Wednesday, 30 March 2022

घोषणा करना BIBLICAL है

 आज का विषय 

एक बार जरुर पढ़े


प्रश्न: *क्या  घोषणा करना BIBLICAL है?*


✍️आज कल एक concept  "सिद्धांत"चल रहा है!


👉और concept "सिद्धांत" है secret books से!


👉आपको पता होगा!


👉अगर किसी को नहीं पता तो Google पर जाइए और type करिए secret books


👉एक ladies है जिस ने 2000 के आसपास ये books निकाली थी!


👉और जिस की बिक्री अच्छी खासी हो रही है!


👉50 languages से भी ज्यादा उसका translation हो चुका है!


👉उसका यह concept   "सिद्धांत" है आपको जो भी चाहिए!


👉तो चीजों को घोषणा करो!

 

👉जैसे की आपको गाड़ी चाहिए!


👉आप showroom में जाओ और गाड़ी पर हाथ रखो और कहो यीशु के नाम मैं घोषणा करता हूं!


✍️मैं घोषणा करता हूं! 


👉आपको doctor ने बताया आप corona positive है!


👉आपको घोषणा करना है! 


👉मैं positive नहीं negative हूं!


✍️फिर कहते हैं, आप गरीब है घोषणा करो!


👉मैं अमीर हूं!

👉तो आप अमीर हो जायेंगे!


✍️Business नहीं चल रहा!

घोषणा करो!


👉मेरा Business चल रहा है!

👉तो Business चल पड़ेगा!


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *ये teaching कहा से आया secret books*


👉दूसरे शब्दों में लुशिफर (शैतान) से!


*सूने*:-


✍️अब मुझे ऐसे पास्टरो को!


👉ऐसे प्रचारकों को!


👉ऐसे Bible टीचरों को!


👉जो चर्चों में और online social media पर आकर  शिखाते हैं!


👉मैं उन से पूछना चाहता हूं!


👉बाईबल का एक वचन context (संदर्भ) के बता दो!


👉के आपको घोषणा करना है!


 *ध्यान दें*:-


✍️भाई साहब आपको घोषणा नहीं करना है!


👉 *आपको दो तीन चीजों का ध्यान करना है!*


👉 *क्या आप परमेश्वर के राज्य में उसका काम कर रहे हैं!*


👉मैं सारी चीजों दूंगा!


*सूने*:-


✍️क्या आप अमीर बनने के लिए मसीह में आते हो!


👉क्या आप अमीर बनने के लिए बाईबल पढ़ते हो!


👉मेरा America का 

👉Dubai का 

👉Usa का 

👉Canada का visa लग जाए!


👉मेरी नौकरी लग जाए!


👉इसलिए चर्च जाता हूं ये concept (विचार) है, आपका तो तो तुम गलत हो!


👉और जो शिखा रहा है वो‌ भी गलत है!


👉 *घोषणा का option total गलत है!*


*ध्यान से सूने*:-


✍️ घोषणा नहीं करना है!


👉 *आपको प्रभु की मर्जी ‌को पूछ्ना है!*


👉 *जब तुम प्रभु के रास्ते पर चल रहे हो!*


👉परमेश्वर सब को खाना खिलाया है!


👉 *यीशु ने खुद कहा है जंगल के जानवरों को आकास के पंछीओ को,तो वो तुम्हे क्यों नहीं खिलाएगा!*


👉 *तो वो आपको संभालेगा ना आप तो उसकी सेवा कर रहे हैं!*


👉 *तो फिर घोषणा के चक्कर में क्यों पड़ गए!*


👉मैंने online किसी को यह कहते सूना घोषणा करो!


👉 *घोषणा करो!*


👉 *घोषणा करो!*


👉 *ये secret books का टीचिंग है!*


👉 *ये शैतान के द्वारा नरक से आया हुआ टीचिंग है!*


👉 *ये कभी नहीं करना!*


*ध्यान सूने*:-


✍️ *प्रभु की मर्जी पर चलो!*


👉 *प्रभु को पता है क्या चाहिए!*


*सूने*:-


👉 *इसलिए पहले तुम परमेश्वर के राज्य और धार्मिकता की खोज करो तो ये सब वस्तुएँ तुम्हें मिल जाएँगी।* 

(मत्ती 6:33)


✍️ *आप प्रभु की खोज करो ना, प्रभु आपकी जरूरत को पूरा करेगा!*


*God bless you*

Thursday, 24 March 2022

शैतान के 7 झूट ( हिंदी )

 आजका विषय :-


 शैतान के 7 झूट :-


इससें पहले यीशू ने क्या कहा ? मै आपके बीच मे रखता हु ,


                   यूहन्ना 8:44 

तुम अपने पिता शैतान से हो, और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह तो आरम्भ से हत्यारा है, और सत्य पर स्थिर न रहा, क्योंकि सत्य उस में है ही नहीं: जब वह झूठ बोलता, तो अपने स्वभाव ही से बोलता है; क्योंकि वह झूठा है, वरन झूठ का पिता है।


1) तो यीशू ने क्या कहा ? सैतान , इबलिश झूठा है , तो सैतानने 7  झूठ संसार से बोला है 

2) आईए देखते है सैतान के 7 झूट क्या है ? साथी ही साथ ये कहा है ,


               प्रकाशित वाक्य 12:9 

और वह बड़ा अजगर अर्थात वही पुराना सांप, जो इब्लीस और शैतान कहलाता है, और सारे संसार का भरमाने वाला है, पृथ्वी पर गिरा दिया गया; और उसके दूत उसके साथ गिरा दिए गए।


तो सैतानने 7 झूट से , संसार को भरमाया है ,


 1) अगर ये व्हिडिओ कोई भी मसीह भाई - बहन अगर वो देख रहा है वो समझे ,  

2) साथी ही साथ कोई ऐसें मसीह भाई- बहन नही है , क्राईस्ट फॉलोवर नही है , उसने येशू को कभी नही जाना 

3) कोई भी मेरा हिंदू भाई , मुस्लिम भाई , शीख , या फिर जो कोई भी हो में कहना चाहता हू की ये 7 झूट से बचिए ।

 4) आपको भी बचना है और जो मसीह के फॉलोवर है उनको भी बचना है । 


तो सबसे पहिला सैतान का झूट संसार से बोला है , मनुष्य से बोला है , वो झूठ है


1) परमेश्वर नही है :-


           भजन संहिता 14:1 


मूर्ख ने अपने मन में कहा है, कोई परमेश्वर है ही नहीं। वे बिगड़ गए, उन्होंने घिनौने काम किए हैं, कोई सुकर्मी नहीं।


1) इसका मतलब है , ये सैतान का पहिला झूठ है , जो  संसार से कहता है 

2) कोई परमेश्वर नही है 


देखते है , सच क्या है ?


               याकूब 2:19 


तुझे विश्वास है कि एक ही परमेश्वर है: तू अच्छा करता है: दुष्टात्मा भी विश्वास रखते, और थरथराते हैं।


1) सैतान भी जानता है कि सच्चा परमेश्वर कौन है ?

2) लेकिन सैतानने पुरे संसार से झूट बोल रखा है कि , कोई परमेश्वर नही है


2) स्वर्ग और नरक नहीं हैं :-


                  लूका 16:24


और उस ने पुकार कर कहा, हे पिता इब्राहीम, मुझ पर दया करके लाजर को भेज दे, ताकि वह अपनी उंगुली का सिरा पानी में भिगो कर मेरी जीभ को ठंडी करे, क्योंकि मैं इस ज्वाला में तड़प रहा हूं।


1) यहा लाजर और धनवान की घटना है । वहा पर धनवान नरक मे पडा और कहता है की लाजर को भेज दे

 2) ताकि वो अपने उंगली का सिसा पानी मे डुबाकर मेरी जीभ को थंडा करे ।

 3) क्योंकी मै आग मे पडा तडप रहा हू । नरक मे तडप रहा हु ।


 इसका मतलब है , नरक है 


सच क्या है ,


            प्रकाशित वाक्य 21:8 


 पर डरपोकों, और अविश्वासियों, और घिनौनों, और हत्यारों, और व्यभिचारियों, और टोन्हों, और मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है॥


1) इसका मतलब है , यीशू कहता है , नरक है । 

2) तो आपको ये बात को समजना हैं


3) हम पापी नही है :-


1) कई लोग कहते है की हमने कभी मच्छर नही मारा , मक्खी नही मारा , हमने कभी पाप नही किया , झूठ नही बोला , कत्तल नही किया , तो हम पापी कैसे हुए ? 

2) याद रखिये , पाप करने के बाद पापी नही होते , हमारा जनम ही पाप मे हुआ है ।

3)  इसलिए हम पापी है । सैतान का ये झुट हैं की हमने पाप नही किया है ।

 4) तो मै पापी नही हु , ये सैतान का झूट है ।


 देखते है सच क्या है , 


               रोमियो 3:23 


इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं।


तो सब में पाप आ गया  ,

1) हिंदू , मुस्लिम , सिख , बुद्धिष्ट , ईसाई , पारसी आप जहा से है नॅशनल , इंटरनॅशनल है , सब मनुष्य पापी हैं , ये वचन कहता है । 

2) सैतान कहता है , कोई पापी नही है । 

3) तो ये सच है की , हम सब पापी है और हमे उद्धारकर्ता की जरूरत है ।


4) सब भगवान एक हैं :-


1) सैतान कहता है , सब भगवान एक है 

2) चारो तरफ , दुनिया मे जितने भी धर्म है , सब भगवान एक है 


 तो सच क्या है ?


              1 कुरिन्थियों 8:4


सो मूरतों के साम्हने बलि की हुई वस्तुओं के खाने के विषय में हम जानते हैं, कि मूरत जगत में कोई वस्तु नहीं, और एक को छोड़ और कोई परमेश्वर नहीं।


1) तो एक कौन हैं ? यीशू , जिसकी मैं बात कर रहा हु । तो एक परमेश्वर है ।

 2) सैतान कहता हैं , कोई परमेश्वर नही है , सब भगवान एक जैसे है , तो भगवान एक है । 

3) लेकिन वचन कहता है , एक ही परमेश्वर है । उसको जानना बहुत जरुरी है ।


5) पुनर्जन्म होता है :-


सैतान कहता है पुनर्जन्म होता है ,  ये सैतान का झूठ है 


 सच क्या है ? देखते है ,


                  इब्रानियों 9:27 


और जैसे मनुष्यों के लिये एक बार मरना और उसके बाद न्याय का होना नियुक्त है।


 1) मनुष्य के लिए एक बार पैदा होना , उसके बाद मरना , फिर उसके बाद मे , सिधा न्याय होना नियुक्त है ।

 2) इसका मतलब है की , पुनर्जन्म नही हैं 

 3) मनुष्य को एक बार पैदा होना है , मरना है और उसके बाद उसका न्याय होना नियुक्त है ।


6) कर्म करो , पाप से बचो :-


सैतान कहता है , कर्म करो पाप से बचो । 


 सच क्या है ?


             इफिसियों 2:8‭-‬9 


क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है। और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे।


1) आप टाटा है , आप अंबानी है , आप बिर्ला है , आप लंडन के प्रिन्स हैं , आप कोई भी क्यों ना हो ,

 आपके पैसे आपके पापक्षमा नही कर सकते । - - (2)

2) आपका दान कर्म पंडित को , मौलाना को , या चर्च के फादर को दान कर्म करने सें , या फिर आप जैसे कितनी भी लोग है , कोई भी दान कर्म करने से आपके पाप क्षमा नही होंगे । 

3) जब तक यीशू के द्वारा उद्धार नही होता ,  उसके लहू से उद्धार नही होता । 

4) दान कर्म करने से उद्धार नही होता , हे सैतान का झूठ है ।


7) सिर्फ यीशू ही उधारकर्ता नही है :-


1) आज पूरी दुनिया मे कम से कम 2000 साल पहले सें  एक प्रचार हो रहा है , यीशु का स्वीकार करो , यीशू का स्वीकार करो , नरक से बचो , पाप से बचो । 

2) लेकिन लुसिफरने बडा झूट डाल दिया है की , सिर्फ यीसु की द्वारा उद्धार नही है । 

3) कई नाम है और कही रास्ते है , जो उसके द्वारा उद्धार है 

 4) ये सबसे बडा झूठ है ।


तो सच ये हैं कि , 



              2 कुरिन्थियों 4:4 


और उन अविश्वासियों के लिये, जिन की बुद्धि को इस संसार के ईश्वर ने अन्धी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके।


पर सच क्या है ?


           प्रेरितों के काम 4:12 


और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिस के द्वारा हम उद्धार पा सकें॥


             फिलिप्पियों 2:10‭-‬11 


कि जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे है; वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें। और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है॥


दोस्तो , सैतान के 7 झूटपर विश्वास नही करना है ।


 1) आप जहा सें भी , इस विडियो को देख रहे हो 

 2) आप जो भी धर्म जाती के , कॉम के , आप कोई भी क्यों ना हो , आप इंसान हो । 

 3) आपको उधारकर्ता यीशू की जरुरत है ।

 4) मै चाहता हूँ , सैतान के झूट से बचे रहीये।  

 5) विश्वासी हो या अविश्वासी और प्रभू यीशू मसीह के पीछे चल रहे हो ।




Thursday, 10 March 2022

क्या उपवास करना जरूरी है?

 आज का विषय 

एक बार जरूर पढ़ ले


*क्या उपवास करना जरूरी है?*


✍️ *तीन तरह के उपवास दिखते हैं!*


👉 *पहला यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले का उपवास!*

(John spirit):-


👉 *दूसरा शास्त्री फरीसीयों का उपवास!* 

(religious spirit):-


👉 *तीसरा प्रेरितों का उपवास!* (पतरस,पौलुश का):-


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *क्या जैसे बपतिस्मा लेना जरूरी है!*


👉 *प्रभु भोज लेना जरूरी है!*


👉 *क्या वैसे ही उपवास करना जरूरी है?*


👉 *कोई नियम है?*


✍️ उतर:- कोई नियम नहीं है!


*ध्यान से सूने*:-


⭐ *यहुन्ना का उपवास*:-


👉 *तब यूहन्ना के चेलों ने उसके पास आकर कहा, “क्या कारण है कि हम और फरीसी इतना उपवास करते हैं,* पर तेरे चेले उपवास नहीं करते?”

(मत्ती 9:14)


✍️यहुन्ना ने शिखाया था तुम उपवास करो!


⭐ *शास्त्री फरीसी का उपवास*:-


👉फरीसी खड़ा होकर अपने मन में यह प्रार्थना करने लगा, ‘हे परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ, कि मैं और मनुष्यों के समान दुष्टता करनेवाला, अन्यायी और व्यभिचारी नहीं, और न इस चुंगी लेनेवाले के समान हूँ। *मैं सप्ताह में दो बार उपवास करता हूँ;* मैं अपनी सब कमाई का दसवाँ अंश भी देता हूँ।’

(लूका 18:11-12)


👉 क्या हमें यूहन्ना का उपवास चाहिए?


👉क्या हमें शास्त्री फरीसीयो का उपवास चाहिए?


✍️ *ये हमारे लिए नहीं है!*


*ध्यान से सूने*:-


✍️उपवास से संबंधित पूराने नियम का कोई भी वचन उठा कर (out of context) 


👉आप संविधान बनाकर नहीं ले सकते!


*उदाहरण:-*


✍️यीशु पहाड़ पर प्रार्थना करते थे!


👉तो हम भी पहाड़ पर जाएं?


✍️ *आपके घर है, बिल्डिंग है!*


👉 *आप चलते फिरते हर जगह जहां भी है प्रार्थना करेंगे,परमेश्वर सूनेगा!*


👉बाकी आप समझदार है........


*ध्यान से सूने*:-

 

✍️ पुराने नियम के उपवास हमारे लिए नहीं है!


⭐ *प्रेरितो का उपवास*:- 


👉 *ये हमारे लिए है!*


👉 *सवाल* :- *क्या प्रेरित उपवास रखते थे?*


👉 *कैसे रखा जाता था या कैसे रखते थे?*


*सूने*:-


👉और उन्होंने हर एक कलीसिया में उनके लिये प्राचीन ठहराए, *और उपवास सहित प्रार्थना करके उन्हें प्रभु के हाथ सौंपा जिस पर उन्होंने विश्वास किया था।*

(प्रेरितों के काम 14:23)


✍️ *तब उन्होंने उपवास प्रार्थना करके*


👉 *तब उन्होंने उपवास और प्रार्थना करके और उन पर हाथ रखकर उन्हें विदा किया।*

(प्रेरितों के काम 13:3)


✍️ *पहली सदी की कलिसिया में उपवास रखें जाते थे!*


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *प्रेरितो ने पवित्र आत्मा की अगुवाई में उपवास किया था!*


*सूने*:-


👉यीशु ने उनसे कहा, “जब तक दुल्हा बारातियों के साथ रहता है क्या वे उपवास कर सकते हैं? अतः जब तक दूल्हा उनके साथ है, *तब तक वे उपवास नहीं कर सकते।*

(मरकुस 2:19)


✍️ यीशु ने कहा वे दिन कौन सा दिन?


👉 *पवित्र आत्मा का दिन, तब वो उपवास करेंगे!* 


👉परन्तु वे दिन आएँगे, कि दूल्हा उनसे अलग किया जाएगा; उस समय वे उपवास करेंगे।

(मरकुस 2:20)


*सूने*:-


✍️ *पवित्र आत्मा (ministry) सेवकाई करने के लिए उपवास में अगुवाई कर सकता है!*


*सूने*:-


👉 *अगर कोई मिशन!*


👉 *अगर कोई पास्टर चालीस दिन उपवास करता है!*


👉 *आप कहते मैं भी करुंगा!*

👉 *ये गलत हो जाएगा!*


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *प्रेरित कैसे उपवास करते थे!*


👉 *पवित्र आत्मा की अगुवाई में!*


*सूने*:-


✍️ *जब तक पवित्र आत्मा अगवाई नहीं करता, आप उपवास मत करो!*


 *सवाल*:- *आप कहेंगे हमें कैसे पता लग सकता है?*


👉 *पवित्र आत्मा हमें कह रहा है?*


👉 *उतर*:- ये हमारे पवित्र आत्मा के साथ relation पर depend करता है!


*सूने*:-


👉 *आप सुसमाचार नहीं सूना रहे हो!*


👉 *आप बाहर नहीं जा रहे हो!*


👉 *Church स्थापना नहीं कर रहे हो!*


👉 *आप कहेंगे पवित्र आत्मा हम से बात नहीं कर रहा!*


*सूने*:-


✍️ *पवित्र आत्मा उसी की अगुवाई!*


👉 *उसी से बात करेगा करेगा, जो मिशन में हैं!*


👉 *क्योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं;* तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर के रचना हो।

(1 कुरिन्थियों 3:9)


✍️ हम खेत में है!


👉 *हम worker है ,जो हसुआ  लेकर फसल काट रहा है!*


*ध्यान से सूने*:-


 *सवाल* :- *क्या उपवास करने से हम ज्यादा पावरफुल बन जाते हैं?*

✍️ *जवाब* :- है नही!


*सूने*:-


👉और उसी में तुम पर भी जब तुम ने सत्य का वचन सुना, जो तुम्हारे उद्धार का सुसमाचार है, *और जिस पर तुम ने विश्वास किया, प्रतिज्ञा किए हुए पवित्र आत्मा की छाप लगी।*

(इफिसियों 1:13)


✍️ पवित्र आत्मा हमारे अन्दर है!


👉 *आपका पवित्र आत्मा ही हमें पावरफुल बनाता है!*


👉 सेवा ना करो (व्रत) उपवास रखो पावरफुल बन जाओ!


👉 *पावर किस लिए चाहिए?*


✍️ सेवा के लिए!


👉 *पर सेवा तो कर ही नहीं रहे!*


       **याद रखो**


✍️ *सेवकाई से संबंधित जितनी भी सामर्थ आपको चाहिए!*


👉 *वो सब आपके अन्दर ही है!*


*God bless you*

Tuesday, 8 March 2022

रक्तस्रावी स्त्री (मराठी )

 12 वर्ष रक्तस्रावी स्त्री

 

 1) सर्व प्रथम येशूसाठी टाळी. अद्भुत घटना 12 वर्षा पासून रक्तस्रावाचा आजार एका महिला साठी. 

2) आणि रक्त कोणत्याही मनूष्यासाठी तो पुरुष असेल , या स्त्री त्यांच्या साठी ताकत आहे . जर शरीरात रक्त नसेल तर मनुष्य मरतो .

3) परंतु या स्त्रीला 12 वर्षा पासून रक्तस्रावाचा आजार होता .

4)  तिन्ही ही पुस्तकात असे लिहिले नहीं आणि वाचायला मिळत नाही आणि भेटणार पण नाही , मी पण वाचले नहीं आणि तुम्हाला पण मिळणार नाही की  ,

5) ती दुष्ट आत्म्याची शिकार होती , कोणत्या तरी जादूटोणा ची शिकार होती , श्राप ची शिकार होती , पापाची शिकार होती , असे काही वाचायला भेटत नाही .

6) परंतु ती आपल्या आजारापासून लपून राहिली . परंतु जेव्हा आपण वाचतो या स्त्रीच्या आजाराचे कारण काय आहे ? 


कारण लिहिले नाही .


              याकोब 1:13‭-‬15 


कोणाची परीक्षा होत असता, देवाने मला मोहात घातले, असे त्याने म्हणू नये; कारण देवाला वाईट गोष्टींचा मोह होत नाही आणि तो स्वतः कोणाला मोहात पाडत नाही; तर प्रत्येक माणूस आपल्या वासनेने ओढला जातो व भुलवला जातो तेव्हा मोहात पडतो. मग वासना गर्भवती होऊन पापाला जन्म देते; आणि पाप परिपक्‍व झाल्यावर मरणास उपजवते.


1) पापा चे वेतन मरण आहे , दुसऱ्या शब्दांमध्ये मनुष्य आजारी पडतो , पापामुळे . त्यामुळे तीच्या बाबतीत हे घडले .

2) आणि येशू पासून दूर आहे ही स्त्री . ही स्त्री यहुदी असू शकते

3) त्या कारणाने कोणा जवळ , आसपास दिसत नव्हती ,  कारण तिला परवानगी नव्हती .


 1) तिला स्वतःला पण माहित होते , त्या कारणाने तिने कोणालाही शिवली नाही . 

 2) परंतु तीने येशूच्या कपड्याला शिवणे , हे तिने पसंत केले . 

 3) तिला भीती होती की , मी कोणालाही शिवले  तर लोकांना माझा आजार कळेल ,

 4) ते लोक मला दगडांनी मारतील , मला वाईट बोलतील म्हणून तिने , फक्त येशूच्या कपड्याला शिवली .

 5) अशा परिस्थिती ती येशु जवळ येते . काय काय घडले आणि आपण यातून काय शिकलो , मी तुला सांगतो . 

6) परंतु जितके प्रिचर आहे त्यांना मी सांगू इच्छितो की , त्या स्त्री ने स्पर्श केला म्हणून तुम्ही पण स्पर्श करा . 

7) तुम्ही प्रिच करा , परंतु सिद्धांत करू नका की , त्या स्त्रीने स्पर्श केला म्हणून , तुम्ही पण स्पर्श करा 

 8) त्या स्त्रीची मजबुरी होती , तशी तुमची मजबुरी नाही .


 तुम्हाला कोणाच्या कपड्याला शिवण्याची गरज नाही , तुम्हाला सरळ परमेश्वराला कडे यायचे आहे .

का ? 

ज्या दिवसापासून आपण येशुवर विश्वास ठेवतो त्या दिवसापासून आपण येशूचे मुले व मुली बनतो .


                    योहान 1:12 


परंतु जितक्यांनी त्याचा स्वीकार केला तितक्यांना म्हणजे त्याच्या नावावर विश्वास ठेवणार्‍यांना त्याने देवाची मुले होण्याचा अधिकार दिला;


                रोमकरांस पत्र 8:14‭-‬15 


कारण जितक्यांना देवाचा आत्मा चालवत आहे तितके देवाचे पुत्र आहेत. कारण पुन्हा भीती बाळगावी असा दासपणाचा आत्मा तुम्हांला मिळाला नाही; तर ज्याच्या योगे आपण “अब्बा! बापा!” अशी हाक मारतो असा दत्तकपणाचा आत्मा तुम्हांला मिळाला आहे.



1) या स्त्रीने कपड्याला शिवली , म्हणून तुम्ही पण तसे करा. मी प्रभूचा दास आहे , मी कपडा ठेवतो , त्याला शिवले पाहिजे

2) हे सिद्धांत बनवू नका आणि अशा गोष्टी पवित्र आत्मा काम करत नाही , विशेष ख्रिस्ती लोकांमध्ये .

3) ही गोष्ट वेगळी आहे की अविश्वासणाऱ्याना आरोग्य देणे आणि पुन्हा जगात सोडणे ,

 4) परमेश्वराला तेव्हा पण मर्जी नव्हती , आज पण नाही आणि उद्या पण राहणार नाही .

5) तर त्यांचे मन बदलणे , पापापासून परावृत्त करणे , त्याचे जीवन वाचवणे . हा परमेश्वराचा उद्देश आहे

6) तर आजचे प्रिचर म्हणतात की महा सभा , आशीर्वाद सभा , मिरॅकल सभा , आरोग्य सभा , यामध्ये म्हणतात कि येशु तुम्हाला बरे करित आहे , ऑफकोर्स तो बरा करीतो .

7) परंतु बरे झाल्यानंतर पुन्हा दारू पिणे , पुन्हा गुटका खाणे ,  पुन्हा सिगरेट ओढणे , पुन्हा पापाचे जीवन जगणे , पुन्हा लिला , शीला मुन्नी बदनामचे हे जीवन ,

8) हे काम परमेश्वर करत नाही . येशूची इच्छा आहे की तुमचे जीवन बदलले पाहिजे , सर्वात प्रथम पापापासून परावृत्त झाले पाहिजे , नंतर पहा चमत्काराची लाईन लागते .

 


 येथे दोन गोष्टी झाल्या :-


                         मत्तय 9:21 

कारण ती आपल्या मनात म्हणत होती, “मी केवळ त्याच्या वस्त्राच्या गोंड्याला शिवले तरी बरी होईन.”


                    मार्क 5:27 

   येशूविषयीच्या गोष्टी ऐकून ती त्या गर्दीत शिरली आणि त्याच्यामागे येऊन त्याच्या वस्त्राला शिवली.


              रोमकरांस पत्र 10:17 

ह्याप्रमाणे विश्वास वार्तेने व वार्ता ख्रिस्ताच्या वचनाच्या द्वारे होते.


                     


 1) येशू सारखा या येशू सारखा चमत्कार करणारा त्या काळात , आज पण आणि पुढे पण होणार नाही आणि कधी होणार पण नाही

2) येशूने मिराकल केला , येशू स्वतः म्हणाचा शांत रहा

3) आंधळा पाहू लागला , शांत रहा

4) मेलेला उठला , शांत रहा

5) कुष्ठ रोगी बरा झाला , शांत रहा

6) असे शांत करावे लागत होते



 येशू त्या काळात इतका फेमस झाला होता की ,


 1)  रस्त्यावर चालत असताना , येशूची चर्चा

 2) झाडाखाली बसले असताना , येशूची चर्च

 3) रुद्ध लोक आपस मध्ये बोलत असताना , येशुची चर्चा

 4) मेंढपाळा मध्ये , येशूची चर्चा

 5) ज्यांचे 2000 डुक्कर मेले त्यांना विचारले , तर येशू की चर्चा 

6) मंदिरामध्ये याजक , परुशी यांच्यात कोणाची चर्चा , तर येशूची चर्चा

 7) राजा हिरोदोस कोणाची चर्चा तर , यीशू ची चर्चा ,

 8) पिलोत कोणाची चर्चा , येशू ची चर्चा ऐकली - - (2)


 जी अशी चर्चा अशक्य गोष्ट शक्य झाली - - -(2)


 1) या स्त्रीने आपल्या मनात म्हटले की , या येशु जवळ जाईल 

 2) त्याच्या कपड्याला शिवण्याची संधी मला भेटली पाहिजे

 3) ती सरपटत  , रगडत , घासत , अशी-तशी फक्त कपड्याला शिवली तरी मी बरी होईल


अ) चर्चा तिने येशूची ऐकली , ती पेत्रा जवळ गेली नाही

 ब) चर्चा येशूची ऐकली तर ती , योहान जवळ गेली नाही

 क) याकोब जवळ गेली नाही

 ड) फिलिप जवळ गेली नाही

 इ) कोणत्याही सेवकाजवळ ती गेली नाही


 ती डायरेक्ट येशु जवळ गेली .


 जेव्हा आपल्याला प्रिचर कोणाच्या बाबतीत काही सांगतो


1)  तर आपल्या मनात हे का म्हणतो की , मी पास्टर जवळ जाणार

2) पास्टरचा हात , आपल्या डोक्यावर ठेवणार

3) पास्टरच्या कपड्याला शिवणार

4) पास्टर जी प्रार्थना करतो , तेल-पाणी त्याच्यावर विश्वास ठेवणार


 येशूवर विश्वास का करत नाही ?


 1) विश्वास ख्रिस्ताच्या वचनाने येतो , प्रिचर कडून नाही

 2) तर या स्त्रीने स्वतः च्या मनात , स्वतः म्हणते की

 3) मला येशूच्या कपड्याला शिवायचे आहे

 4) त्या कारणाने तिच्या जीवनात हा चमत्कार झाला


प्रश्न हा आहे, 


 आपण कोणाकडे जातो ?


 1) आम्ही चर्चा ऐकली येशूची आणि जातो सेवकाकडे

 2)  आम्ही चर्चा ऐकली येशूची , चमत्काराची तुम्हाला असे वाटते की पास्टर चमत्कार करेल

 3) पास्टर कधीच चमत्कार करू शकत नाही

 4) कोणता ही मायके लाल , कोणत्याही शहराचा , अमेरिका , आफ्रिका , भारत , कोणताही पास्टर कधीच चमत्कार करू शकत नाही

 5) हा येशू आहे , येशू शिवाय काहीच करू शकत नाही

       

                       योहान 15:5 

मीच वेल आहे, तुम्ही फाटे आहात; जो माझ्यामध्ये राहतो आणि मी ज्याच्यामध्ये राहतो तो पुष्कळ फळ देतो, कारण माझ्यापासून वेगळे असल्यास तुम्हांला काही करता येत नाही.



अ) आमचा विश्वास सेवकांवर का आहे ?

 ब) आमचा विश्वास पास्टरच्या हातावर का आहे ?

क) आमचा विश्वास पास्टरच्या सफेद कोटावर का आहे ?

ड) आमचा विश्वास त्या लोकांवर का आहे , जे तेल पाणी विकतात ?


 येशूची चर्चा ऐकली , येशूकडे या - - (2)


 या स्त्रीने येशूची चर्चा ऐकली आणि ती येशूकडे गेली , दुसऱ्या कोणाकडे गेली नाही


 तर आम्ही आज कोणाकडे जात आहोत ?


1) काही लोक म्हणतात या जागेवर चमत्कार आहे

2) ही मुर्खता आहे , हे नॉनसेन्स आहे जागा पाहून चमत्कार होत नाही 

3) तर चमत्कार परमेश्वर करतो , जागा कोणती ही असू द्या - - (2)

4) जागा कोणती ही असु द्या , चमत्कार प्रभू करतो - -- (2)


  चमत्कार परमेश्वर तेव्हा करतो , जेव्हा आपला विश्वास येशू वर असतो


1) काही लोक म्हणतात की , या स्त्रीने आपल्या मनात म्हटले , तुम्ही पण आपल्या मनात म्हणा

2) रिपीट रिपीट म्हणा ,  चमत्कार झाला आहे ,  चमत्कार झाला आहे , बोलत रहा , बोलत रहा , असे नही


                

                  1 योहान 5:13‭-‬15 

देवाच्या पुत्राच्या नावावर विश्वास ठेवणार्‍या तुम्हांला सार्वकालिक जीवन लाभले आहे हे तुम्हांला कळावे म्हणून मी हे तुम्हांला लिहिले आहे. (आणि तुम्ही देवाच्या पुत्राच्या नावावर विश्वास ठेवीत राहावे). त्याच्यासमोर येण्यास आपल्याला जे धैर्य आहे ते ह्यावरून की, आपण त्याच्या इच्छेप्रमाणे काही मागितले तर तो आपले ऐकेल; आणि आपण जे काही मागतो ते तो ऐकतो, हे आपल्याला ठाऊक आहे; म्हणून ज्या मागण्या आपण त्याच्याजवळ केल्या आहेत त्या आपल्याला मिळाल्या आहेत हेही आपल्याला ठाऊक आहे.




 काही वचन उचलून , सिद्धांत करतात


  म्हणतात की ,

1) बोलत रहा , बोलत रहा , बोलत रहा  , 

2) नोकरी भेटणार , नोकरी भेटणार  

3) ही मुर्खता आहे  , परमेश्वराचे काम करा , नोकरी मिळणार

   

                 मार्क 11:24 

म्हणून मी तुम्हांला सांगतो, तुम्ही प्रार्थना करून जे काही मागाल ते आपल्याला मिळालेच आहे असा विश्वास धरा म्हणजे ते तुम्हांला मिळेल.



1) परंतु रिपीट , रिपीट बोलायला सांगितले नाही

2) म्हणून येशू म्हटला की अन्य जाती सारखे बडबड करू नका



अ) येशूची चर्चा ऐकली ,  तर येशूच्या मागे चला

ब) येशूचा संदेश ऐकला , तर येशूच्या मागे चला

क) येशू वर विश्वास केला , येशू कडूनच आशीर्वाद मिळण्याची आणि चमत्कार होण्याची अपेक्षा ठेवा

 ड) हड्डी मांस , माणसां कडून नाही







Monday, 7 March 2022

महिला दिवस women day

 *महिला दिवस की शुभकामनाओं के साथ बहनों से अपेक्षा* 


1. *नबिया बनो दबोरा जैसी!*

👉(न्यायियो 4:4)


2.*शत्रु का सामना करो याएल जैसे!*

👉(न्यायियो 4:15,16)


3.*आज्ञाकारी बेटी बनो यिप्ताह की बेटी जैसे!*

👉(न्यायियो 11:36)


4.*सास बनो नाओमी जैसे!* 

👉(रुत 1:8 से 13)


5. *बहू बनो रुत के समान!*

👉(रुत 1: 16 से 1)


6.*मन्नत मांगो अर्पण करो हन्ना जैसे!*

👉(1शमूएल 1:28)


7. *माँ का फर्ज निभाओ हन्ना जैसे!*

👉(1शमूएल 2:19)


8.*विवेक रखो अबीगेल जैसे!*

👉(1 शमूएल 25:14-33)


9.*अपने लोगों के लिए खडे़ रहो एस्तेर के समान!*

👉(एस्तेर 4:15,16)

 

10.*शिक्षा दो लमूएल की माता के समान!* 

👉(नीतिवचन 31:1-33)


11.*पवित्र आत्मा की सामर्थ पाओ मरियम के समान!*

👉(लूका 1:35)


12.*विधवा हो हन्ना के समान!* 

👉(लूका 2:36,37)


13.*परमेश्वर से प्रेम करो व चरणों मे  बैठो मरियम की तरह!*

👉(लूका 7:37,38) (10:30)


14.*क्षमा पाओ व्यभिचारिणी जैसे!*

👉(यहुन्ना 8:11)


15.*काम करना व दान देना तबिता के समान!*

👉(प्रेरितो के काम 9:36)


16.*उपकारक बने फीबा जैसे!*

👉(रोमियो 16:12)


17.*पत्नी बने कलीसिया जैसे!*

👉(इफिसियो 5:27)


18.*पति की अधीनता में आज्ञाकारी रहे सारा जैसे!*

👉(1 पतरस 3:6)


19.*नानी बने लोइस के समान!*

👉(2 तीमुथियुस 1:5)


20.*विश्वास करो राहाब के जैसे!*

👉(इब्रानियों 11:31)


*God bless you*

Thursday, 3 March 2022

बिन पेंदी का लोटा

 आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े


*बिन पेंदी का लोटा*


✍️ *आज के मसीह लोग ऐसे ही हो गऐ है!*


👉 *ये एक कहावत है*:- अर्थ


👉 कभी इधर तो कभी उधर बिन पेंदी का लोटा!


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *यीशु कभी नहीं चाहते की उसकी कलिसाया बिन पेंदी का लोटा हो!*


👉 *परन्तु तुम्हारी बात हाँ की हाँ, या नहीं की नहीं हो;* क्योंकि जो कुछ इससे अधिक होता है वह बुराई से होता है।

(मत्ती 5:37)


✍️ *यीशु चाहते हैं तुम्हारी हां की हां हो!*


👉 *हाय उन पर जो बुरे को भला और भले को बुरा कहते,* जो अंधियारे को उजियाला और उजियाले को अंधियारा ठहराते, और कड़वे को मीठा और मीठे को कड़वा करके मानते हैं!

(यशायाह 5:20)


✍️ *आपका हां का हां और ना का ना हो!*


👉दफ्तर हो या कोई काम में आपका (statement) बयान जब देते हैं, होशियार होना है!


👉चाहे आप एक  पास्टर है!


👉चाहे आप एक विश्वासी है!


👉इसलिए मैंने जो यह इच्छा की थी तो क्या मैंने चंचलता दिखाई? या जो करना चाहता हूँ क्या शरीर के अनुसार करना चाहता हूँ, *कि मैं बात में ‘हाँ, हाँ’ भी करूँ; और ‘नहीं, नहीं’ भी करूँ?*

(2 कुरिन्थियों 1:17)


✍️पौलुश कहता है मैं हां का हां कहता हूं ना का ना!


*ध्यान से सूने*:-


✍️हमे बिन पेंदी का लोटा नहीं होना है!


⭐ *मसीह लोग कहां-कहां डोल जाते हैं ?*


(1) *विश्वासी अविश्वासीयो में!*


👉 *अविश्वासी दोस्तों में!*

👉 *झूठ बोलने में!*

👉  *प्रसाद खाने में!*

👉 *पाप करने में!*


👉 *Function में शराब, सिगरेट पी लेते हैं कहते हैं नौकरी है!*


👉सांसार में मिल जाते हैं, डोल जाते हैं!


👉 *और वचन के साथ समझोता करते हैं!*


उदाहरण:-


👉यहुदा:- वो डोल गया!


(2) *विश्वासी विश्वासीयो में!*


👉सब को अच्छा बोलेगे!


👉 *ये किसी को गलत नहीं बोलेंगे,अगर गलत चल भी रहा होगा तो भी नहीं!*


👉 *सेवक भी ऐसे हो गए है?* 

👉कैसे!


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *Pulpit से प्रचार करना चाहिए ,सही को सही और गलत को गलत बोलना चाहिए!*


👉चर्च को खुश रखना है:- 


👉 *पर सब को खुश रखना है क्यों?*


👉दान बंद ना हो जाए!


👉विश्वासी छोड़ कर चले ना जाए!


*सूने*:-


👉बहुत प्यार से बातें करेगे!


👉सब को खुश करना चाहते हैं!


✍️ *पर यीशु चाहते हैं हम सही को सही और ग़लत को ग़लत बोले!*


*सूने*:-


✍️आज सही को सही बोलेगे और ग़लत को भी सही बोलेंगे!


👉 *ऐसे लोग बिन पेंदी का लोटा के जैसे होते हैं!*


👉जो किसी का दिल दूखना नही चाहते!


👉कहते है सब से प्यार से रहो!


*सूने*:-


✍️सब से प्यार से नहीं रह सकते!


👉यीशु ने कहा:-


👉 *“यह न समझो, कि मैं पृथ्वी पर मिलाप कराने को आया हूँ; मैं मिलाप कराने को नहीं, पर तलवार चलवाने आया हूँ।*

(मत्ती 10:34)


👉उसने सबसे कहा, “यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप से इन्कार करे और प्रतिदिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले। क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा, परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा। यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे, और अपना प्राण खो दे, या उसकी हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा? जो कोई मुझसे और मेरी बातों से लजाएगा; मनुष्य का पुत्र भी जब अपनी, और अपने पिता की, और पवित्र स्वर्गदूतों की, महिमा सहित आएगा, तो उससे लजाएगा।

(लूका 9:23-26)


✍️ *हमे प्यार से रहना है पर सब से प्यार से नहीं रह सकते!*


👉मैंने अपनी पत्री में तुम्हें लिखा है, कि व्यभिचारियों की संगति न करना। यह नहीं, कि तुम बिलकुल इस जगत के व्यभिचारियों, या लोभियों, या अंधेर करनेवालों, या मूर्तिपूजकों की संगति न करो; क्योंकि इस दशा में तो तुम्हें जगत में से निकल जाना ही पड़ता। मेरा कहना यह है; कि यदि कोई भाई कहलाकर, व्यभिचारी, या लोभी, या मूर्तिपूजक, या गाली देनेवाला, या पियक्कड़, या अंधेर करनेवाला हो, तो उसकी संगति मत करना; वरन् ऐसे मनुष्य के साथ खाना भी न खाना। क्योंकि मुझे बाहरवालों का न्याय करने से क्या काम? क्या तुम भीतरवालों का न्याय नहीं करते? परन्तु बाहरवालों का न्याय परमेश्वर करता है: *इसलिए उस कुकर्मी को अपने बीच में से निकाल दो।*

(1 कुरिन्थियों 5:9-13)


✍️ *लिखा है निकाल दो!*


*अंत में हम क्या शिखते है, या क्या शिक्षा मालती है*:-


👉 *इसलिए जो सही है उसे सही बोले जो गलत है उसे गलत बोले!*


👉 *समझोते का जीवन ना जिए आप सब को खुश नहीं कर सकते !*


*God bless you*

उपवास Fasting ( मराठी )

 

 Fasting  (उपवास )


 1) उपवास करणे गरजेचे आहे का ?

  सरळ उत्तर आहे , नाही

 2) उपवास करणे पाप आहे का ?

   सरळ उत्तर आहे , नाही


 1) म्हणतात की उपास करणे फार गरजेचे आहे

 2) उपास नाही केले तर परमेश्वर प्रार्थना नाही ऐकणार

3) तुम्ही उपास करतात ते चुकीचे नाही , तुम्ही उपास करू शकतात


 तर प्रश्न काय होता ? उपवास करणे गरजेचे आहे का ?


 1) आपला Faith

 2) आपला विश्वास

 3) आपली प्रार्थना 

4) आपले वचन 

5) आपले कॅरेक्टर (जीवन ) प्रभू सोबत कसे आहे , हे इम्पॉर्टन्ट आहे 


तर , ,

 उपवासा विषयी खूप काही गोष्टी आपण शिकू


  उपवास तेव्हा केला पाहिजे , जेव्हा पवित्र आत्म्याची प्रेरणा होईल


  कारण कोणी करत आहे , म्हणून करू नका


 1) उपवास यासाठी नाही केला पाहिजे की , कोणी करत आहे म्हणून

2) कोठून तरी तुम्ही  Teaching ऐकली

3) कोठून तरी तुम्ही पुस्तक वाचले

4) कोठून तरी तुम्हाला माहित झाले , म्हणून तुम्ही म्हणतात , मी पण करणार

5)  नाही नाही , असे तुम्हाला करायचे नाही



1) तुम्हाला उपवास तोपर्यंत करायचं नाहीये

2) जोपर्यंत पवित्र आत्मा तुम्हाला लीड करत नाही

3) तुम्हाला ओझे देत नाही

4) जेव्हा पवित्र आत्मा सांगतो , आता कर उपवास , तेव्हा करायचा आहे

5) कोणी सांगितले , कोणी केले म्हणून उपवास नाही करायचा

6) जेव्हा पवित्र आत्मा तुम्हाला लीड करतो , तेव्हा उपवास करायचा आहे

7) जे करत आहे त्यांना करू द्या

8) परंतु तुम्ही कोणाची नक्कल करू नका


 उपवासा विषयी तुम्ही कोणत्या बंधनात नाही


 कारण की बायबल मध्ये उपवासा विषयी कुठलाच नियम नाही - - - (2)


 जबरदस्तीचा उपवास करू नका


1)  तुम्ही स्वतंत्र आहात

2) तुम्ही पवित्र आत्म्याच्या लीड मध्ये आहात

3) तुम्ही येशूची मंडळी आहात

4) येशूची वधू आहात

5) पवित्र आत्मा चे लोक आहात 

6) पवित्र आत्म्याच्या सामर्थ्यात चालणारे लोक आहात

7) तुम्ही जबरदस्तीचा उपवास ठेवू नका


1) काही पास्टर म्हणतात , मी धरला आहे , तुम्हीपण धरा

2) काही सेवक म्हणतात , मी सात दिवसाच्या उपवासात जाणार आहे , तुम्ही पण जा  , का जाऊ ?

3) परमेश्वराने तुम्हाला ओझे दिले आहे , तुम्ही करा

4) पूर्ण 7 दिवस , 10 दिवस , 20 दिवस , 40 दिवसाच्या उपवासा मध्ये घेऊन जात आहे ?


 त्यामुळे जबरदस्तीचा उपवास धरू नका


 भावनिक होऊन उपवास धरू नका


 A) काही सेवकाने आपला जीव गमावला

  B) काहींना उपासाचे उत्तर नाही मिळाले म्हणून त्यांनी सेवा ही  सोडून दिली


1) कोणी म्हटले की , उपवास करा तर आम्ही भावनिक होऊन जातो

2) असे किती आहेत की ते मरून गेले  , उपवासा मुळे , कारण ते स्वतः च्या मर्जीने करत होते


  उत्तर नाही मिळाले , म्हणून म्हणतात की ,


1) परमेश्वर खरा नाही , परमेश्वर ऐकत नाही , परमेश्वर चांगला नाही , माझ्यासाठी तुझ्याकडे चांगली योजना नाही 

2) आज पासून मी सेवा बंद करत आहे आणि सेवा सोडून दिली 

3) याला म्हणतात मूर्खता , याला म्हणतात नॉन्सेन्स , याला म्हणतात वेडेपणा


 काही लोक शिकवतात , जर तुम्हाला पावरफुल बनायचे असेल , तर तुम्हाला उपवासात जावे  लागेल


 7 दिवस , 10 दिवस , 20 दिवस , 40 दिवस ही धारणा चुकीची है , Total चुकीची आहेत


1) तुम्हाला पावरफूल बनण्यासाठी कोणत्याही प्रकारचे हात-पाय मारायची गरज नाही

2) तुम्हाला कोणत्या ही प्रकारची ताकत लावायची नाही


 कारण की , 

 पावरफूल तुम्ही नाही बनत , तर पावरफुल परमेश्वर बनवतो - - (2)


 तुम्ही स्वतः पावरफूल बनत नाही


 1) असे म्हणतात कि , तुम्हाला जर पावरफुल  बनायचे असेल तर 7 दिवस , 10 दिवस , 40 दिवस , उपवास करावे लागेल

2) पावरफुल तुम्ही नाही बनत , तर पावरफूल परमेश्वर बनवतो

3)  परंतु तुमच्या तपस्या ने नाही

4) ही परमेश्वराची कृपा आहे , हे परमेश्वराचे प्रेम आहे , ही परमेश्वराची दया आहे


 जेव्हा आपण बायबल मध्ये उपवासा विषयी वचन वाचतो , त्याची नक्कल करू नका


 जसे , कोठे ?

 1) मोशे ने उपवास केला होता


                निर्गम 34:28 


मोशे तेथे परमेश्वराबरोबर चाळीस दिवस व चाळीस रात्री होता; त्याने भाकर खाल्ली नाही, तो पाणीही प्यायला नाही; आणि त्या पाट्यांवर परमेश्वराने कराराची वचने म्हणजे दहा वचने लिहून ठेवली.


 1) तर याची नक्कल आम्ही आणि तुम्ही करू शकतो का , नाही

2) ज्याप्रमाणे मोशेने केले त्याप्रमाणे आपण पण केले पाहिजे , असे काही लोक शिकवतात

 3)  तर तुम्हाला कोणत्याही वचनाचा उपवास करायचा नाही , मोशेला नमस्ते

4) तो मोशे चा टाईम होता , तो मोशेचा काळ होता , तो मोशेच समय होता तो आम्ही नाही करणार

5) कोणत्याही प्रकारची नक्कल करायची नाही , ते मोशेला म्हटले आहे

6) ते मोशे बरोबर बंद करा , तुम्ही मोशे नहीं


2) दानियल ने उपावास केला होता


               दानीएल 10:3 

तीन सबंध सप्तके संपेपर्यंत मी स्वादिष्ट अन्न मुळीच खाल्ले नाही, मांस व द्राक्षारस ही माझ्या तोंडात गेली नाहीत आणि मी तैलाभ्यंगही केला नाही.



1) तुम्ही याला वाचतात हिंदीमध्ये , तुम्ही वाचता इंग्लिश मध्ये

2) परंतु जेव्हा तुम्ही ओरिजनल मध्ये हिब्रु आहे , लॅटिन आहे त्याच्यामध्ये वाचतो तेव्हा माहित होते की दनिएलने अन्न खाल्ले होते

3) परंतु स्वादिष्ट नाही , तो पाणी प्यायला होता , द्राक्षरस नाही

4) तर त्याने अन्न पण खाल्ले होते आणि पाणी पण प्याला होता

5) दानियल म्हणतो मी अन्य खाल्ली होते आणि लोक याची नक्कल करतात

6) मी 21 दिवस Fasting मध्ये जाईल , मी काहीच खाणार नहीं , परंतु दनिएलने काही तरी खाल्ले होते

7) दानियल म्हणतो , मी खिचडी खाल्ली होती , मी काही न काही खाल्ले होते , तुम्ही काय करत आहात ? 


3) योएल ने उपवास केला होता


             योएल 2:12 


 “आता तरी” परमेश्वर म्हणतो, “तुम्ही मनःपूर्वक माझ्याकडे वळा; उपोषण, आक्रंदन व शोक करून वळा.”


1) तर या वचण्याची नकल आपण करू शकतो का ? नाही

2) कोणत्या तरी मॅन ऑफ गॉडची , कोणत्या तरी दासाची , कोणत्या तरी बायबल काळातील कोणी प्रोफेटची 

3) कोणती ही व्यक्ती अब्राहम पासून मोशे पर्यंत , मोसे पासून योहान बाप्तिस्मा करणारा पर्यंत

4) योहान बाप्तिस्मा करणाऱ्या पासून पौला पर्यंत

5) कोणाचीही नक्कल करू नका


वर्तमान सेवकांची भी नकल करू नका


 कोणी पण आफ्रिका , अमेरिका , भारत चा कोणाची भी नकल करू नका


काही कॉन्सेप्ट आहे - - (2) 


असे म्हटले जाते की ,


1) माझ्या मिनिस्ट्री च्या मागे , आज मी एवढा पावरफुल आहे

2) त्याच्यामागे ते परमेश्वराला क्रेडिट देत नाही , ते पवित्र आत्म्याने क्रेडिट देत नाही

3) कोणाला देतात माहित आहे , फास्टिंग ला

4) मी चाळीस दिवस Fasting मध्ये होतो , किती वेळेस दहा वेळेस , तेव्हा कुठे जाऊन आहे हा अभिषेक मला मिळाला

5) तेव्हा कुठे मला पवित्र आत्मा मिळाला , अशी फुशारकी मारतात


शारीरिक भक्ति ने काहीच  होणार नाही


1) आपल्याला दाखवण्यासाठी काहीच करायचे नाही

2) आपल्याला पब्लिकला दाखवण्यासाठी काहीच करायचे नाही

3) तर शारीरिक भक्ती बंद करा , स्वतःला मारणे बंद करा , स्वतःला कष्ट देणे बंद करा

4) वर्तमान सेवकांची नक्कल करणे बंद करा


 चला पाहूया , येशूने काय सांगितले होते

उपवासा विषयी

               मत्तय 6:16‭-‬18


 तुम्ही जेव्हा उपास करता तेव्हा ढोंग्यासारखे म्लानमुख होऊ नका, कारण आपण उपास करत आहोत असे लोकांना दिसावे म्हणून ते आपली तोंडे विरूप करतात. मी तुम्हांला खचीत सांगतो की, ते आपले प्रतिफळ भरून पावले आहेत. तू तर उपास करतोस तेव्हा आपल्या डोक्याला तेल लाव, व आपले तोंड धू; अशा हेतूने की, तू उपास करत आहेस हे लोकांना नव्हे, तर तुझ्या गुप्तवासी पित्याला दिसावे, म्हणजे तुझा गुप्तदर्शी पिता तुला उघडपणे प्रतिफळ देईल.

 

1) दिसण्यासाठी मी फास्टिंग का करू ? मी पब्लिकला का दाखवू की मी चाळीस दिवस fasting मध्ये आहे ?

2) उपवास तुम्ही आणि परमेश्वर यामधली गोष्ट आहे

3) तुम्ही उचलून पब्लिक करून टाकले , तुम्ही सार्वजनिक करून टाकले , तुम्ही डॉक्टरीन बनवून टाकले


 येशू म्हणतो , मी जोपर्यंत सांगत नाही , तोपर्यंत तू फास्टिंग करू नको

 पवित्र आत्मा म्हणतो , मी नाही सांगत तोपर्यंत Fasting करू नको


 तुम्ही उपास कधी ? आणि का ? केला पाहिजे ?


 मिनिस्ट्री साठी उपास करा , मिनिष्ट्री मध्ये काही अडखळन आहे का ? त्यासाठी उपवास करा


1) तुम्ही परमेश्वराजवळ जाऊ शकतात , परमेश्वर माझे चर्च , माझे मिनिस्ट्री , माझे काहीच व्यवस्थित नाही

2) मी कशी सेवा करू , मी कशी प्रार्थना करू , तुम्हाला मिनिस्ट्री साठी उपवास करायचा आहे

3) परमेश्वराजवळ बसा , मला वचन का समजत नाही मला डिसिप्लिन करायला का जमत नाही ?

4) माझ्या संदेशाने लोक का बदलत नाही , यासाठी उपास करा


              

               प्रेषितांची कृत्ये 13:2‭-‬4 


 ते प्रभूची सेवा व उपास करत असता पवित्र आत्मा म्हणाला की, “बर्णबा व शौल ह्यांना ज्या कार्यासाठी मी बोलावले आहे त्यासाठी त्यांना माझ्याकरता वेगळे करून ठेवा.” तेव्हा त्यांनी उपास व प्रार्थना करून आणि त्यांच्यावर हात ठेवून त्यांची रवानगी केली. ह्याप्रमाणे पवित्र आत्म्याच्या द्वारे त्यांची रवानगी झाल्यावर ते सलुकीयात येऊन तारवातून कुप्रास गेले.


 तुमचा फास्टिंग तुमचा व्यक्तिगत फायदा करत नाही तर

  तुमचा फास्टिंग परमेश्वराचे राज्याचे किंगडम चे फायदा करत आहे - - (2)


बर्नबा आणि पौल


 1) त्यांना चर्चने पाठवले नहीं

 2) त्यांना संस्थांने पाठवले नाही

 3) त्यांना डीनामेंनेशन पाठवलेले नाही

 4) तर लिहिले आहे पवित्र आत्मा ने पाठवले आहे

 5) याचा अर्थ आहे की त्यांना लेडींग पवित्र आत्म्याने केली आहे

 6) परमेश्वराचे राज्य वाढण्यासाठी उपवास करायचा आहे


 तुम्हाला उपवास या गोष्टींसाठी करायचा नाही - - (2)

 त्या कोण - कोणत्या गोष्टी आहे तर ,


 1) परमेश्वराच्या जवळ येण्यासाठी

 2) पवित्र आत्मा मिळण्यासाठी

 3) कृपादान प्राप्त करण्यासाठी

का ,

कारण की ,,,


 1) परमेश्वर तुमच्या जवळ आला आहे

 2) पवित्र आत्मा तुम्हाला भेटला आहे

 3) कृपादान देखील तुम्हाला मिळाले आहे


 परमेश्वर म्हणतो ,


1) मोशे करत होता उपवास

2) अब्राहम करत होता उपवास 

3) जोशवा (यहोशवा) करत होता उपवास 

4) हे सर्व जण करत होते उपवास


का ,

कारण की ,,

 1) मी (येशु) त्यांच्याजवळ नव्हता

 2) परंतु तुम्ही तर माझी मंडळी आहात - - (2)

 3) तुम्ही माझी मंडळी आहात

 4) मी ओलरेडी तुमच्या मध्ये आलो आहे

 5) पवित्र आत्मा दिला आहे

 6) कृपादानाने तुम्ही भरलेले आहात


तर काय करत होता , काम करत आहे , प्रभूंचे काम करत आहे 



 प्रत्येक विश्वासनार्यांची तीन प्रकारच्या गरजा असतात


1) Spiritual Need - आत्मिक गरज

2) Physical Need - शारीरिक गरज

3) Materal Need - भौतिक गरज


                   याकोब 1:17 


    प्रत्येक उत्तम देणगी व प्रत्येक पूर्ण दान वरून आहे; ज्याला विकार नाही व जो फिरण्याने छायेत जात नाही अशा ज्योतिमंडळाच्या पित्यापासून ते उतरते.



 तर तुम्ही ,


1) आत्मिक गरज कोण पूर्ण करतो ? परमेश्वर

2) शारीरिक गरज कोण पूर्ण करतो ? परमेश्वर

2) भौतिक गरज कोण पूर्ण करतो ? परमेश्वर


 4) तर तुमची आत्मिक गरज पूर्ण झाली आहे

 5) तुमची शारीरिक गरजा पूर्ण झाली आहे

 6) तुमची भोवतीक गरज पूर्ण झाली आहे


 तुमचे डोके दुखणे , पोट दुखणे , कोरोना , तुमचा कॅन्सर

 या सर्व गोष्टी प्रभू म्हणतो मी आहे ,  मी सर्व बरे करील


भौतिक गरज -


 1)  किराणा बिल , टेलिफोन बिल , लाईट बिल , मुलांची शाळेची फी

2) या साऱ्या गोष्टी प्रभू म्हणतो , मी आहे

3) तर ज्या गोष्टी परमेश्वराने अगोदरच दिल्या आहे

4) त्या गोष्टीला घेऊन तुम्ही का परत fasting मध्ये बसत आहात - - (2)


तुमची आत्मिक गरज -


 1) काय पाहिजे होते , तारण , मिळाले

 2) परमेश्वराचे सानिध्य मिळाले

 3) तुम्हाला काय पाहिजे होते , पवित्र आत्मा , मिळाला

 4) तुम्हाला काय पाहिजे होते , कृपा दान , मिळाले


Fasting ( उपवास ) का ?


शारीरिक गरज -

 1) मला बरे नाही , परमेश्वर म्हणतो , मला बसलेल्या फटक्याने तुम्हास आरोग्य प्राप्त झाले

 2) पैसे , नोकरी तुमची गरज परमेश्वर आहे पूर्ण करण्यास 


 उपवास (Fasting) फक्त , फक्त एकाच गोष्टीसाठी करतात आणि ते आहे , प्रभु चे राज्य वाढण्यासाठी - - (2)


 आज ख्रिस्ती समाजामध्ये उपवास खतरनाक होत आहे

 दुष्ट आत्माची  मिनिष्ट्री ला प्राप्त करत आहे


कसे :-

1) एक पवित्र आत्मा नाही - दोन

2) एक येशु नाही - दोन

3) एक सुवार्ता नाही - दोन


1) स्वर्गदूताला तर जबरदस्तीने पाहणे

2) आत्मा मध्ये कुठेतरी जाऊन येण्याची गोष्ट बोलतात

3) दृष्टांत पाहण्याची इच्छा ठेवणे

4) कोणी म्हणतात , मला स्वर्ग दूत दिसतात , त्यात काही अडचण नाही

5) परंतु मला पण दिसले पाहिजे , हे तर चुकीचे आहे


जबरदस्तीने पाहणे -

 1) पवित्र आत्मा ने मला घेऊन जावे अमेरिका , आफ्रिका मध्ये , हे चुकीचे आहे

2) परमेश्वर तुम्हाला दाखवत नाही , परंतु तुम्ही जबरदस्तीने पाहत आहात


तर चांगले (Best) काय आहे ?


1) तुम्हाला परमेश्वरा जवळ बसायचे आहे

2) प्रभू मध्ये राहायचे आहे

3) वचना नुसार चालयाचे आहे


 तर तुम्हाला जबरदस्तीने मागायचे नाही

 असे करू नका - - (2)


 तर उपवासाला धरून , जबरदस्ती करू नका


1) नक्कल करू नका

2) जोपर्यंत पवित्र आत्मा सांगत नाही , तोपर्यंत उपवास करू नका

3) कारण कोणी सांगितले , म्हणून करू नका

4) चर्चचे नियम आहे , म्हणून करू नका

5) तुम्हाला चांगले वाटते , म्हणून करू नका

6) जेव्हा तुम्हाला लीड होते , तेव्हा उपवास करा









Tuesday, 1 March 2022

यीशु मसीह कौन है?

 यीशु मसीह कौन है?


 कुछ लोग सवाल पूछते हैं, "क्या वास्तव में कोई ईश्वर है?" यीशु मसीह एकमात्र व्यक्ति है जिसे स्वीकार किया जाता है, यीशु वास्तव में एक इंसान था, और वह 2,000 साल पहले इज़राइल की सड़कों पर चला था।  जैसे ही यीशु की पूरी पहचान पर चर्चा होती है, बहस शुरू हो जाती है।  अधिकांश प्रमुख धर्म सिखाते हैं कि यीशु एक भविष्यद्वक्ता या एक अच्छा शिक्षक या एक धर्मपरायण व्यक्ति है।  लेकिन समस्या तब शुरू होती है जब बाइबल हमें बताती है कि यीशु एक भविष्यद्वक्ता, एक अच्छा शिक्षक, या एक धर्मपरायण व्यक्ति से भी अधिक अमर है।


👉 फिर, यीशु क्या होने का दावा करता है?  बाइबल क्या कहती है, वह कौन है?  हम सबसे पहले देखते हैं कि यीशु ने यूहन्ना 10:30 में क्या कहा,

  "मैं एक पिता हूँ"

🙏  पुत्र और पिता समान और एक हैं।  यह सत्य की निशानी है कि दोनों का स्वभाव एक ही है।  जैसा कि मैं इस वाक्य को देखता हूं।


👉 परमेश्वर की समानता में होने के कारण, वह उन चीजों को नहीं जानता था जो परमेश्वर के समान हैं,

 फिलीपीन।  2: 6


👨‍💻 ईश्वर के साथ समानता। ”- यहाँ यह किसी चीज़ के कब्जे को दर्शाता है।  शब्द इस तरह लग सकते हैं, लेकिन इसका अर्थ कुछ इस तरह होगा: परमेश्वर पिता, परमेश्वर पुत्र, और परमेश्वर पवित्र आत्मा प्रकृति और गुणों में समान हैं।  यह ऐसी चीज है जिसे कोई भी ले सकता है, छोड़ नहीं सकता।  इस प्रकार, ट्रिनिटी के तीन सदस्य कार्यालय के संबंध में समान नहीं हैं।  पिता का स्थान सर्वोपरि है।  यूहन्ना 14:28, परमेश्वर का पुत्र यीशु नहीं चाहता था कि परमेश्वर पिता की छवि को अपने अधिकार में ले ले।  सच्चाई इसके खिलाफ थी।  वह खुश था कि पिता  हो और पुत्र पिता की आज्ञा माने - यूहन्ना 4:34;  5:30;  6:38;  8:29;.  पुत्र के इस संसार में आने से पहले पिता और पुत्र के बीच का अंतर उपरोक्त वाक्य में स्पष्ट रूप से बताया गया है।


 बेटा और पिता बराबर और एक हैं आइए देखते हैं एक और वाक्य।


👉 सभी का ईश्वर और पिता एक है, वह सबसे ऊपर है, सबसे निकट है, और सभी हृदयों में है।

 इफिसियों 4: 6


👨‍💻 बाइबल कहती है कि यीशु सभी के लिए मरा।  लेकिन वह सभी के लिए काम नहीं कर सकता।  वह उनके लिए काम करता है जो उसे काम करने देते हैं।  या फिर जो उसे अपनी जिंदगी में जगह देते हैं।  यहोवा परमेश्वर सभी लोगों में नहीं है (2: 12-13, 4:18)।  शब्द "एक" पद 4-6 में सात बार प्रकट होता है।  क्योंकि जो लोग इन सात बातों को मानते हैं, वे सब एक हैं, उन्हें 'शांति की जंजीर' में एकता बनाए रखनी चाहिए।  ये पद त्रिएक पर केंद्रित हैं - एक आत्मा, एक गुरु, एक पिता, तीन व्यक्ति, एक ईश्वर।  (यहाँ उन्होंने सात बातों का उल्लेख किया है)।  वे एक दूसरे से दूसरे मामलों में भिन्न होते हैं।  यह उनकी आध्यात्मिक क्षमता और कार्य के बारे में सच है।

 "मैं और मेरे पिता एक हैं।"

  ऐसा प्रतीत नहीं होता है कि शुरू में परमेश्वर के रूप में दावा किया गया था, लेकिन यहूदियों की प्रतिक्रिया पर ध्यान दें, 'नेताओं ने उत्तर दिया।

 "हम भले काम के लिए तुझे पत्थरवाह नहीं करते, परन्तु तू मनुष्य होते हुए भी परमेश्वर होने का दावा करता है" (यूहन्ना 10:33)।


👨‍💻 यीशु के शब्दों से समझ गया कि वह परमेश्वर होने का दावा कर रहा था।  इस पद में यीशु ने यह कहकर यहूदियों को सुधारने की कभी कोशिश नहीं की, "मैं परमेश्वर होने का दावा नहीं करता।"  तथ्य यह है कि यीशु परमेश्वर है वास्तव में निहित है जब उसने कहा, "मैं और पिता एक हैं" (यूहन्ना 10:30)।  यूहन्ना 6:56 में एक और उदाहरण है: ‘यीशु ने उन से कहा,

  "मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि इब्राहीम के उत्पन्न होने से पहिले मैं हूं।"


  एक बार फिर, यहूदियों ने यीशु को मारने के लिए पत्थर उठाए (यूहन्ना 6:59)।


👉 और उन्होंने उस पर पथराव करने के लिथे पत्यर उठाए; परन्तु यीशु मर गया, और आराधनालय से निकल गया।  जॉन 6:59


👉  यीशु ने अपनी पहचान को प्रकट करते हुए कहा, "मैं हूं," जो कि परमेश्वर के पुराने नियम के नाम का प्रत्यक्ष प्रयोग है (निर्गमन 3:14)।


👉 परमेश्वर ने मूसा से कहा, "मैं वही हूं जो मैं हूं";  उस ने कहा, इस्त्राएलियोंसे कह, कि मैं हूं।

 निर्गमन 3:14


👉 यदि यीशु ने उनके विश्वासों के अनुसार ईशनिंदा के समान कुछ नहीं कहा, तो वे उसे फिर से पत्थरवाह क्यों करना चाहते थे?


 यूहन्ना 1:1 कहता है, "वचन ही परमेश्वर था।"


 आरम्भ में वचन था, और वचन परमेश्वर के पास था, और वचन परमेश्वर था।  जॉन 1: 1


 यूहन्ना 1:14 कहता है, "यही वह वचन है जो मनुष्य से उत्पन्न हुआ है।"  यहाँ यह स्पष्ट है कि यीशु मानव रूप में ईश्वर हैं।


👉 और वचन देहधारी हुआ, और हमारे बीच में रहने लगा, और हम ने उस की महिमा को वैसे ही देखा, जैसे पिता से उत्पन्न हुए की महिमा होती है;  वह अनुग्रह और सच्चाई से भरा है।

 जॉन.  1:14


👨‍💻 शिष्य थोमा ने यीशु को आमने सामने यह कहते हुए घोषित किया, "यहोवा मेरा है, और मेरा परमेश्वर मेरा है" (यूहन्ना 20:26)।  यीशु ने उसे ठीक नहीं किया।


👉 थोमा ने उत्तर देकर उस से कहा, हे मेरे प्रभु, हे मेरे परमेश्वर!

 जॉन.  20:28


👉 प्रेरित पौलुस ने यीशु से कहा, "हमारा महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह है" (तीतुस 2:13)।


🙏 और सर्वोच्च आशा की पूर्ति के लिए, और महान ईश्वर और हमारे उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा की अभिव्यक्ति के लिए।

 तीतुस 2:13


 प्रेरित पतरस ने इसी तरह कहा, "हमारा परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह है" (2 पतरस 1:1)।


🙏 शमौन पतरस, यीशु मसीह के सेवक और प्रेरित के लिए - उन लोगों के लिए जिन्होंने हमारे साथ हमारे परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की धार्मिकता में वही अनमोल विश्वास प्राप्त किया है।

 2 पतरस 1:1


🙏 यहां तक ​​कि पिता परमेश्वर ने भी यीशु की पूर्ण पहचान की गवाही दी, परन्तु परमेश्वर ने पुत्र के बारे में कहा, "हे परमेश्वर, तेरा सिंहासन अनन्त है;  तेरा नियम धार्मिकता का नियम है ”(इब्रानियों 1:7)।


👉 परन्तु पुत्र के विषय में वह कहता है: “हे परमेश्वर, तेरा सिंहासन चिरस्थायी है।  और सरलता का नियम उसके राज्य का शासन है।

 हिब्रू।  1: 7


 मसीह के विषय में पुराने नियम की भविष्यवाणियाँ उसकी दिव्यता की घोषणा करती हैं,


👉 क्योंकि हमारे लिये एक लड़का उत्पन्न हुआ है, हमें एक पुत्र दिया गया है;  और उसके कंधों पर अधिकार होगा, और उसका नाम होगा - 'आश्चर्य मंत्री, पराक्रमी परमेश्वर, शाश्वत पिता, शांति के राजा'।

 भविष्यद्वक्ता यशायाह की पुस्तक।  9: 6


👨‍💻 इसलिए, केवल एक अच्छे शिक्षक के रूप में यीशु पर विश्वास करना ही पर्याप्त नहीं है।यीशु ने स्पष्ट रूप से और निर्विवाद रूप से ईश्वर होने का दावा किया है।  यदि वह परमेश्वर नहीं है, तो वह झूठा है, तो वह भविष्यद्वक्ता नहीं हो सकता;  आप एक अच्छे शिक्षक या ईश्वरीय व्यक्ति नहीं हो सकते।  आधुनिक-दिनों के "विद्वानों" ने यीशु की कही हुई बात को समझाने की कोशिश की है, यह दावा करते हुए कि "सच्चे इतिहासकार यीशु ने उसके बारे में बाइबल जो कुछ कहती है, उसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहा।"  हम कौन होते हैं जो इस बारे में बहस करते हैं कि परमेश्वर का वचन यीशु के बारे में क्या कहता है और क्या नहीं?  यीशु ने जो कहा या नहीं कहा, उसे ध्यान में रखते हुए, "विद्वान" उन लोगों के शब्दों के महत्व को कम कैसे आंक सकते हैं जिनके साथ वह दो हजार साल पहले रहा, उनकी देखभाल की और उन्हें सिखाया (यूहन्ना 14:26)?


👉 “परन्तु सहायक अर्थात् पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा।

 जॉन.  14:26


👨‍💻 ন यीशु की असली पहचान का सवाल इतना महत्वपूर्ण क्यों है?  जीसस गॉड हैं या नहीं, इतनी फिक्र क्यों?  सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि यीशु ही परमेश्वर है, क्योंकि यदि वह परमेश्वर नहीं होता, तो उसकी मृत्यु पूरी दुनिया के लिए पाप के दंड का भुगतान करने के लिए पर्याप्त नहीं होती (1 यूहन्ना 2:2)।


👉 और वह हमारे पापों का प्रायश्चित है, न केवल हमारे लिए, बल्कि पूरे संसार के लिए।

 1 जॉन।  2: 2


 केवल परमेश्वर ही ऐसी असीमित मजदूरी (जुर्माना) दे सकता है (रोमियों 5:6; 2 कुरिन्थियों 5:21)।


👉 लेकिन परमेश्वर हमें अपना प्यार दिखा रहे हैं;  क्योंकि जब हम पापी थे तब भी मसीह ने हमारे लिए अपना जीवन दे दिया।

 रोमन।  5: 7


👉 उस ने जो पाप को नहीं जानता, उसे हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में परमेश्वर की धार्मिकता ठहरें।

 2 कुरिन्थियों।  5:21


 यहाँ चार सत्य हैं।

👉 पहला, मसीह पापरहित था (1 यूहन्ना 3:5)।


👉 दूसरा, परमेश्वर ने मनुष्य पर मनुष्य के अपराध और परमेश्वर ने सारे संसार के पापों को फेंक दिया, और मसीह ने उसके स्थान पर दण्ड ले लिया।  परमेश्वर ने यीशु को पापी माना।  सभी प्रकार के कर, दुष्टता, हिंसा, भ्रष्टाचार और अन्य बुरे काम परमेश्वर के पवित्र पुत्र के नाम पर किए गए।


👉 तीसरा, यह सब "हमारे लिए" था (1 यूहन्ना 4:10)।  परमेश्वर ने यह सब यीशु के नाम से किया ताकि यह हमारे खाते में न आए।


👉 चौथा, मसीह यीशु में विश्वासियों के लिए परमेश्वर का उद्देश्य परमेश्वर की धार्मिकता थी।  यह धार्मिकता और मसीह के साथ एकता को भी संदर्भित करता है।


🙏 यीशु परमेश्वर बने ताकि वह हमारे पापों का कर्ज चुका सके।  यीशु मनुष्य बना ताकि वह मर सके।  इसलिए उद्धार केवल यीशु में विश्वास के द्वारा ही संभव है।  यीशु ही उद्धार पाने का एकमात्र तरीका है।  यीशु की दिव्यता उनकी घोषणा है, “मार्ग, सत्य और जीवन मैं ही हूँ।  बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं आ सकता” (यूहन्ना 14:7)।


 🙏पथ "- वह अनेक पथों में से एक नहीं है, बल्कि एकमात्र मार्ग है। वह एकमात्र मार्ग है जो ईश्वर की उपस्थिति की ओर ले जाता है, जिसे उनके शिष्यों ने नहीं कहा, लेकिन उन्होंने जोर दिया। उनके प्रति सच्चे होने के लिए यह आवश्यक था अपने शिष्यों को वही सिखाने के लिए बहुत से लोगों को यीशु की यह शिक्षा पसंद नहीं है, लेकिन इसे बदला नहीं जा सकता क्योंकि यीशु सच और झूठ नहीं बताता है। वह खुद कहता है कि वह परमेश्वर का एकमात्र पुत्र है (यूहन्ना 3:16)। यीशु स्वीकार किया जाना चाहिए (यूहन्ना 6:53)। लोगों को उस पर विश्वास करना चाहिए कि वह उद्धार पाए, अन्यथा वह हमेशा के लिए नष्ट हो जाएगा (यूहन्ना 8:24)। वह परमेश्वर के लोगों का एकमात्र द्वार और चरवाहा है (यूहन्ना 10:7-11) उस पर भरोसा करें कि वह कौन है और उसने जो सबूत दिखाए हैं।

 👉 সত্য  "- यीशु सत्य का परमेश्वर और सत्य का परमेश्वर है जो इस पृथ्वी पर मांस में वास करता है - भजन संहिता 31:5। उसमें कोई धोखा नहीं है, कोई अंधेरा नहीं है। वही यीशु जिसने कहा कि मैं मार्ग हूं, मैंने कहा सच हूँ।

 🙏जीवन "- भौतिक जीवन का कोई सवाल ही नहीं है। वह यह नहीं कहता है कि वह सभी मनुष्यों और जीवों का जीवन है। वह कहता है कि एक ही सच्चा ईश्वर है और उसका जीवन एक है (यूहन्ना 5:26) वह मनुष्य को अनन्त जीवन देता है (यूहन्ना 17:2) और यह जीवन उसमें है (1 यूहन्ना 5:11-12) हमारे जीवन और मन में विश्वास के द्वारा प्रभु यीशु को स्वीकार करने से, वह हमारा हो जाता है और हम पथ पर चलते हैं सत्य में विश्वास करने वाले जीवन के लिए। यदि हम उन्हें अस्वीकार करते हैं, तो हम परमेश्वर का मार्ग नहीं खोज सकते, विश्वास नहीं कर सकते, आध्यात्मिक जीवन प्राप्त नहीं कर सकते, या शांति से स्वर्ग में परमेश्वर की उपस्थिति तक नहीं पहुँच सकते क्योंकि हमारे पास परमेश्वर के पुत्र का वचन है।