करके आये , आप शायद दारू पिके बैठे है , सिगारेट तंबाखू , गुटखा खाये बैठे है , आप दुसरी बार अगले हप्ते महिने का पहिला संडे और प्रभू भोज होगा तो मुझे भी प्रभू भोज दिजीए लेकिन आपने आपको देखना , क्या जीवन जी रहे है , आपका जीवन ठीक नही है , आपका बॅचलर लाइफ ठीक नाही हैं , सोच के देखिये क्या चल रहा है , तो इसके चलते झूट है , गाली है , झगडा है , लालच है , पैसो का लालच है , सबकुछ है , तो लिखता है कि खाते पिते समय जो प्रभू कहते है देह को ना पहचाने वो दंड पाता
30) इसी कारण तुम में से बहुत से निर्बल और रोगी हैं, और बहुत से सो भी गए।
किसका मतलब क्या है खाते पीते वक्त मुझको आपको हम सभी को येशू को समझना है , चर्च को नही समजना है , पास्टर को नही समजना हैं , फादरी को नही समजना है , येशू को समझना है , वो क्या चाहता है ? आपका बायबल जीवन कैसा है ? जरा चेक करो , आपका प्रार्थना का जीवन जरा चेक करो , आप पीछे कैसे चल रहे है ? जरा चेक करो ,
31) यदि हम अपने आप में जांचते, तो दण्ड न पाते।
इसलिये रोगी , निर्बल , बहुत से सो गये
32) परन्तु प्रभु हमें दण्ड देकर हमारी ताड़ना करता है इसलिये कि हम संसार के साथ दोषी न ठहरें।
जिस दिन परमेश्वर पूरी दुनिया के न्याय कर रहा होगा , चर्च को , आपको , मुझको व अलग रखना चाहता है , कहना चाहता है कि तुम उनके साथ दोषी ना ठरो , मै अलग करना चाहता हु , कहता है कि तुमको दंड देगा
कुछ लोग कहते है की परमेश्वर दंड नही देगा ले फिर ये वचन क्या है दंड देता हैं , ऐसे प्रचार करते है कि प्रभू तुमसे इतना प्यार करते है कि तुम दारू पियो , तो भी माफ करेगा , सिगारेट पियो तो भी माफ करेगा , आप कुछ भी करो संसार का पाप , फिर भी आपको माफ करेगा , लेकिन नही या देखीये दंड देता है
33) इसलिये, हे मेरे भाइयों, जब तुम खाने के लिये इकट्ठे होते हो, तो एक दूसरे के लिये ठहरा करो।
ये हे उचित- इसका मतलब क्या है ? वहा ऐसा कुछ चल रहा था कुरुंथीयो के कलीसिया मे प्रभू ने पौलूस को बताया ये लोग क्या कर रहे है ? ये आपस मे लढते है , झगडते है , पौलूस एक जग पे कहता है , कई तुम एक-दुसरो को कुत्तो के तरह काट-नोच ना खावो , आज बहुत सारे चर्च मे ऐसा चल रहा है
देखो यीशू को एक तरफ मारने का षडयंत्र चल रहा है और दूसरी तरफ येशू मसीह अपने आप को , खुद को दे रहे है संसार के लिए और सब कुछ देख कर ऊस कलीसिया को जिसका प्रकाशन पौलूस और आपको बता रहा है कहता है कि वहा पे झगडे चल रहे थे 1करिंथ 1:11 सें आगे लिखा हे की वाह के लोगो ने पौलूस को कंप्लेट करी कोई अपोलोस का कहता है खुद को , कोई पौलुस का कहता खुद को , कोई पतसर का कहता खुद को , ऐसे झगडे चल रहे ये वहा और कलीसिया मे बहुत बेडा गरक उन दिनो मे , करंथियों की कलीसिया मे उन दिनो मे और आज भी है बहुत सारे चर्चेस मे आपस मे एक दुसरो के साथ जमता नही , एक दुसरो के साथ बातचीत नही , सब खुद को बडा बनाने चक्कर मे है , कॅरेक्टर खतम है , चरित्र खतम है , इनामदारी खतम है , झूठ तो पानी की तरह बोलते है मसीह लोग , धोका ऐसे देते है ,
तो ये वचन बहुत जरुरी था
No comments:
Post a Comment