आज का विषय
एक बार जरुर पढ़े
*बिन पेंदी का लोटा*
✍️ *आज के मसीह लोग ऐसे ही हो गऐ है!*
👉 *ये एक कहावत है*:- अर्थ
👉 कभी इधर तो कभी उधर बिन पेंदी का लोटा!
*ध्यान से सूने*:-
✍️ *यीशु कभी नहीं चाहते की उसकी कलिसाया बिन पेंदी का लोटा हो!*
👉 *परन्तु तुम्हारी बात हाँ की हाँ, या नहीं की नहीं हो;* क्योंकि जो कुछ इससे अधिक होता है वह बुराई से होता है।
(मत्ती 5:37)
✍️ *यीशु चाहते हैं तुम्हारी हां की हां हो!*
👉 *हाय उन पर जो बुरे को भला और भले को बुरा कहते,* जो अंधियारे को उजियाला और उजियाले को अंधियारा ठहराते, और कड़वे को मीठा और मीठे को कड़वा करके मानते हैं!
(यशायाह 5:20)
✍️ *आपका हां का हां और ना का ना हो!*
👉दफ्तर हो या कोई काम में आपका (statement) बयान जब देते हैं, होशियार होना है!
👉चाहे आप एक पास्टर है!
👉चाहे आप एक विश्वासी है!
👉इसलिए मैंने जो यह इच्छा की थी तो क्या मैंने चंचलता दिखाई? या जो करना चाहता हूँ क्या शरीर के अनुसार करना चाहता हूँ, *कि मैं बात में ‘हाँ, हाँ’ भी करूँ; और ‘नहीं, नहीं’ भी करूँ?*
(2 कुरिन्थियों 1:17)
✍️पौलुश कहता है मैं हां का हां कहता हूं ना का ना!
*ध्यान से सूने*:-
✍️हमे बिन पेंदी का लोटा नहीं होना है!
⭐ *मसीह लोग कहां-कहां डोल जाते हैं ?*
(1) *विश्वासी अविश्वासीयो में!*
👉 *अविश्वासी दोस्तों में!*
👉 *झूठ बोलने में!*
👉 *प्रसाद खाने में!*
👉 *पाप करने में!*
👉 *Function में शराब, सिगरेट पी लेते हैं कहते हैं नौकरी है!*
👉सांसार में मिल जाते हैं, डोल जाते हैं!
👉 *और वचन के साथ समझोता करते हैं!*
उदाहरण:-
👉यहुदा:- वो डोल गया!
(2) *विश्वासी विश्वासीयो में!*
👉सब को अच्छा बोलेगे!
👉 *ये किसी को गलत नहीं बोलेंगे,अगर गलत चल भी रहा होगा तो भी नहीं!*
👉 *सेवक भी ऐसे हो गए है?*
👉कैसे!
*ध्यान से सूने*:-
✍️ *Pulpit से प्रचार करना चाहिए ,सही को सही और गलत को गलत बोलना चाहिए!*
👉चर्च को खुश रखना है:-
👉 *पर सब को खुश रखना है क्यों?*
👉दान बंद ना हो जाए!
👉विश्वासी छोड़ कर चले ना जाए!
*सूने*:-
👉बहुत प्यार से बातें करेगे!
👉सब को खुश करना चाहते हैं!
✍️ *पर यीशु चाहते हैं हम सही को सही और ग़लत को ग़लत बोले!*
*सूने*:-
✍️आज सही को सही बोलेगे और ग़लत को भी सही बोलेंगे!
👉 *ऐसे लोग बिन पेंदी का लोटा के जैसे होते हैं!*
👉जो किसी का दिल दूखना नही चाहते!
👉कहते है सब से प्यार से रहो!
*सूने*:-
✍️सब से प्यार से नहीं रह सकते!
👉यीशु ने कहा:-
👉 *“यह न समझो, कि मैं पृथ्वी पर मिलाप कराने को आया हूँ; मैं मिलाप कराने को नहीं, पर तलवार चलवाने आया हूँ।*
(मत्ती 10:34)
👉उसने सबसे कहा, “यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप से इन्कार करे और प्रतिदिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले। क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा, परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा। यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे, और अपना प्राण खो दे, या उसकी हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा? जो कोई मुझसे और मेरी बातों से लजाएगा; मनुष्य का पुत्र भी जब अपनी, और अपने पिता की, और पवित्र स्वर्गदूतों की, महिमा सहित आएगा, तो उससे लजाएगा।
(लूका 9:23-26)
✍️ *हमे प्यार से रहना है पर सब से प्यार से नहीं रह सकते!*
👉मैंने अपनी पत्री में तुम्हें लिखा है, कि व्यभिचारियों की संगति न करना। यह नहीं, कि तुम बिलकुल इस जगत के व्यभिचारियों, या लोभियों, या अंधेर करनेवालों, या मूर्तिपूजकों की संगति न करो; क्योंकि इस दशा में तो तुम्हें जगत में से निकल जाना ही पड़ता। मेरा कहना यह है; कि यदि कोई भाई कहलाकर, व्यभिचारी, या लोभी, या मूर्तिपूजक, या गाली देनेवाला, या पियक्कड़, या अंधेर करनेवाला हो, तो उसकी संगति मत करना; वरन् ऐसे मनुष्य के साथ खाना भी न खाना। क्योंकि मुझे बाहरवालों का न्याय करने से क्या काम? क्या तुम भीतरवालों का न्याय नहीं करते? परन्तु बाहरवालों का न्याय परमेश्वर करता है: *इसलिए उस कुकर्मी को अपने बीच में से निकाल दो।*
(1 कुरिन्थियों 5:9-13)
✍️ *लिखा है निकाल दो!*
*अंत में हम क्या शिखते है, या क्या शिक्षा मालती है*:-
👉 *इसलिए जो सही है उसे सही बोले जो गलत है उसे गलत बोले!*
👉 *समझोते का जीवन ना जिए आप सब को खुश नहीं कर सकते !*
*God bless you*
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