Thursday, 24 February 2022

12 साल लहू स्त्री

 

सबसे पहिले यीशू के लिए ताली । अद्भुत घटना 12 साल से लगातार लहू बहने का रोग ।  एक औरत के लिए जितने महिला है में क्या बात कर रहा हु और लहू किसी मनुष्य के लिए पुरुष हो या स्त्री के लिए ताकत है । अगर बोडी मे लहू नही है तो आदमी मर जाता है । लेकिन इस औरत को 12 साल से लहू बहने का रोग था ।तिनो पुस्तक मे लिखित हमे पढने को नही मिला , ना मैने पडा और ना आपको मिलेगा की किसी दुष्ट आत्मा की शिकार थी , किसी जादुटोना की शिकार , शाप का शिकार , पाप का शिकार ऐसा कुछ पढने को मिलता नही है । 


लेकिन ये आपने बिमारीयोसे से बची रही ।  लेकिन जब हम पढते इस औरत की बीमारी की वजह क्या है ये नही लिखा है और हम सभी जानते है पाप याकूब 1:13,15 पाप गर्भवती होकर अभिलाषा होकर पाप को जनती है । पाप मृत्यू को लाता है दुसरो शब्द मे आदमी बिमार पढता है । पाप के चलते जिसके चलते इसके साथ हुआ । साथी साथ मसीह से दूर है , ये औरत । ये औरत यहुदी हो सकती है , जिसके चलते ये बीमारी के कारण किसी के आस-पास नही थी इसको एजायद नही थी ।


 ये खुद भी जानती थी और जिसके चलते उसने किसी को छुना पसंद करा । लेकिन यीशू के कपडो को छुना पसंद करा । इसको डर था अगर मै किसी को मै  छु और उसको पता चल जाये मेरी ये बिमारी हो सकता है मुझको पत्थर से मार डाले , हो सकता है उसका बुरा-भला कहे , जिसके चलते इसने तह किया था की मै सिर्फ कपडो को छु । और ऐसी स्थिती मे ये औरत यीशू के पास आती है क्या क्या घटा और क्या  शिखा में भी बताता हु । लेकिन जीतने प्रिचर  है , उनको मै कहना चाहता हु कि उस औरत ने छुवा इसलिये तुम भी छुवो । तुम प्रिच करो , लेकिन सिद्धांत मत बनाव की औरत ने छुवा तो तुम छुवो , इस औरत की मजबुरी थी । आपकी मजबुरी नही है । 


आपको कपडे छुने की जरूरत नही है ।  आपको सीधा परमेश्वर को छुना है क्यों ? क्योंकी जिस दिन आप यीशू पर विश्वास करते है , यहुन्न 1:12 आप परमेश्वर के बेटा बेटी बन जाते है । रोमिओ 8:14 पवित्र आत्मा आपके अंदर से गवाई देता है कि आप परमेश्वर के बेटा बेटी है । तो इस औरत ने कपडा चूआ कुछ लोग कहते है आप भी छु सकते है और कुछ लोग कहते है मैं प्रभू का दास हू मे कपडा रखूँगा उस को छू लो । ये डॉक्टरीन मत बनाये और नाही इस प्रकार का पवित्र आत्मा काम करता है विशेष करके मसीह के साथ ।


 ये बात अलग है कि अविश्वासीयो के साथ मे परमेश्वर को चंगाई देने से जादा दिलचीसबी हैं चंगाई देना , उसको भीड में छोडना ये परमेश्वर की मर्जी न तब थी , ना आज और ना कल होंगी ।  उसका मन बदलना , उसको पापो से तोबा कराना , उसका जीवन बचना इस मे दिलचस्पि हैं । तो आजके प्रिचर कहते महासभा , आशिषसभा ,मिराकल सभा , चंगाई सभा इसमें ये तरीका रहता है , बोलते हैं , यीशू आपको ठीक कर रहा है offcorce करता है , लेकिन ठीक करने के बाद दारू पिओ , वापस गुटखा खाओ , वापस सिगारेट पिओ , वापस पाप का जीवन , वापस लीला , शीला , मुन्नी बदनाम वाला जीवन ये प्रभू नही करता । येशू चाहता है आपका जीवन बदले । सबसे पहला पापोसे मन तोबा करे उसके बाद मिराकल के लिए लाईन लगती है ।




या दो बाते होई :-


                          मत्ती 9:21 

क्योंकि वह अपने मन में कहती थी कि यदि मैं उसके वस्त्र ही को छू लूंगी तो चंगी हो जाऊंगी।


                     मरकुस 5:27 

यीशु की चर्चा सुनकर, भीड़ में उसके पीछे से आई, और उसके वस्त्र को छू लिया।


                   रोमियो 10:17 

सो विश्वास सुनने से, और सुनना मसीह के वचन से होता है।



1) यीशू के जैसा या येशू के तरह इस तरीके से मिराकल करने वाला उस वक्त , आज भी , आगे भी ना था , ना हैं और ना रहेगा । 

2) येशू की चर्चा मिराकल हुआ है तो यीशु खुद कहता था , चुप रहे ,

 1) अंधा ठीक हो गया चूप रहे , 

 2) मुर्दा जिंदा हुआ चुप रहे , 

 3) कोडी ठीक हो गया है चूप रहे 

 4) ऐसा रोकना पडता था यीशु को ।


उस वक्त मे यीशू इतना फेमस हो गये थे की ,


 1) सडक पे चले येशू के चर्चा , 

 2) पेड के नीचे बैठे येशू की चर्चा , 

 3) बुजुर्ग लोक आपस मे चर्चा करे तो येशू के चर्चा , 

 4) गडरिया यीशू की चर्चा ,

 5) जिनके 2000 सुअर मर गये उनको पूछो येशू की चर्चा ,

 6) मंदिर के अंदर याजक , परुशी किस की चर्चा येशू की चर्चा ,

 7) राजा हिरोदोस किसकी चर्चा यीशू की चर्चा ,

 8) पिलोतोस किसकी चर्चा यीशू की चर्चा सुनी - - (2)


जो ऐसी चर्चा असंभोव को संभोग किया -- (2)


 1) तो इस औरत ने मन मे कहा अगर मै इस मसीहा के पास पहुच गई ,

 2) उसके वस्त्र को छू लेने का मोका मुझे मिल जाये 

 3) रेंगती , रगडती ,  खिसटते ऐसे तैंसे मात्र कपडे को छू लू तो मै ठीक हो जाऊंगी ।


अ) चर्चा उसने यीशू की सुनी तो , वो पतरस के पास नही गयी

 ब) चर्चा यीशू की सुनी तो , वो यूहन्ना के पास नही गयी

 क) याकूब के पास नही गयी

 ड) फिलिप के पास नही गयी 

 इ) किसी दास के पास नही गयी ये 


सीधे यीशू के पास गई ।


आपको जब प्रिचर जब किसी की बात करते है 


1) तो आप मन मे क्यों कहते है की , मैं पास्टर के पास जाऊंगा 

2) पास्टर का हात अपने सर पे रख लूंगा , 

3) पास्टर के कपडो को छू लूंगा 

4) पास्टर जो प्रार्थना करता है तेल-पाणी उसके उपर विश्वास कर लुंगा ,  


यीशू पर विश्वास क्यों नहीं कर रहे हो ?


 1) विश्वास मसीह के वचन से आता है प्रिचर से नही

 2) तो इस औरत ने ये खुद से कहा मै खुद को कहती की ,

 3) मै येशू के कपडे को छूना चाहती हु 

 4) जिसके चलते उसके जीवन मे , ये चमत्कार हुआ


प्रश्न हैं , 


आप किसके पास भागते हो ?


 1) आपने चर्चा सुनी यीशु की भाग रहे हो सेवको के पास

 2) अपने चर्चा सुनी येशू की , चमत्कार की आपको लग रहा है पास्टर चमत्कार करेगा

 3) पास्टर कभी चमत्कार नही कर सकता ,

 4) कोई भी मायकल लाल , किसी भी शहर का , अमेरिका , आफ्रिका कोई भी पास्टर कभी चमत्कार नही कर पायेगा , 

 5) ये यीशु हैं  , यीशू के बिना कुछ नही कर सकते .


                        यूहन्ना 15:5 

मैं दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।




अ) आपका भरवसा सेवक के ऊपर क्यों है ?

 ब) आपका भरवसा उस पास्टर के  हाथ पर क्यू है ? 

क) आपका भरवसा पास्टर के सफेद कोट पे क्यों है ? 

ड) आपका भरवसा उन लोगो पर क्यों हैं जो तेल पाणी बेच रहे है ?


येशू की चर्चा सुनी येशू के पास जाओ - - - (2)


ये औरत ने येशू की चर्चा सुनी येशू के पास गई किसी के पास नही गई , 


तो आज आप किसके पास जा रहे हो ?


1) कोई लोग कहते है कि इस जगह पे चमत्कार हैं , 

2) ये मूर्खता है , ये नॉनसेस है जगह पे कभी चमत्कार नही होता 

3) तो चमत्कार परमेश्वर करता है जगह कोई भी हो - - - (2)

4) जगह कोई भी हो चमत्कार प्रभू करता है - - - (2)


 चमत्कार परमेश्वर तब करता है जब आपका विश्वास यीशू पर हो


1) कुछ लोग कहते है इस औरत ने मन मे कहा तुम भी मन में कहो 

2) रिपीट रिपीट कहो ,  चमत्कार हो जाये ,  चमत्कार हो जाये बोलते बोलते रहो  , जी नही


                 1 यूहन्ना 5:13‭, ‬15 


मैं ने तुम्हें, जो परमेश्वर के पुत्र के नाम पर विश्वास करते हो, इसलिये लिखा है; कि तुम जानो, कि अनन्त जीवन तुम्हारा है। और जब हम जानते हैं, कि जो कुछ हम मांगते हैं वह हमारी सुनता है, तो यह भी जानते हैं, कि जो कुछ हम ने उस से मांगा, वह पाया है।



कुछ वचन उठाते है , उसे डॉक्त्रिन बनाते है


 कहते है , 

1) बोलते रहे हो , बोलते रहे हो , बोलते रहो हो , 

2) नोकरी मिल जायेगी , नोकरी मिल जायेंगे,  

3) मूर्खता है परमेश्वर का काम करो उसको नोकरी देना है वो देगा

   

                  मरकुस 11:24 

इसलिये मैं तुम से कहता हूं, कि जो कुछ तुम प्रार्थना करके मांगो तो प्रतीति कर लो कि तुम्हें मिल गया, और तुम्हारे लिये हो जाएगा।


1) लेकिन रिपीट रिपीट करने को नही बोला है 

2) इसलिये यीशु ने कहा अन्य जाती के तरह बक-बक मत करो ।



अ) येशू की चर्चा सुनी है तो येशू के पीछे चलो 

ब) येशू का प्रचार सुना है तो येशु के पीछे चलो 

क) येशु पर विश्वास किया है ,  यीशु से ही आशिष पाने की और चमत्कार पाने की अपेक्षा करे ,

 ड) हड्डी मांस इंसानो से नही ।







Tuesday, 22 February 2022

Denomination या यीशु

 आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े


*बारां जरुरी बातें जो हर एक विश्वासी को जानना बहुत जरूरी है*


*बारहवीं बात*


*Denomination या यीशु*


✍️कुछ लोग कहते हैं मैंने यीशु को पा लिया!


👉अब आगे क्या है!


👉तो कहते हैं आपको कलिसिया (चर्च) से जूडना है!


👉कलिसिया (चर्च) गलत नहीं है !


👉मैं भी पास्टर हूं और लोगों को कलिसिया (चर्च) में जोड़ता हूं!


*सूने*:-


✍️लेकिन एक धारणा गलत है!


👉यीशु को ढुढते-ढुढते हम पहोच जाते हैं चर्च !


👉उस चर्च ने हमें किस से जोडना है यीशु से!


👉 *पर पता है क्या होता?*


*सूने*:-


✍️ 90 प्रतिशत क्या होता है


👉यीशु को ढुढते-ढुंढते पहोच जाते हैं चर्च 


👉कोई भी बंदा कहीं का भी बंदा जब चर्च पहोंचता है! 


👉उसे यीशु कम पास्टर ज्यादा दिखाई देता है!


👉पास्टर के रुल ज्यादा दिखाई देते हैं!


👉पास्टर के तरीके ज्यादा दिखते है!


👉पास्टर का डर ज्यादा दिखाई देता है!


👉चर्च के रुल ज्यादा दिखाई देते हैं!


👉ऐसे आना है!

👉ऐसे वैसे नहीं आना!

👉ये करना है!

👉ये नहीं करना!


👉तो वो बंदा कहता है अच्छा ये यीशु!


👉उसे पूरी जिंदगी असली यीशु तो नही मिलता !


👉पर चर्च के तरीके का यीशु मिलता है!


👉और ऐसे करते-करते बंदे मर जाते हैं!


✍️ *तो ये विषा है*:-


*Denomination या यीशु?*


*सूने*:-


👉हमें यीशु को follow करना है!


👉दूनिया का कोई भी चर्च हो अगर वहां असली यीशु नहीं मिल रहा!


👉अगर वहां बाईबल का यीशु नहीं मिल रहा!


👉 *तो वो चर्च गलत है*


👉 *आप यीशु के पीछे चले थे!* 


👉 *आपको यीशु के पीछे ही चलना है!*


👉मैं भी अपनी कलिसिया (चर्च) को भी ये ही शिखाता!


👉अब कुछ बुद्धिजीव पास्टर या अधूरे ज्ञान के देखेगे!


👉 *तो आपको समझना सर!*


👉कलिसिया (चर्च) आपका नही है!


👉पुलपीट का नही है!

👉बाईबल आपकी नहीं है!


👉कलिसिया (चर्च) के लोग!  (मैंबर) 


👉चाहे दस है!

👉चाहे दस लाख!


👉 *वो आपकी जागीर नहीं है!*


👉 *वो यीशु के लोग है!*


👉 यीशु ने कहा मेरी भेड़ें मेरी आवाज सुनेगी!


👉 इसलिए चर्च के पुलपिट पर Saturday या Sunday कोई भी दिन करो!


👉लेकिन कलिसिया (चर्च) को यीशु की आवाज सूनाओ!


*God bless you*

Monday, 21 February 2022

क्या बाईबल की संख्या

 आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े


*बारां जरुरी बातें जो हर एक विश्वासी को जानना बहुत जरूरी है*


*दस: वीं बात*


 *क्या बाईबल की संख्या (या संख्याऐ) को महत्व देना चाहिए ?*


✍️शायद आप नहीं समझे होंगे ,आपने कभी नहीं सूना होगा मैं बताता हूं!


👉नंबर तीन 

👉नंबर  छह

👉नंबर सात

👉नंबर नौ

👉नंबर बारा

👉और नंबर चालीस ऐसी कुछ संख्याऐ!


✍️ *अक्सर देखा गया!*

👉नंबर तीन

👉नंबर सात

👉नंबर नौ

👉नंबर चालीस

नंबर चालीस संख्या पूराने नियम में बहुत बार आया है!


👉ऐसा आंकड़ा चलता रहता है!


*सूने*:-


✍️ कुछ लोग कहते !


👉तीन नंबर मतलव:- पवित्र नंबर


👉सात नंबर मतलव:- पवित्र नंबर!


👉नौ नंबर मतलव:- पवित्र नंबर!


*सूने*:-


✍️हम किसी अंधविश्वास वाले लोग नहीं है! 


👉 *हमें किसी विशेष नंबर को लेकर नहीं चलना है!*


👉जैसे मुस्लिम लोग लेकर चलते हैं!


👉 मसीहत में (बाईबल में) ऐसा कोई नंबर नहीं है!


👉एक से लेकर सौ तक एक से लेकर लाख तक आपका हर नंबर परमेश्वर की तरफ से है ,आपके लिए है !


👉 *ऐसा कोई नंबर स्पेशल नंबर नहीं है!* 


*सूने*:-


✍️गाडी का नंबर मुबाईल का नंबर !


👉सात रखो! 

👉तीन रखो!


👉 *लेकिन कोई विशेष नंबर को लेकर नही चलना (follow नही करना) है!*


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *नंबर से परमेश्वर का कोई लेना देना नहीं है!*


👉नंबर के ऊपर बहुत लोगों के अलग-अलग विचार है!


👉बहुत लोगो ने नंबर को लेकर प्रचार भी  किया है !


👉चालीस, चालीस, चालीस

👉सात,सात,सात


👉आप अपने तरीके से जो चाहो शिखा सकते हो, लोजिक लगा सकते हो!


👉मैं उस के खिलाफ नहीं हूं आपको कोई प्रकाशन मिला ठीक है!


👉 *पर नंबर को पवित्र ठहराकर मत प्रचार किजिए, के नंबर पवित्र है!*


👉नंबर बहुत (imported) महत्वपूर्ण होता है!


👉अगर नंबर ये नहीं तो.....

👉बाकी आप समझदार है...


👉 *सब नंबर अच्छे है!*


आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े


*बारां जरुरी बातें जो हर एक विश्वासी को जानना बहुत जरूरी है*


*ग्यारवीं बात*


*प्रभु की प्रार्थना का महत्व कितना है ?*


✍️पचास प्रतिशत कैथिलिक पूरी दुनिया में इसको बहुत follow करते!


👉जो कहते हैं प्रभु की प्रार्थना!


👉मैथोडिस्ट :-

👉सी,एन,आई :-

👉पेन्तिकुसटल :-

👉मैन,लाईन :-

👉सैड,लाईन :-

और भी ....


👉आज कल उन्होंने ने भी follow किया है!


👉जैसे ही चर्च खत्म होती है वो इस को बोले बिना नहीं जाते!


*सूने*:-


*दो धारणाएं*


✍️ *सब से पहले दो धारणाएं खत्म कर देता हूं!*


👉मतलव:-  *clear कर देता हूं!*


⭐ *Lord prayer* :- 


👉 *ये प्रभु की प्रार्थना नहीं*


👉 *ये प्रभु का शिखाया हूआ प्रार्थना है!*


*ध्यान से सूने*:-


✍️अगर ये प्रभु की प्रार्थना होती तो प्रभु कह रहा होता मेरे पाप क्षमा कर!


👉फिर तो ये गलत हो गया कियोकि प्रभु पापी नहीं है!


👉तो ये कैन्सल हो गया !


⭐ *दूसरी धारणा*:-


👉 *कुछ कहते ये प्रार्थना करने से प्रभु की स्पैशल आशीष आती है!*


👉इस को कहते हैं तो आलोकीत चीजें होंगी!


👉ऐसा कुछ नहीं होता!


👉यीशु ने उस वक्त चेलों को प्रार्थना का ये पैटन दिया था!


👉 *“अतः तुम इस रीति से प्रार्थना किया करो:* ‘हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में हैं; तेरा नाम पवित्र  माना जाए।  

तेरा राज्य आए। तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो। ‘हमारी दिन भर की रोटी आज हमें दे। ‘और जिस प्रकार हमने अपने अपराधियों को क्षमा किया है, वैसे ही तू भी हमारे अपराधों को क्षमा कर। ‘और हमें परीक्षा में न ला, परन्तु बुराई से बचा; [क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही है।’ आमीन।]

(मत्ती 6:9-13)


*ध्यान से सूने*:-


👉इसी रीति से आत्मा भी हमारी दुर्बलता में सहायता करता है, *क्योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए*; परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर है, हमारे लिये विनती करता है।

(रोमियों 8:26)


✍️ इसका मतलव:- *जब पवित्र आत्मा आपके अन्दर है पवित्र आत्मा आपको शिखाऐगा, कैसे प्रार्थना करना है!*


👉 *इसका मतलब है हमें पवित्र आत्मा के तरीके से चलना है!*


👉 *या पवित्र आत्मा के तरीके से प्रार्थना करना है!*


👉 *मैं ये नही कह रहा हूं ये प्रार्थना करना गलत है!*


👉मैं यह कह रहा हूं इसे नियम बनाकर चलना गलत है! 

(या रुडीवादी में नहीं चलना)


👉आप स्वतंत्र है!


👉जैसे आप अपने बच्चों से!

👉आपने परिवार से!

👉आपने दोसतो बात करते हैं!


👉 *वैसे ही आप आपने प्रभु से बात (प्रार्थना) करें!*




*God bless you*

Thursday, 17 February 2022

यीशु का जन्मदिन (Christmas)

 आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े


*बारां जरुरी बातें जो हर एक विश्वासी को जानना बहुत जरूरी है*


 *छ:वी,सातवीं,और आठवी, बात*


*क्या हमें यीशु का जन्मदिन (Christmas) मनाना चाहिए ?*


*क्या हमें यीशु का मृत्यु दिन (Good Friday) मनाना चाहिए ?*


*क्या हमें यीशु का पुनरुत्थान (Easter Sunday) दिवस मनाना चाहिए ?*


✍️ मसीहत में तीन ऐसे त्यौहार है!

👉 Christmas :- जन्मदिन

👉 Good Friday :- मृत्यु दिन

👉 Easter Sunday :- जी उठना!


✍️कुछ Christians (मसीह) कहते है अगर आपने :-

👉 Christmas :- जन्मदिन

👉 Good Friday:- मृत्यु दिन

👉 Easter Sunday:- जी उठाना

नहीं मनाया तो ,आप Christian (मसीह) नहीं है!


✍️ इस का मतलव ये है तो फिर  साल में तीन बार मसीह है ये प्रशन उठता है ?


👉 आप को समझना होगा आप साल में तीन बार के मसीह नहीं प्रतिदिन के मसीह है!


✍️ आपको समझना होगा !

👉Christmas :- जन्मदिन

👉Good Friday :- मृत्यु दिन

👉Easter  Sunday :- जी उठना!


✍️आपके लिए नही है! 


*सूने*:-


✍️बलकि :-

👉Christmas :- जन्मदिन!

👉Good Friday :- मृत्यु दिन!

👉Easter Sunday:- जी उठना!

✍️आपके द्वारा दूसरों के लिए है!

 

✍️हम दूसरों को ये मैसेज दे सकते हैं!

👉ये पैगाम सूना सकते हैं! 

👉प्रचार कर सकते हैं!


✍️ *आज से 2000 पहले ऐसी घटना घटी थी!*


✍️हमें समझना होगा !

👉यीशु हर साल पैदा नहीं होता !

👉यीशु हर साल नहीं मरता!

👉 यीशु हर साल जीन्दा नहीं होता!


*सूने* :- 

👉यीशु एक बार जन्म लिया!

👉यीशु एक मरा!

👉और हमेशा के जी उठा!


*सूने*:-

✍️हम हर साल यीशु को पैदा नहीं करते! 

👉अगर कोई ऐसा करता है तो वो मूर्ख है!


✍️ हम हर साल यीश को नहीं मरते!

👉 अगर ऐसा कोई करता है तो वो मूर्ख है!


✍️हम हर साल यीशु को जीन्दा नहीं करते!

👉ऐसा कोई करता है मूर्ख वो है!


*सूने*:-

✍️आपके लिए!

👉Christmas :- जन्मदिन

👉Good Friday :- मृत्यु दिन

👉Easter Sunday:- जी उठना!

👉एक बार आता है आपके Life में,जब आपने उद्धार पाया था!


*सूने*:-

👉उसके बाद नये कपड़े पहने!

👉घर को पैन्ट मारो!

👉खाना खाओ!

आपको जैसा करना है वैसा  करो !


✍️पर ये कह कर नहीं 

👉आज यीशु का जन्म दिन है!


✍️ये गलत हो जाएगा !


👉हम प्रतिदिन यीशु को लेकर चलते हैं!

(या लेकर चलना है)


👉साल में तीन बार नही!


*God bless you*

Monday, 14 February 2022

येशूची खरे रूप यशया -53 (मराठी )

 येशूची खरी ओळख


1) यशया संदेष्टाने येशुचे खरे रूप पाहिले , या व्यक्तीने 66 अध्यायाचे पुस्तक लिहिले .

 2) त्या पुस्तकात सर्वात जास्त उल्लेख येशूचे होते , जेव्हा हा पुस्तक लिहित होता , तेव्हा परमेश्वराने येशुचे खरे रूप दाखवीले .

तर मग , तुम्हाला पाहियचे आहे का ? येशूचे खरे रूप कसे आहे ?


 ते रूप , यशया 53:1.12 या अध्यायामध्ये दाखवले आहे


यशया 52:14,15 

ज्याप्रमाणे तुला पाहून बहुत लोक चकित झाले (त्याचा चेहरा मनुष्याच्या चेहर्‍यासारखा नव्हता, त्याचे स्वरूप मनुष्यजातीच्या स्वरूपासारखे नव्हते इतका तो विरूप होता),


1) त्याला रूप नव्हते , असे यशया संदेष्टा का लिहितो  कारण तो मनुष्य सारखा नव्हता आणि त्याची सुंदरता माणसासारखी नव्हती

2) ज्या येशूला आपण म्हणतो माझा विजा लावून दे ,ज्या येशूला आपण म्हणतो माझा बिझनेस वाढू दे , 

3) मला गाडी दे , मला बंगला दे , माझे हे कर , माझे ते कर , त्या येशूला कधी बाबा केले , कधी अन्न देणारा , 

4) कधी डॉक्टर बरा करणारा , पैसे देणारा , कधी नौकर , कधी शांती देणारा , हे कर , ते कर 

5) त्या येशूला यशया म्हणतो , त्याचे रूप भयानक होते , त्याच्या ठायी सौंदर्य नव्हते , तो (विद्रुप) होता , तो माणसाप्रमाणे नव्हता हे त्याने पाहिले


असे का ? असे का ?


                       यशया 52:15 

त्याप्रमाणे तो अनेक राष्ट्रांना दचकायला लावील; राजे त्याला पाहून आपली तोंडे बंद करतील; कारण कोणी सांगितल्या नाहीत असल्या गोष्टी ते पाहतील; त्यांच्या कानी पडल्या नाहीत असल्या गोष्टी त्यांना कळतील.


1) असे राजा त्या काळात , असे जाती त्या काळामध्ये , तसे लोक आज पण येशूच्या बाबतीत नाही ऐकणार , 

2) येशूचे खरे रूप बऱ्याच काळापासून लपवून ठेवण्यात आली


आज येशूचे खरे रूप देश , विदेशांमध्ये कसे दाखवत आहेत ?


1) खाली पाडणे , फुंक मारणे , झाडाप्रमाणे झाडाझुड करने , खाली पटकने आणि वरून हे म्हणायचे की येशु तुमच्यावर प्रेम करतो , यात काही शंका नाही

 2) हे 100℅ खरे आहे येशू तुमच्यावर प्रेम करतो परंतु फक्त हेच का ? सँटाक्लॉज प्रमाणे तो तुम्हाला गिफ्ट देईन , लिप्स देईन , तुम्हाला ते देईन , तुम्हाला हे देईन , असे का ?


या ठिकाणी यशया संदेष्टा येशुची खरी ओळख करून देत आहे


जर आज तुम्ही हा संदेश पूर्ण  ऐकला , तर तुमचे नाचणे , उड्या मारणे  आणि Time Pass करणे बंद होईल आणि तुम्हाला येशूवर खरे प्रेम होणार



                यशया 52:14,15


1) असा संदेश तुमच्यामध्ये येत आहे , आज ही पृथ्वी सुरक्षित आहे ना फक्त , फक्त येशू मुळेच 


2) याच येशूने गेथशेम बागेत रडून प्रार्थना केली आणि त्याने म्हटले शक्य असेल हा प्याला माझ्यापासून दूर कर , तुझी इच्छा असेल तर मी मरू तर मी मरायला तयार आहे


3) या व्यक्तीला मनुष्य म्हटले गेले , ज्याला परमेश्वराचा सेवक म्हटले गेले , ही व्यक्ती म्हणते , मला हा प्याला सहन होत नाही


4) परमेश्वराच्या क्रोधाचा प्याला ज्या माणसांना प्यायचा होता , तो परमेश्वराचा पुत्र म्हणतो हा प्याला माझ्यापासून दूर कर 


5) परंतु वर बसलेला परमेश्वर म्हणतो , नाही तूच पिणार , (राम नाही पिणार , मोहम्मद नाही पिणार , कृष्णा नाही पिणार ,) कोणत्याही प्रकारची व्यक्ती , जे तुम्ही देवता मानतात ते नाही पिणार  , तर येशू ख्रिस्ताला हा प्याला घ्यावा लागला


 6) तुम्ही म्हणता ना सर्व मार्ग एक आहे , आपण सर्व एक आहोत , सर्व धर्म एक आहे , हे सर्व एक नाही , सर्व एक असते , तर सर्वांनी हा प्याला का नाही पिले ?


 7) एकच कारण होते की हा प्याला येशू ख्रिस्ताला प्यावा लागला , सगळ्यांनी विचार करा की येशूला का प्यावा लागला ? फार बारकाईने विचार करा की येशूच का ? जीजस का ?  येशू मसीह का ?


8) येशूला त्या वधस्तंभावर मारण्यात आले , हे नवीन वर्ष कोणी दाखवले ? कोरोनाव्हायरस मध्ये नवीन जीवन कुणी दिले ? तर फक्त याच व्यक्तीनेच



                        लूक 22:42 

“हे पित्या, तुझी इच्छा असली तर हा प्याला माझ्यापासून दूर कर. तरी माझ्या इच्छेप्रमाणे नको, तुझ्या इच्छेप्रमाणे होऊ दे.”


परमेश्वराला येशू म्हणतो ,


 1) तुझी इच्छा आहे की मानव जातीसाठी मरू , तुझी इच्छा असेल तर हिंदू भावांसाठी मरू , तुझी इच्छा असेल प्रत्येक मुस्लिम भावासाठी मरु ,

 2) तुझी इच्छा असेल की बुद्धिष्ट लोकांसाठी मरू , तुझी इच्छा असेल की मी सर्व जगासाठी , 

3) जगातल्या धर्मासाठी , त्या मनुष्यासाठी मरू , या पृथ्वीवर जन्म घेणाऱ्या प्रत्येक व्यक्तीसाठी मरू , तर तुझी इच्छा पूर्ण हो


                     यशया 53:1 

आम्ही ऐकलेल्या वार्तेवर कोणी विश्वास ठेवला आहे? परमेश्वराचा भुज कोणास प्रकट झाला आहे?


येशूच्या जन्माअगोदर ही सुवार्ता सांगण्यात आली , 


 1) भूज (ताकत , शक्ती ) ही परमेश्वराने कोणावर दाखविली , मनुष्याला वाचवण्यासाठी परमेश्वराने कोणावर शक्ती दाखविली , जी अशी व्यक्ती जो मनुष्य म्हणून आला , त्याचे नाव येशू ख्रिस्त

2) भूज कोणावर प्रकट झाला ? त्याच्यावर कोणी विश्वास ठेवला ? हे तेव्हा पण विश्वास करत नव्हते आणि आज पण विश्वास करत नाही 

3) व्यक्तिगत येशूला व्यवस्थितपणे सादर करणार नाही तर विश्वास कोण करेन ?


              यशया 53:2 

कारण तो त्याच्यापुढे रोपासारखा, रुक्ष भूमीतील अंकुरासारखा वाढला; त्याला रूप नव्हते, त्याला शोभा नव्हती, त्याच्याकडे पाहिले तर त्याच्यावर मन बसेल असे त्याच्या ठायी सौंदर्य नव्हते.


रुक्ष याचा अर्थ माहित आहे का ? 


1) जिथे पाणी नाही , अशी एक जमीन ज्याच्यावर काहीच येऊ शकत नाही , ती लहान आणि सुकलेली असते , 

2) कोणत्याच प्रकारचा आनंद नाही , कोणत्याच प्रकारचे चांगले घर नाही , चांगले अन्न नव्हते , चांगले कपडे नव्हते , हे सर्व येशुला नाही मिळाले  . 

3) चार ही शुभवर्तमान सांगते की , जेव्हा येशूचा जन्म झाला , त्याला चांगले घर नव्हते आणि चांगले कपडे नव्हते , हे वचन याला कनेक्ट करते .  

4) आज आपल्या लेकरांसाठी चांगले कपडे , चांगले खेळणी , शॉपिंग करू शकतो , आपले लेकरे सर्व काही करू शकतात , परंतु येशूच्या आई-वडिलांकडे , येशू साठी कपडे शॉपिंग करण्यासाठी काहीच नव्हते

 5) म्हणून वचन सांगते तो वृक्ष भूमीतील अंकुर सारखा वाढला

 6) लक्षपूर्वक ऐका येशूचा जन्म राजमहालमध्ये होऊ शकत होता , महाराजाच्या महालामध्ये जन्म होऊ शकत होता

 7) परंतु परमेश्वराने ठरवले की तो अशाच जागेवर जन्म घेईल त्याला कुठलेच सौंदर्य नव्हते , लोकांनी तुच्छ मानलेला , टाकलेला तो असा होता

               

                       मत्तय 2:23 

आणि नासेरथ नावाच्या गावी जाऊन राहिला; अशासाठी की, “त्याला नासोरी म्हणतील” हे जे संदेष्ट्यांच्या द्वारे सांगितले होते ते पूर्ण व्हावे.

     (नासोरीचा अर्थ ग्रीकमध्ये कचर्‍याचा ढीग )


                    योहान 1:46 

नथनेल त्याला म्हणाला, “नासरेथातून काहीतरी उत्तम निघू शकते काय?” 


1) ज्याला कचरा म्हटले जाते , ज्याला वृक्ष जमीन म्हटले जाते , अशी एक जागा कि तेथे घर नाही ,  कुठल्या सुख सुविधा नाही

 2) आणि त्याला नासोरी म्हणतील याचा अर्थ काय आहे ? नासोरी मधून चांगले काही निघू शकते का ? नाही .  

3) ती चांगली जमीन होती का ? नाही ,  तिथे फॅसिलिटी होती का ? नाही . काय तिथे शांती होती का ? नाही .


                    यशया 53:3 

तुच्छ मानलेला, मनुष्यांनी टाकलेला, क्लेशांनी (दुःख ) व्यापलेला व व्याधींशी परिचित असलेला असा तो पुरुष पाहून लोक तोंडे फिरवत व त्याला तुच्छ लेखत; आणि त्याला आम्ही मानले नाही.


1) हा येशू जिथे जायचा तिथे त्याला नाकारले जायचे , कुणी त्याला पसंत करत नव्हते , असा होता येशू मित्रांनो , तर कोणी पाहिला यशयाने संदेष्ट्याने .

2) आज आपण गाणे गातो , सागर से गहरा असमा के उचा , कधी हा विचार केला का येशूने आपल्याला वाचवण्यासाठी ह्या टोकांपर्यंत गेला , मनुष्याने टाकलेला , तुच्छ मानलेला , तो दुःखी मानव होता .


दुःखी (क्लेश) पुरुष याचा अर्थ काय आहे ?


1) टाइमा वर अन्न नाही , टाइमा वर कपडे नाही , एकदा येशू म्हटला की पक्षी , प्राणी यांना घर आहे 

2) पण मनुष्याच्या पुत्राला माथा टेकण्यासाठी जागा नाही , या रीतीने पाहिले दुःखी पुरुष

 3) तुम्हाला घर आहे , परंतु येशुला नव्हते 


अशी हाल का ? अशी परिस्थिती का ?


1) येशू हा रोगाशी परिचित होता , लोक त्याच्याकडे पाहून आपले तोंड फिरवून घेत होते , 

2) कोणालाही येशूचा चेहरा पसंत नव्हता , येशूचे रूप कोणालाही पसंत नव्हते 

3) विचार करा या व्यक्तीने कसे Adjust केले , या व्यक्तीचे नाव आहे येशू ख्रिस्त - - (2)


4) या एक व्यक्तीने अशी जागा निवडली , असा जीवन जगला मनुष्याने तुच्छ मानलेला , रोगाशी परिचित , लोक आपले तोंड फिरवून घेत होते , 

5) येशूला कोणी मित्र बनवत नव्हते , मित्रांनो ..


आणि आपण त्याची किंमत ओळखले नाही असें , का ?


1) कारण आपल्याला नाही समजले की परमेश्वराचा पुत्र स्वतः परमेश्वर म्हणून खाली आला आणि असे जीवन जगला

 2) परंतु आपण त्याची किंमत नाही जाणली , त्याची किंमत का नाही जानली ? तर येशुचे खरे रुप दाखवले नाही ,येशूचे जीवन दाखवले नाही , योग्य जीवन सादर नाही केले ,  

3) तर त्याची किंमत कशी ओळखणार ? खरे रुप , खरे चेहरा कधी दाखविले गेले नाही

 4) परंतु यशया संदेष्ट्याने हा खरा चेहरा , खरे रूप दाखविले


तो रोगांशी परिचित होता

                   मत्तय 9:12 

हे ऐकून तो म्हणाला, “निरोग्यांना वैद्याची गरज नाही तर दुखणाइतांना आहे.


1) येशूने कुष्टी रोग्याला बरे केले , रक्तस्रावी स्त्रीला बरे केले , तर कुपी अस्त्र स्त्री तिचे पाप माफ केले , पाप्याबरोबर येशु होता , उद्धार करत होता अशा येशूला आपण ओळखतो का ? 

2) असा येशू जो सर्व ठीक करणार , माझी गाडी , नोकरी , माझा बंगला आहे या सर्व गोष्टी तुम्हाला देत आहे 

3) कारण येशूला आपण बाबा करून टाकले


                      यशया 53:4 

खरोखर आमचे व्याधी त्याने आपल्यावर घेतले, आमचे क्लेश त्याने वाहिले; तरी त्याला ताडन केलेले, देवाने त्याच्यावर प्रहार केलेले व त्याला पिडलेले असे आम्ही त्याला लेखले.


                    मत्तय 8:17 

“त्याने स्वत: आमचे विकार घेतले आणि आमचे रोग वाहिले,” असे जे यशया संदेष्ट्याच्या द्वारे सांगितले होते ते पूर्ण व्हावे म्हणून असे झाले.


1) कोठे रोग वाहिले ? त्या वधस्तंभावर ,  39 फटके खाल्ले , आपल्या स्वतःच्या डोक्यावर काट्यांचा मुकुट कोणी घातला ,

 2) किंमत दिली कॅन्सर साठी , कोणी ? किंमत दिली कोरोनाव्हायरस साठी , कोणी ? किंमत दिली तुमच्या आजारासाठी .कोणी ? 

3) हे सर्व येशूचा रक्ताद्वारे आरोग्य मिळाले आहे


                    1 पेत्र 2:24 

‘त्याने स्वतः तुमची आमची पापे’ स्वदेही ‘वाहून’ खांबावर ‘नेली’, ह्यासाठी की, आपण पापाला मेलेले होऊन सदाचरणासाठी जगावे. त्याला बसलेल्या ‘माराने तुम्ही निरोगी झाला आहात.’


1) कोणी 10 हजार दिले म्हणून आरोग्य नाही मिळाले , माझ्या बहिणी , येशुला बसलेल्या फटक्याने आम्हाला आरोग्य मिळाले आहे 

2) परंतु का देतात पैसे काळ्या कोटवाल्यांना , सफेद कोटवाल्यांना  , कधी इकडे , कधी तिकडे वर बसलेला परमेश्वर म्हणतो , माझ्या पुत्राच्या रक्ताच्या द्वारे आरोग्य मिळाले आहे 

3) ही खरी ओळख करून देत नाही , या कारणामुळे चर्च मध्ये गर्दी जमते . कारण तिथे चमत्कार करणारा बाबा आणतात , 

 4) आज येशूची खरी ओळख होत नाही


                      यशया 53:5 

खरे पाहिले असता तो आमच्या अपराधांमुळे घायाळ झाला, आमच्या दुष्कर्मांमुळे ठेचला गेला; आम्हांला शांती देणारी अशी शिक्षा त्याला झाली; त्याला बसलेल्या फटक्यांनी आम्हांला आरोग्य प्राप्त झाले.


                रोमकरांस पत्र 4:25 

तो प्रभू येशू तुमच्याआमच्या अपराधांमुळे मरवयास धरून देण्यात आला व आपण नीतिमान ठरावे म्हणून तो उठवला गेला आहे.


1) कोणाची हिंमत आहे जो येशूला मारू शकतो , परंतु परमेश्वर पिता बोलला की त्याला ठेचा , त्याला कृसावर चढवा

2) येशू जर नाही मेला , येशू जर नाही ठेचला गेला , येशू जर मारला नाही गला ,  तर मी कसं वाचणार , हिंदू भाऊ कसं वाचणार , माझा मुस्लिम भाऊ कसा वाचणार , 

3) तुम्हाला दहा हजार रुपयांमध्ये शांती नाहीं मिळाली , शांती डोक्यावर हात ठेवल्याने शांती नाही मिळत , तर येशूच्याकडे आल्याने शांती मिळते .

4) रोम 4:25 येशूला कोणी धरून दिले ? आणि का धरले ?

5) यहूदा इस्कोर्योतने धरून दिले नाही , येथे असे लिहिले आहे की आमच्या अपराधामूळे येशूला धरून देण्यात आले , 

6) येशूला 30  चांदीच्या शिक्या मध्ये , गालावर चुंबन घेऊन धरून दिले नाही , 

7) परंतु हे लिहिले आहे की माझ्या अपराधासाठी येशूला पकडून दिले , मानव जातीच्या पापामुळे , येशूला धरून दिले ,

8) असा चेहरा पाहिला होता का ? ही सत्यता माहीत होती का ?


                     यशया 53:6 

आम्ही सर्व मेंढरांप्रमाणे बहकून गेलो होतो; आम्ही प्रत्येकाने आपापला मार्ग धरला होता; अशा आम्हा सर्वांचे पाप परमेश्वराने त्याच्यावर लादले.


1) एदेन बागेत आदमाच्या हातातून झालेल्या चुकीमुळे आणि येशू ख्रिस्ता पासून आणि आज पर्यंत सर्व भटकले आहे सर्वजण भटकले आहे 

2) परमेश्वराला ओळखणारा कोणी नाही , खऱ्या परमेश्वराला शोधणारा कोणीही नाही 

3) तुम्ही अल्लाह म्हणता ना , खुदा म्हणता ना , तोच परमेश्वर म्हणतो , सर्वजण भटकले आहे 

4) तुम्ही म्हणता ना सर्व मार्ग एक आहे , ते सर्वजण भटकले आहे 

5) येशु जो कृस घेऊन चालला होता ना ती शिक्षा रोम कडून नव्हती , पिलात कडून शिक्षा नव्हती , हेरोद राजाकडून शिक्षा नव्हती , महायाजक हनन्या , कयफा यांच्याकडून शिक्षा नव्हती 

6) परंतु येशूवर जो कृस लादला होता ना तो सर्व मानव जातीचे पाप आणि अधर्माने चालणारे , ते सर्व भटकले होते .


7) का चीड येते मूर्तीला परमेश्वर म्हणणाऱ्यांची ? का चीड येते प्लास्टिक आणि लाकडाला परमेश्वर म्हणणाऱ्याची ? का चीड अशा लोकांची झाडाच्यावर , झाडाच्याखाली , 

8) पाण्याच्या वर पाण्याच्या खाली , डोंगराच्या वर , डोंगराच्या खाली परमेश्वराला शोधतात , तुम्हाला नाही माहित तुम्ही भटकले आहात

9) तर खरा मार्ग दाखवण्यासाठी कोणावर तरी कृस देण्यात आला , हा चेहरा नाही दाखवत . आणि म्हणतात की येशू सर्वांवर प्रेम करतो , 

10) जसे आहे तसे या , तुम्ही जे काही करीत असेल ते पण या , तुम्ही रविवारी चर्चमध्ये हालेलुया करा , परमेश्वराची स्तुती करा

 11) परंतु त्याच्या नंतर सोमवारपासून तर शनिवार पर्यंत पिक्चर थेटरला , जा दारू प्या , नशा करा , चुकीचे काम करा , तरी परमेश्वर तुमच्यावर प्रेम करतो .

12) नाही करणार प्रेम , जेव्हा भटकले होते तेव्हाच मार्ग काढला होता , प्रभू मध्ये येऊन ही जर भटकले असाल , तर कोणता नवीन मार्ग काढायचा ?


                 प्रेषितांची कृत्ये 10:43 

त्याच्यावर विश्वास ठेवणार्‍या प्रत्येकाला त्याच्या नावाने पापांची क्षमा मिळेल अशी साक्ष सर्व संदेष्टे त्याच्याविषयी देतात.”

असें का ?


                        1 पेत्र 2:25

कारण तुम्ही मेंढरांसारखे भटकत होता; परंतु आता तुमच्या जिवांचा मेंढपाळ व संरक्षक1 ह्याच्याकडे तुम्ही परत फिरला आहात.


 1) येशूने कृस घेतला हिंदूं भावांसाठी , येशूने कृस घेतला मुस्लिम भावांसाठी , येशूने कृस घेतला बुद्दिष्ट भावांसाठी,  येशूने क्रूस घेतला यहुदी भावांसाठी , 

2) येशूने क्रूस घेतला आमच्यासाठी , सर्व मानव जातीसाठी हा चेहरा का दाखवत नाही ? ही खरी ओळख का करून देत नाही ?



                      यशया 53:7

त्याचे हालहाल केले तरी ते त्याने सोसले, आपले तोंडसुद्धा उघडले नाही; वधण्यास नेत असलेल्या कोकराप्रमाणे, लोकर कातरणार्‍यांपुढे गप्प राहणार्‍या मेंढराप्रमाणे, तो गप्प राहिला; त्याने आपले तोंड उघडले नाही.


1) येशूच्या तोंडावर थुंकण्यात आले , येशूच्या डोळ्यांवर पट्टी बांधण्यात आली , चापट मारण्यात आली ,

 2) येशूला मागून मारण्यात आले , कोणाची एवढी हिम्मत की , परमेश्वराला मारू शकेल , फटके देऊ शकेल , परंतु येशूला छळण्यात आले


                    मत्तय 27:12‭-‬14 

मुख्य याजक व वडील हे त्याच्यावर दोषारोप करत असता त्याने काहीच उत्तर दिले नाही. तेव्हा पिलात त्याला म्हणाला, “हे तुझ्याविरुद्ध किती गोष्टींबद्दल साक्ष देतात, हे तुला ऐकू येत नाही काय?” परंतु त्याने एकाही आरोपाला त्याला काही उत्तर दिले नाही; ह्याचे सुभेदाराला फार आश्‍चर्य वाटले.


1) येशू तू शांत का आहे , जेव्हा तुला मारले जात होते , येशू तू शांत का आहे , जेव्हा तुझ्या वर आरोप केले जात होते , 

2) तू शांत आहे , तू वेश्याबरोबर संगत ठेवायचा , पापी लोकांबरोबर संगत ठेवायचा , तू मूर्ती पूजक आहे ,

3) तू चुकीच्या माणसाबरोबर रहातो , तुझ्यामध्ये दुष्ट आत्मा आहे , तू जबुलून च्या साह्याने काम करतो ,

 4 ) हे सर्व ऐकून येशू तू शांत का आहे 


का शांत राहिला तर,,,


1) जेव्हा आपण चूक करीत होतो , पाप करीत होतो वर बसलेला परमेश्वराने , आपला चुटकीमध्ये नाश केला असता , पण येशूमुळे तो शांत आहे 

2) आतंकवादी , मर्डर करणारे , चोरी करणारे , हे सर्व पापी यांचा संसार आहे , त्यांच्यासाठी शांत आहे कारण यांच्यासाठी किंमत दिली परमेश्वराने

 4) नाही तर येशूने , चुटकी मध्ये सर्व नष्ट करून टाकले असते , सर्व संपूण टाकले असते , परंतु येशु शांत राहिला


                 प्रेषितांची कृत्ये 8:32 


तो जो शास्त्रलेख वाचत होता तो असा: “त्याला मेंढरासारखे वधासाठी नेले; आणि जसे कोकरू कातरणार्‍याच्या पुढे गप्प असते, तसा तो आपले तोंड उघडत नाही.


यशया 53 चा अध्यायच का ?


1) त्या समयी येशू जिवंत होऊन काही वर्षे झाली होती (10-15 वर्षे धरा ) त्या समयी पेत्र , फिलिप , स्तेफन , याकोब असे लोक जेव्हा सुवार्ता सांगत होते 

2) ती बातमी याच्याकडे पोहोचली ,  यशया 53 चा तो येशू ख्रिस्त याचा Sms बाप्तिस्मा करणारा योहान ने दिला

3) अशी बातमी फिलिप्पाने नथनेलला दिली आम्हाला ख्रिस्त मिळाला आहे  , या येशूची चर्चा सर्व मार्केटमध्ये , त्या यहुदी मार्केटमध्ये मोठ्या जोरात चालू होती 

4) ही बातमी हफषी षंढ जवळ पोहोचली , असं होऊ शकते याने यहुदीयांना विचारले असेल , यहुदी च्या बाहेर महा याजकाला विचारले असेल , 53 अध्याय कोणाची गोष्ट , कोणाविषयी बोलत आहे ?

5) हा येशू मसीह तर नाही  , तिथल्या लोकांनी जर सांगितले तर ते सांगतील , तो येशूला स्वीकारील ही येशूची गोष्ट आहे , येशू आला आहे , येशू मेला आहे , यशया 53 अध्याय पूर्ण झाला आहे 

6) जर आपण नाही थांबवले तर घोटाळा होईल तिथे असा प्रचार , सुवार्ता सांगितली तर जो येशूची सुवार्ता सांगेल त्याला जेल मध्ये टाकत असेल
 7) याकोबाचा गळा कापून टाकला , पेत्राला जेलमध्ये टाकले , स्टेफनला दगडाने मारले आणि शौलाने जबाबदारी घेतली होती कि जो सुवार्ता सांगेल , त्याला तो जेलमध्ये टाकत असे

 8) पण त्याला नाही माहित मित्रांनो , जो दुसर्‍याला टाकतो , त्यालाच येशू येऊन भेटतो , त्याचे जीवन बदलून जाते


9) हफषी षंडाला 53 अध्याय कोण आहे ? हे त्याला पाहियचे होते येशूची खरी ओळख , येशूचा खरा चेहरा कोण सांगेल ? त्याची तळमळ पवित्र आत्म्याने पाहिली आणि फिलिप्प्याला सांगितले , जा त्याला 53 चा व्यक्ती कोण आहे ? तो सांग ?

10) आज भारताला 53 चा व्यक्ती कोण आहे ? हे सांगितले पाहिजे , अमेरिका 53 चा व्यक्ती सांगितले पाहिजे , आफ्रिकाला 53 चा व्यक्ती सांगितले पाहिजे 

11) आज या 53 च्या व्यक्तीला लोकांनी आज बाबा , कधी डॉक्टर मध्ये बदलून टाकले
 12) येशूची खरी ओळख करून देण्यासाठी फिलीप्पा सारखी व्यक्ती परमेश्वर आपल्यासाठी तयार करीत आहे 
13) जेव्हा त्याला येशूची खरी ओळख झाली तर फिलिप तेथून गायब झाला , निघून गेला . हीच खरी ओळख करून दिल्यानंतर संपले आणि दुसऱ्या लोकांना सांगण्यास सुरुवात करा


                      यशया 53:8‭-‬9 

त्याच्यावर जुलूम करून व खटला चालवून त्याला घेऊन गेले; जिवंतांच्या भूमीतून त्याला काढून टाकले, आणि माझ्या लोकांच्या पातकांमुळे त्याला ताडन करण्यात आले; असा त्या पिढीच्या लोकांपैकी कोणीतरी विचार केला काय? त्याची कबर दुर्जनांच्या कबरांमध्ये नेमली होती आणि तो मेल्यावर धनवंताची कबर त्याला प्राप्त झाली; तथापि त्याने काही अधर्म केला नव्हता, त्याच्या मुखात काही कपट नव्हते.


                  1 करिंथ 15:3 

कारण मला जे सांगण्यात आले ते मी तुम्हांला सांगून टाकले, त्यांपैकी मुख्य हे की, शास्त्राप्रमाणे ख्रिस्त तुमच्या-आमच्या पापांबद्दल मरण पावला;


1) आज असे काही ग्रुप्स आहे , काही लोक आहे ते म्हणतात की ही (ख्रिश्चन) इसाई लोक धर्मांतर करणारी लोक आहे ,  हे (ख्रिश्चन धर्माचे) इसाईचे प्रसार करणारे आहे ,
 2) नाही , आम्ही (ख्रिश्चन धर्माचे) इसाईचे प्रसार नाही करत , आम्ही ख्रिस्ताचे प्रसारक नाही , आम्ही तर येशू ख्रिस्ताचे प्रसारक , सुवार्तिक आहोत
 3) येशू ख्रिस्त मानव जातीच्या पापांसाठी मरण पावला , ही खरी ओळख .


                     1 योहान 3:5 

तुम्हांला माहीत आहे की, आपली पापे हरण करण्यासाठी तो प्रकट झाला; त्याच्या ठायी पाप नाही.


1) येशू ख्रिस्ताने कधीच कोणावर तलवार चालवली नाही , कोणाचा गळा कापण्यासाठी , येशू ख्रिस्ताने कोणत्या प्रकारचा त्रिशूल चालवले नाही ,


2) येशू ख्रिस्ताने कोणत्या प्रकारचा बांण नाही चालवला , येशू ख्रिस्ताने कोणत्याही प्रकारचा गद्दा उचलला  नाही ,


3) येशू ख्रिस्ताने कोणत्याही प्रकारचे मर्डर नाही केले , येशू ख्रिस्ताने अनेक लग्न नाही केले , आत्ताचे राजे , नबी त्यांनी भरपूर लग्न केले , तसे येशू ख्रिस्ताने काहीच केले नाही


 4) कुठून होणार पाप  , कारण तो परमेश्वर होता आणि तो मानव म्हणून आला


                   यशया 53:10 

त्याला ठेचावे असे परमेश्वराच्या मर्जीस आले. त्याने त्याला पिडले; त्याच्या जिवाचे दोषार्पण झाल्यावर तो संतती पाहील, तो दीर्घायू होईल, त्याच्या हातून परमेश्वराचा मनोरथ सफल होईल.


1) मला , तुम्हाला , मानव जातीला मारायचे होते पण येशूला मारले
 2) तुम्हाला , आम्हाला मारणार होते , परंतु येशूला मारले गेले , परमेश्वराने त्याला मनुष्य म्हणून पाठवले 


येशूला रोगी बनवण्यात आले , रोगी चा अर्थ समजतो का ?


यशाया पहात आहे , येशू ख्रिस्ताला आणि विचारतो की  ,

1) तू असा दिसत आहे की , जसे तुला रोग झाला आहे , तुम्ही परिस्थिती अशी झाली आहे की जसा तुला आजार झाला ,


2) तुझ्या चेहऱ्यावर काहीच चमक नाही , तुझे गाल एकदम सुकून गेले आहे , तो असा दिसत आहे की तुझे डोळे एकदम खाली गेले आहे , 


3) तुझ्या डोळ्या खाली काळे वर्तुळे आली आहे , तुझ्या हडड्या सुकून गेल्या आहे , तू तंदुरुस्त नाही , परमेश्वराने त्याला रोगी केले 


4) असा चेहरा का पाहत नाही आपण , अशा येशूला का समजून घेत नाही , आपण लोक ? 


5) हे का दाखवतात संदेश देणारे , की येशु तूम्हाला गाडी देईन , नोकरी देईन , छोकरी देईन , बंगला देईल हे सत्य आहे , देईल तो देईल ,
 परंतु हे का दाखवत नाही की , त्याने तुमच्या साठी काय केले ? - - (2)



त्याच्या जिवाचे दोषार्पण झाल्यावर तो संतती पाहील

1) येशूची वंशावळ बायबलमध्ये नाही , अब्राहमची आहे , इसहाकाची आहे , याकोबाची आहे , दाविदाची आहे 

2) परंतु येशूची वंशावळ बायबलमध्ये नाही , पण येशूची वंशावळ आम्ही आणि तुम्ही आहोत .


                       यशया 53:11 

त्याच्या जिवाच्या वेदना सरल्यावर तो त्यांचे फल पाहून समाधान पावेल; तो माझा नीतिमान सेवक आपल्या ज्ञानाने बहुतांना निर्दोष ठरवील;1 त्यांच्या अधर्माचा भार तो आपल्यावर घेईल.


                 रोमकरांस पत्र 5:19 

कारण जसे त्या एकाच मनुष्याच्या आज्ञाभंगाने पुष्कळ जण पापी ठरले होते, तसे ह्या एकाच मनुष्याच्या आज्ञापालनाने पुष्कळ जण नीतिमान ठरतील.


1) जर तुम्ही येशूला एकदा स्वीकारले , तर तुमचे पापांची क्षमा होते

 2) परंतु येशूला जर स्वीकारले नाही , तर तुम्ही कितीही डुबकी घ्या , तुम्ही कोणत्याही डोंगरावर जा ,  किती ही दानधर्म करा 

3) जेव्हा पुस्तक उघडले जाईल ना , तेव्हा तुम्ही वाचू शकत नाही , जर वाचायचे असेल , तर येशूचा स्वीकार करा , कारण आत्ताच संधी आहे


                 यशया 53:12

ह्यामुळे मी त्याला थोरांबरोबर विभाग देईन, तो बलवानांबरोबर लूट वाटून घेईल; कारण आपला प्राण वाहू देऊन तो मृत्यू पावला, त्याने आपणास अपराध्यांत गणू दिले; त्याने बहुतांचे पाप आपल्यावर घेतले व अपराध्यांसाठी मध्यस्थी केली.


                       इब्री 7:25 

ह्यामुळे ह्याच्या द्वारे देवाजवळ जाणार्‍यांना पूर्णपणे तारण्यास हा समर्थ आहे; कारण त्यांच्यासाठी मध्यस्थी करण्यास हा सर्वदा जिवंत आहे.


गेथशेम बागेत काय होणार होते ?


1) हा येशू आहे ज्याला ठेचला जाणार होता , त्याला बेदाम मारणार होते , बेदर्द पिटणार होते 
2) येथे काय होणार होते , ही गोष्ट अगोदरच येशूला माहिती होती
 3) हा स्वतः परमेश्वर आहे , स्वतः खुदा आहे त्याला माहीत होते की , माझ्या बरोबर काय होणार होते 


गेथशेम बागेत थोड्या वेळानंतर काय होणार होते ?


1) येथे परमेश्वराच्या क्रोधाचा प्याला , रागाचा प्याला तो पिणार होता 

2) या कारणावरून हा प्याला माझ्यापासून दूर कर , हे व्हायच्या अगोदर येशूने शिष्याला सांगितले होते की ,


                       लूक 22:37 

मी तुम्हांला सांगतो ‘तो अपराध्यांत गणलेला होता’ असा जो शास्त्रलेख आहे तो माझ्या ठायी पूर्ण झाला पाहिजे कारण माझ्याविषयीच्या गोष्टी पूर्ण होत आहेत.”


मला मारले जाईल पेत्रा , ते रात्री गेले सर्व शिष्य पळून गेले शास्त्रात लिहिले होते ते माझ्याबरोबर करणार आहे


गेथशेम - येथे येशु परफेक्ट मानव होता  -

1) येशूच्या तोंडातून हे निघाले की , हा प्याला माझ्यापासून दूर कर , पृथ्वीवरील कोणत्याही मनुष्य सांगू शकत नाही की येशूबरोबर काय होणार होते

 2) येशूला प्रार्थना सहाय्याची गरज होती , परंतु हे तिघे झोपून गेले होते , काय थोडा वेळ जाऊ शकत नाही , 

3) तुम्हाला माहित नाही , माझ्याबरोबर काय होणार आहे


                 फिलिप्पैकरांस पत्र 2:6‭-‬7 

तो देवाच्या स्वरूपाचा असूनही देवाच्या बरोबरीचे असणे हा लाभ आहे असे त्याने मानले नाही, तर त्याने स्वतःला रिक्त केले, म्हणजे मनुष्याच्या प्रतिरूपाचे होऊन दासाचे स्वरूप धारण केले.


1) येथे परफेक्ट मनुष्य होता , अंश भर मनुष्याचा भाग येथे दिसत नव्हता , त्याला शून्य करून टाकले , येथे येशूने परमेश्वराचा शक्तीचा वापर केला नाही ,


 2) पेत्रा तू जो पाण्यामध्ये डुबत होता , तुला हात धरून बाहेर काढले , योहान तुला माझी आई सोपवून देणार आहे , तुम्ही माझ्यासाठी जागे राहिले नाही ,


 3) येथे येशू मनुष्य होता , जरा पण त्याने मदत घेतली नाही , तो मनुष्य होता , म्हणून तो बोलला की शक्य असेल हा प्याला माझ्या पासून दूर कर 


4) जगाचे सर्व पाप येशूवर , याचा विचार करून येशू बोलला की थोडा वेळ जागे राहा , प्रार्थनेचा सपोर्ट मिळावा , पण नाही मिळाला 


                     1 तीमथ्य 3:16 

सुभक्तीचे रहस्य निर्विवाद मोठे आहे; तो देहाने प्रकट झाला, आत्म्याने नीतिमान ठरला, देवदूतांच्या दृष्टीस पडला, त्याची राष्ट्रांत घोषणा झाली, जगात त्याच्यावर विश्वास ठेवण्यात आला, तो गौरवात वर घेतला गेला.



                  प्रेषितांची कृत्ये 2:22 

अहो इस्राएल लोकांनो, ह्या गोष्टी ऐका; नासोरी येशूच्या द्वारे देवाने जी महत्कृत्ये, अद्भुते व चिन्हे तुम्हांला दाखवली त्यांवरून देवाने तुमच्याकरता पाठवलेला असा तो मनुष्य होता, ह्याची तुम्हांला माहिती आहे.


1) गेथशेम बागेत येशू परफेक्ट मनुष्य होता , पूर्ण मानव होता , त्याच्यामध्ये परमेश्वराची शक्ती अंश भर नाही दिसली  , माझे रक्त घामाप्रमाणे पडणार होते , मला अस्वस्थ होणार आहे , मला कसे मारणार , हे सर्व सांगितले होते

 2) माझे मांसचे तुकडे पडणार होते , चाबकाने मारणार होते , हातापायाला खिळे खुपसणार होते , त्याच्या डोक्यावर काट्यांचा मुकुट घातलेला होता , हा येशू पूर्ण मानव होता

 3) अशी ओळख आपल्याला आहे का ? ही ओळख कशामध्ये बदलली तर सँटाक्लॉज , कशामध्ये बदलली तर ख्रिसमस ट्री मध्ये , कशामध्ये बदलली तर मनोरंजन मध्ये


4) येथे कोण होता ? शक्य असेल हा प्याला दुर कर येथे येशू होता

 5) सैतान म्हणतो काहीच गरज नाही , परंतु परमेश्वर म्हणतो फक्त तूच आहे , मी सर्व राजे पाहिले , हे धार्मिकता आणीन परंतु  हे सर्व फेल झाले 

6) तुझ्या जवळच फक्त ते पवित्र रक्त आहे , कोणत्याही प्रकारचे पाप तुझ्या मध्ये नाही , माझी इच्छा आहे की तू मरावे आणि येशू म्हणतो शक्य असेल तर हा प्याला दुर कर आणि सैतान म्हणतो क्रुसावर नको मरू



                 फिलिप्पैकरांस पत्र 2:8 

आणि मनुष्यप्रकृतीचे असे प्रकट होऊन त्याने मरण, आणि तेही वधस्तंभावरचे मरण सोसले; येथपर्यंत आज्ञापालन करून त्याने स्वतःला लीन केले.


1) येथे येशू परीक्षा पास झाला , परमेश्वराची इच्छा पूर्ण झाली , येशू चर्चची घंटा नाही , 

2) की रविवारी चांगले कपडे घालून चर्चमध्ये नाचायचे आणि बाहेर यायचे , ही येशूची खरी ओळख नाही


सैतान ची इच्छा अशी होती की येशूने क्रुसावर मरु नये , का ?


 1) येशु जर मेला तर सर्व मानव जात वाचली जाईल , हिंदू भाऊ वाचला जाइल , मुस्लिम भाऊ वाचला जाईल , 

2) बुद्धीष्ट भाऊ वाचला जाईल , शीख , पारशी , जैन , आदिवासी भाऊ , यहुदी भाऊ वाचला जाईल , मनुष्य वाचला जाईल


सैतानाने पूर्ण ताकद लावली की येशूने क्रुसावर मरू नये ?


1) जर येशू क्रुसावर मेला नसता तर देवाचे लोक रस्त्यावर प्रचार करताना , सुवार्ता सांगतांना दिसले नसते , तुम्ही मला वचन सांगताना ऐकले नसते 

2) येशु क्रूसवर मेला त्याने सांगितले की , जा सुवार्ता सांगा म्हणून आम्ही सुवार्ता सांगतो . येशूचा घाम रक्ता प्रमाणे वाहत होता ,

3) परमेश्वर म्हणतो , तुलाच मरावे लागेल , कारण तू जर नाही मेला , तर हे मनुष्य कसे वाचणार 

4) मी पाप सहन नाही करू शकत , जे बलात्कारी , चोरी , खून नशा , भ्रष्टाचार , आतंगवादी कसे वाचणार ? येशू म्हणतो असे असेल तर तुझी इच्छा पूर्ण हो 

5) 25 डिसेंबर ला कोणता संदेश गेला पाहिजे ? गुड फ्रायडेला कोणता संदेश गेला पाहिजे ? ईस्टर संडेला कोणता संदेश गेला पाहिजे ? 

6) परंतु आज काय होत आहे , प्रत्येक संडेला काय प्रचार , संदेश देत आहे की ? येशूकडे या , नोकरी मिळेल , छोकरी मिळेल , बिजनेस वाढेल , आशीर्वाद मिळेल , आरोग्य मिळेल , बरकत मिळेल असा संदेश दिला जात आहे ,


 परंतु खरा येशु कुठे आहे ? - - - (2) 


परंतु परमेश्वराचा क्रोध मनुष्यावर न लादता एका मनुष्यावर  तो प्याला लादण्यात आला -


1) जेव्हा येशूला मारण्यात येत होते तेव्हा त्या बापाचा जीव काय म्हणत असेल ? त्याच्या जीवावर काय बितत असेल ?

 2) जो परमेश्वर आहे , तो सर्व नष्ट करू शकतो , त्याने ठरवले की असेच मरण यावे , असेच मारावे त्याला , तो प्याला पाजण्यात आला , 

3) येशूला क्रुसावर मारला . का ? कारण माझे , तुमचे , पाप  माफ होईल , हे हिंदू भाऊ त्याचे पापक्षमा होईल , मुस्लिम भाऊ त्याचे पाप क्षमा होईल ,  


 येशू कृसावर मेला , कारण पापांची क्षमा व्हावी - - (2)


जन्मापासून तर कृसापर्यंत येशू बरोबर काहीच चांगले झाले नाही -


 1) चांगले घर भेटले नाही  , आईवडीलांची साथ नहीं भेटली , घरच्या लोकांनी त्याला वेडे म्हटले , शिष्य त्याला सोडून गेले

 2) एक व्यक्ती येऊन त्याला 30 चांदीच्या शिक्या मध्ये विकून देते , येशू बरोबर काहीच चांगले झाले नाही

3) म्हणून यशया म्हणतो , ना त्याला सुंदरता होती , ना त्याला चमक होती , ना त्याला रूप होते , नाही त्याला खरी ओळख होती , तो मनुष्याने टाकलेला होता 

4) असा येशू क्रुसावर आपल्या पापांसाठी मरण पावला


येशूला क्रुसावर सैतानाने नाही मारले तर परमेश्वराची इच्छा होती की तो मरावे -


             फिलिप्पैकरांस पत्र 2:9‭-‬11 

ह्यामुळे देवाने त्याला अत्युच्च केले, आणि सर्व नावांपेक्षा जे श्रेष्ठ नाव ते त्याला दिले; ह्यात हेतू हा की, स्वर्गात, पृथ्वीवर व पृथ्वीखाली प्रत्येक गुडघा येशूच्या नावाने टेकला जावा, आणि देवपित्याच्या गौरवासाठी प्रत्येक जिभेने येशू ख्रिस्त हा प्रभू आहे असे कबूल करावे.


1) जो पुर्ण मनुष्य होता , असे मरण त्या परमेश्वराने दिले की , क्रुसावर तूच मरणार , 

2) त्याच परमेश्वराने , त्या येशूला मोठ्या , श्रेष्ठ , शानदार , मोठ्या शक्तीने , मोठ्या सन्मानाने त्याला आपल्या डाव्या हाताला जवळ बसवले

 

येशू मसीह प्रभू आहे - 


सर्व व्यक्ती , सर्व मानवजाती , सर्व जातीचे लोक , हिंदू , मुस्लिम , बुद्धिष्ट , जैन , शीख , पारसी , यहुदी , आदिवासी सर्व कबूल करतील , गुडघे टेकतील , 

येशू हाच प्रभू आहे - - - (2)


                    Praise The Lord

Sunday, 13 February 2022

यहूदी! , अन्यजाति!

 आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े


*जब आप Bible का कोई भी वचन पढ़ते हैं!*


*इन बातों पर ध्यान देना होगा!*


*Bible को दो frame में रख कर पढ़ना है!*


{1}  यहूदी!

{2} अन्यजाति!


✍️ यहूदी frame 


✍️उत्पत्ति से लेकर मलाकी


*दो युग है:-*


👉 *विवेक युग*

👉 *व्यवस्था युग*


👉विवेक युग :- *आदम से लेकर मूसा तक!*


👉 व्यवस्था युग:- *मूसा से यीशु मसीह तक!*


✍️ *उत्पत्ति से यीशु के क्रूस की मौत तक यहूदी frame*


*सूने*:-


✍️जब आप दो frame में रख कर Bible को पढ़ते हो, 


👉तब आपको पता चलेगा आपको क्या लेना है क्या नहीं लेना है!


*सूने*:-


✍️यीशु की सेवकाई को भी यहूदी frame में पढ़ना है!


👉 *यीशु यहूदियों का सेवक बना!*


👉मैं कहता हूँ, कि जो प्रतिज्ञाएँ पूर्वजों को दी गई थीं, उन्हें दृढ़ करने के लिये मसीह, *परमेश्वर की सच्चाई का प्रमाण देने के लिये खतना किए हुए लोगों का सेवक बना।* 

(रोमियों 15:8)


✍️ *पौलुस अन्यजाति का सेवक बना!*


👉 *कि मैं अन्यजातियों के लिये मसीह यीशु का सेवक होकर* परमेश्वर के सुसमाचार की सेवा याजक के समान करूँ; जिससे अन्यजातियों का मानो चढ़ाया जाना, पवित्र आत्मा से पवित्र बनकर ग्रहण किया जाए।

(रोमियों 15:16)


*सूने*:-


✍️ *नया नियम का 90 प्रतीशत वचन या कार्य यहूदियों के लिए था!*


👉वो चाहे उदाहरण हो या वचन हो यहूदियों के लिए था!


👉जब संध्या हुई तब वे उसके पास बहुत से लोगों को लाए जिनमें दुष्टात्माएँ थीं और उसने उन आत्माओं को अपने वचन से निकाल दिया, और सब बीमारों को चंगा किया। ताकि जो वचन यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था वह पूरा हो: “उसने आप हमारी दुर्बलताओं को ले लिया और हमारी बीमारियों को उठा लिया।”

(मत्ती 8:16-17)


✍️ *चमत्कार कियू किये?*


👉 *भविष्यवाणी पूरी हो!*

👉 *यशायाह कौन है?* 

👉 *किस को पता ह?*


👉 *किस को पता था मसीह आने वाला है?*


👉चार किताबें

👉उदाहरण

👉वचन


👉यहूदियों के लिए है!


👉यहुन्ना बपतिस्मा देने वाला भी यहूदियों के बीच आया!


*ध्यान से सूने*:-


*सवाल*:-


✍️ *Bible परमेश्वर का वचन हैं या Bible में परमेश्वर का वचन है!*


👉Bible में मनुष्य की बाते भी है!

👉 Bible में स्वर्गदूतो की भी बातें हैं!


👉 Bible में अयूब के मित्रों की भी बातें हैं!


👉Bible में शैतान की बाते भी है!


*सूने*:-


✍️ हम Bible परमेश्वर का वचन-वचन नहीं बोल सकते!


👉 *हमे फिल्टर करना होगा कौन सा वचन परमेश्वर का!*


👉 *इसलिए दो frame रखे*


👉फिर उसने अपने बारह चेलों को पास बुलाकर, उन्हें अशुद्ध आत्माओं पर अधिकार दिया, कि उन्हें निकालें और सब प्रकार की बीमारियों और सब प्रकार की दुर्बलताओं को दूर करें। इन बारहों को यीशु ने यह निर्देश देकर भेजा, “अन्यजातियों की ओर न जाना, और सामरियों के किसी नगर में प्रवेश न करना।

(मत्ती 10:1, 5)


👉और इन बातों के बाद प्रभु ने सत्तर और मनुष्य नियुक्त किए और जिस-जिस नगर और जगह को वह आप जाने पर था, वहाँ उन्हें दो-दो करके अपने आगे भेजा।

(लूका 10:1)


✍️ *किस को भेजा?* 

👉 *चेलों को*

👉 *इस्राइलीयो के पास*


*सूने*:-


✍️ अन्यजातियो के लिए सुसमाचार का दरवाजा खुल गया!


👉कि मैं अन्यजातियों के लिये मसीह यीशु का सेवक होकर परमेश्वर के सुसमाचार की सेवा याजक के समान करूँ; जिससे अन्यजातियों का मानो चढ़ाया जाना, पवित्र आत्मा से पवित्र बनकर ग्रहण किया जाए।

(रोमियों 15:16)


✍️ *फटा हुआ परदा*


👉 *तब, मन्दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फटकर दो टुकड़े हो गया:* और धरती डोल गई और चट्टानें फट गईं।

(मत्ती 27:51)


✍️पर्दा फटा  यहूदियों ने यीशु को उद्धार कर्ता ग्रहण नहीं किया!


👉जो परमेश्वर मंदिर में रह कर सेवा लिया करता था,वो अब बाहर आ चूका है!


👉उसने पर्दा फाड़ दिया है!


👉 *जिसको प्रभु ने फाड़ा है अब उसे कियू सी रहे हो?*


*ध्यान से सूने*:- 


✍️ *आपको क्या-क्या नहीं करना है!*


⭐ *हमे दस आज्ञा को नहीं मानना है!*


👉हमारे लिए सब है यीशु को follow करना है!


⭐ *पशु बलि नहीं करना है!*


⭐ *शब्द  का दिन नहीं मनाना है!*


⭐ *खतना नहीं करना है!*


⭐ *दसवांश!*


👉 *क्या दसवंश देना गलत है?*


👉 *अगर यहूदियों के हिसाब से शिखाओगे तो 100 प्रतिशत गलत है!*


*ध्यान से सूने*:-  


✍️कई  शिखाते हैं दसवांश नहीं दोगे तो आपका कर्जा बढ़ता जाएगा !


👉 *हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे; न कुढ़-कुढ़ के, और न दबाव से,* क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है।

(2 कुरिन्थियों 9:7)


✍️मन में ठाने 

✍️मै 10, 20,30,50,100!

✍️मै 100 का 100 दूगा!


*सूने*:-


👉सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा करके मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोलकर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूँ कि नहीं।

(मलाकी 3:10)


✍️ *तोड मोड़कर कर नहीं!*


👉 *कौन से भंडार मे*

👉 *कौन सा भवन*

👉 *लालच देकर नहीं लेना है*


👉ये यहूदियों के लिए था :-


✍️दोगे तो आशीष नहीं दोगे तो श्राप है!


👉डराना नहीं है!

 

👉 *और क्या -क्या नहीं करना है*


⭐ *यहूदियों का त्योहार नहीं मनाना है!*


👉इस्राइली के मंदिर में वहां से

तेल लाते हैं!


👉सोल लाते हैं!

और कहते तेल पवित्र है,


👉सोल पवित्र है!


👉 *भाई आपको इस बात को समझना होगा परमेश्वर पवित्र है!*


⭐ *लेन्थ डे नहीं मानना है!*


👉 अतः जितने लोग व्यवस्था के कामों पर भरोसा रखते हैं, वे सब श्राप के अधीन हैं, क्योंकि लिखा है, *“जो कोई व्यवस्था की पुस्तक में लिखी हुई सब बातों के करने में स्थिर नहीं रहता, वह श्रापित है।”*

(गलातियों 3:10)


*ध्यान से सूने*:-


✍️ हमे ये नहीं करना है! 


👉 *कियोकि अच्छे-अच्छे पूरा नहीं कर सके!*


👉आप पूरा करोगे!


👉 *सिर्फ यीशु ने पूरा किया है!*


👉 *यीशु ने जो पर्दा फाड़ दिया है, उसे दूबारा कियू सी रहे हैं!*


👉 *तो सवाल उठता है फिर हमारे लिए कितना है!*


✍️ *आपको किया पूरा करना है?*


👉 *इसलिए तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ; और उन्हें पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो, और उन्हें सब बातें जो मैंने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ और देखो,* मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूँ।”

(मत्ती 28:19-20)


*God bless you*

ख्रिश्चनांनी व्हॅलेंटाईन डे साजरा करावा की नाही

 ख्रिश्चनांनी व्हॅलेंटाईन डे साजरा करावा की नाही ?


Should Christians celebrate Valentine Day ?

ख्रिश्चनांनी व्हॅलेंटाईन डे साजरा करावा की नाही ?       

       

व्हॅलेंटाईन डे म्हणजे काय ?  What is Valentine's Day?

व्हॅलेंटाईन डे हा जगातील सर्वाधिक लोकप्रिय दिवस आहे. इतका लोकप्रिय आहे की सर्वच विशेषत;  बहुतेंक तरुणतरुणी  यात अधिकतेने सामील होतात .


असा अंदाज आहे की अमेरिकन लोक या एकाच दिवसावर  सुमारे २० अब्ज डॉलर्स खर्च करतात आणि ख्रिसमसच्या नंतरचा त्यांच्यासाठी हा सर्वात महागडा दिवस  आहे.


तथापि, बहुमत नेहमीच योग्य असतेच अस नाही ....


 व्हॅलेंटाईन डे कधी असतो ?  व्हॅलेंटाईन डे हा दिवस म्हणजे नेमके  काय ? When is Valentine's Day?

या दिवसाचे तरुणांमध्ये कुतूहल आणि व्हॅलेंटाईन डे बद्दलचे  आकर्षण पाहून मी या दिवसाविषयी गुगल सर्च करून पाहिले तर आलेली माहिती मला  फारच धक्काधायक वाटली .  जेव्हा मी तरुणाबरोबर यावर  चर्चा केली तर समजले कि , अगदी कॉलेजमध्येही तरुण विद्यार्थी  १४ फेब्रुवारी म्हणजेच व्हॅलेंटाईन डे चे विशेष आयोजन करतात . क्लासरूम गुलाबाच्या फुलांनी सजवतात . आणि इच्छुक मुलगा पाहिजे त्या मुलीला गुलाबाचे फुल देऊन स्वता;चे  प्रेम प्रकट करतो. आणि विशेष म्हणजे शिक्षक ही यास विरोध करत नाही .उलट सहमती देतात .आणि याची सुरवात सात दिवस आधीच ७ फेब्रुवारीपासून  होते .प्रत्येक दिवस वेगवेगळ्या नावाने साजरा होतो .


1st day-Rose Day ; गुलाबाचे फुल भेट देतात .


2nd day-  Propose Day ; प्रेमाची कबुली देतात


3rd day - Chocolate Day ; चॉकलेट देतात


4th day- Teddy Day ; हृदय आकाराचे टेडी देऊन


5th day-  Promise Day; नाते टीकावण्याचे वचन देतात


6th day -Hug Day  ; मिठीत घेतात


7th day- Kiss Day; चुंबन घेतात


8th day- Valentine’s Day; शेवटी व्हॅलेंटाईन डे साजरा


ख्रिश्चनांनी हा दिवस साजरा करावा की नाही ?


सर्वात महत्त्वाचे म्हणजे, व्हॅलेंटाईन डे बद्दल देव काय विचार करतो ?


ख्रिश्चनांनी व्हॅलेंटाईन डे साजरा का करु नये अशी काही  कारणे या पोस्टमध्ये मी  येथे देत आहेत.


१. व्हॅलेंटाईन डे चा उगम हा मूर्तिपूजक पासून आहे. The origin of Valentine's Day

जर आपण कोणत्याही विश्वकोश किंवा इतिहासात शोध घेतल्यास  कळून येईल कि  व्हॅलेंटाईन डे हा एक प्राचीन रोमन मूर्तिपूजक उत्सव आहे .


मूलतः या उत्सवास लुप्रेकलिया म्हणून ओळखले जातो जो प्रत्येक फेब्रुवारीच्या १४ तारखेला साजरा केला जातो . ल्यूपेरकलिया हा ल्युपरकस (प्रजनन देवता) , जुनो (विवाहाची आणि स्त्रियांची देवी) आणि पॅन (निसर्गदेवते)  देवांचा सन्मान करण्यासाठी साजरा केला जातो.


व्हॅलेंटाईन डेचे  मूळ मूर्तिपूजा आहे. देवाला मूर्तीपूजेचा तिटकारा आहे आणि तो आपल्या लोकांना त्यापासून दूर राहण्याची कडक स्पष्ट आज्ञा देतो.


 “ज्या राष्ट्रांचा ताबा घेण्यास तू जात आहेस त्यांचा पाडाव तुझा देव परमेश्वर तुझ्यासमोर करील व तू ती ताब्यात घेऊन तेथे वस्ती करशील;तेव्हा सांभाळ, नाहीतर तुझ्यासमोर त्यांचा पाडाव झाल्यावर तुला त्यांचे अनुकरण करण्याचा मोह होईल आणि ही राष्ट्रे आपल्या देवांची ज्या प्रकारे सेवा करीत होती तशीच आपणही करावी असे मनात आणून त्या देवांच्या नादी तू लागशील.आपला देव परमेश्वर ह्याच्या बाबतीत तू असे करू नकोस; कारण ज्या गोष्टींचा परमेश्वराला वीट येतो व तिरस्कार वाटतो त्या सर्व गोष्टी ते लोक आपल्या देवांच्या बाबतीत करीत आले आहेत; ते देवांप्रीत्यर्थ आपल्या मुलामुलींचादेखील होम करीत असतात. मी तुला आज्ञापीत आहे ती प्रत्येक गोष्ट लक्षपूर्वक पाळ; तिच्यात अधिकउणे काही करू नकोस.(अनुवाद १२:२९-3२).”


२.बायबल  सांगते लैंगिक अनैतिकतेपासून  दूर  पळा.

“जारकर्माच्या प्रसंगापासून पळ काढा. जे कोणतेही दुसरे पापकर्म मनुष्य करतो ते शरीराबाहेरून होते; परंतु जो जारकर्म करतो तो आपल्या शरीराबाबत पाप करतो.  तुमचे शरीर, तुमच्यामध्ये वसणारा जो पवित्र आत्मा देवापासून तुम्हांला मिळाला आहे त्याचे मंदिर आहे हे तुम्हांला ठाऊक नाही काय? आणि तुम्ही स्वतःचे मालक नाही; कारण तुम्ही मोलाने विकत घेतलेले आहात; म्हणून तुम्ही आपले शरीर [व आत्मा] जी देवाची आहेत त्याद्वारे देवाचा गौरव करा. १करिंथ ६:१८-२० .”


लैंगिक अनैतिकता ही  निराशाजनक भावना, असाध्य व्याधी आणि सामाजिक समस्या आणते. प्रियानो देव आपल्यावर अपार प्रेम करतो आणि आपण अनावश्यक दु:ख भोगावे अशी त्याची इच्छा नाही.


जरी लैंगिक अनैतिकतेमुळे सुख मिळते , तरी ते फार काळ टिकत नाही. परंतु जेव्हा तुम्ही खोल विचार कराल तेव्हां कळून येईल कि, असल्या पापात पडणे म्हणजे अनेक प्रकारच्या असाध्य आजारांना आमंत्रण देण्याची जोखीम उचलणे होय .


तर तुम्ही आता म्हणत असाल कि , लैंगिक अनैतिकतेचा व्हॅलेंटाईन डे बरोबर काय संबंध आहे ? व्हॅलेंटाईन डे म्हणजेच लुपेरकॅलिया मूर्तिपूजक हा उत्सव लैंगिक विधीसह साजरा करत . हा उत्सव म्हणजे कामुकपणा, वासना आणि प्रजनन या बाबत  आहे.


आमच्यासाठी सर्वात चांगले काय आहे ? हे देवाला माहित आहे . इतर पापांप्रमाणेच लैंगिक अनैतिकता देखील माणसास खोल वेदनांमध्ये घेऊन जाते .


३. विश्वासनार्याना प्रीती करण्यासाठी पाचारण करण्यात आलेले आहे , वासनेसाठी नव्हे 

अधिकतर पहाण्यास मिळते कि , व्हॅलेंटाईन डे हा शुध्द प्रेमाऐवजी मोह आणि तीव्र वासना यांनीच भरपूर असतो


बरेच अविवाहित जोडपे व्हॅलेंटाईन डेचा वापर विवाहपूर्व लैंगिक संबंधात भाग घेण्यासाठी करत  आहेत. बहुतेकदा या लैंगिक कृत्यामुळे नको असणारे  आणि अनियोजित गर्भधारणा होते. दुर्दैवाने, काही लोक त्यांच्या चुका फक्त “दुरुस्त” करण्यासाठी गर्भपात करतात.


४. ख्रिस्ती विवाहित जोडप्यानो ,तुम्ही तुमचे  प्रेम व्हॅलेंटाईन डे शिवाय सुद्धा साजरा करू शकता. व्हॅलेंटाईन डे च्या विशिष्ट दिवशी प्रेमावर मर्यादा का घालतात. दररोज आपले प्रेम प्रकट करणे चांगले नाही काय?


ख्रिस्ती विवाहित जोडपे जे तुम्हामध्ये पवित्र  नातेसंबंध आहेत त्याबद्दल दररोज तुमचे प्रेम आणि काळजी दाखवू शकतात,व्यक्त करू शकतात  व्हॅलेंटाईन डे येण्याची वाट पाहण्याची गरज नाही.


खरे पहाता प्राचीन रोमन मूर्तिपूजक व्हॅलेंटाईन डे हा दिवस खरे प्रेम साजरे करण्यासाठी न करता तरुणतरुणी  वासना व्यक्त करण्यासाठी करत .


५. संत व्हॅलेंटाईन कोण आहे हे कोणालाही व्यवस्थित माहित नाही.

जरा  इंटरनेटवर संत व्हॅलेंटाईन कोण आहे याविषयी शोध घ्या आणि पहा त्यांच्या विषयी काय सापडते. त्यात  खूपच  मतभेद  आहेत कारण त्याची कथा सत्यंऐवजी दंतकथावर  आधारित आहे.


काही ख्रिस्ती व्हॅलेंटाईन याना संत म्हणून संबोधतात आणि देवासमान आदर देतात  .एखाद्या मनुष्याला देवासमान आदर करणे हे बायबलआधारित नाही . काही लोकांचे मत आहे की आपण संतांना प्रार्थना करावी कारण ते आपल्या विनंत्या देवाकडे पोहचवतात . ही निव्वळ सैतान करीत असलेली मनुष्याची घोर फसवणूक आहे जी आपण सर्वांनी थांबविली पाहिजे. मृत झालेली माणसे मृत आहेत. त्यांच्याकडे जिवंत लोकाना मदत करण्याची  क्षमता मुळीच  नाही.


 “बायबल हे स्पष्ट सांगते कि, ज्या अधोलोकाकडे तू जात आहेस तेथे काही उद्योग, युक्तिप्रयुक्ती, बुद्धी व ज्ञान ह्यांचे नाव नाही.  उपदेशक ९;१०. “


“ख्रिस्ताशिवाय कोणीही स्वर्गात गेला नाही. योहान ३;१३”


६. व्हॅलेंटाईन डे च्या प्रचारानुसार देवाच्या प्रेमाची परिभाषा भिन्न आहे.


बायबलआधारित प्रेमाची परिभाषा अशी आहे;देवावर प्रीती करणे म्हणजे त्याच्या आज्ञा पाळणे होय आणि त्याच्या आज्ञा कठीण नाहीत १योहान ५;३


आपणास वरील परिभाषा  समजली का ?  जर नाही, पुन्हा वाचा.


देवाची प्रीती म्हणजे त्याच्या आज्ञा पाळणे. देव आम्हास  आज्ञा करतो, कारण तो आम्हावर प्रीती करतो. देवाच्या आज्ञा या आशीर्वादित आणि आनंदी जीवन कसे जगावे ,याविषयी आपल्याला मार्गदर्शन करतात.


व्हॅलेंटाईन डे अगदी उलट आहे. ख्रिस्ती या नात्याने मनुष्यांऐवजी देवाला संतुष्ट करणे  हे आपले कर्तव्य आहे.


आपण कोणाचे अनुसरण करावे ?  देवाचे  की माणसाचे ? 


 आपण कोणाला संतुष्ट करावे ? देवाला की मानुष्याला ?   


 आपण कोणावर विश्वास ठेवला पाहिजे ?  देवावर कि मनुष्यावर ?


प्रभू येशू मत्तय १५;६-९ मध्ये आम्हाला उत्तर देतो.


“अशा प्रकारे तुम्ही आपल्या संप्रदायेकरून देवाचे वचन रद्द केले आहे. अहो ढोंग्यांनो, तुमच्याविषयी यशयाने यथायोग्य संदेश दिला की,  ‘हे लोक [तोंड घेऊन माझ्याकडे येतात व] ओठांनी माझा सन्मान करतात,परंतु त्यांचे अंतःकरण माझ्यापासून दूर आहे. ते व्यर्थ माझी उपासना करतात; कारण ते शास्त्र म्हणून जे शिकवतात ते असतात मनुष्याचे नियम.”


७. व्हॅलेंटाईन डे देण्यापेक्षा मिळवण्याची भावना निर्माण करतो.

सर्वसाधारणपणे महिला खूप भावनिक असतात. त्यांना व्हॅलेंटाईन डे किंवा इतर दिवशी प्रेमाचे चिन्ह म्हणून काहीतरी  भेट मिळावी अशी त्या अपेक्षा करतात.  व्हॅलेंटाईन डे देण्याच्या ऐवजी घेण्यासाठी अधिक अपेक्षा ठेवतो.  पुष्कळ  स्त्रिया त्यांच्या जोडीदाराकडून काहीतरी भेट मिळण्याची अपेक्षा करतात. हक्काची अशी भावना ठेवतात कि, “आज व्हॅलेंटाईन डे आहे आणि मी भेटवस्तूला पात्र आहे मला ती मिळायलाच हवी .” याबदल्यात तरुणही तरुणीकडून नको ती मागणी ठेवतात . दुसरीकडे, पुरुषांना जोडीदारास आनंदित करण्यासाठी असे काहीतरी विकत घेण्याचा दबाव येतो कि,त्यांचा जोडीदार संतुष्ट होईल . कधीकधी अशी भेट स्वेच्छेने मुळीच नसते. देणे भाग पडते म्हणून देतात.


८. देव आपल्यास जगाशी समरुप होऊ नये म्हणून आज्ञा करतो.


मी आधी म्हटल्याप्रमाणे व्हॅलेंटाईन डे ही जगातील एक अतिशय लोकप्रिय दिवस आहे, का नाही ? मानवी स्वभावाच्या वासनेला ते पूर्ण करते.  तथापि, ख्रिश्चनांनी आपल्या मानवी स्वभावावर विजय मिळवावा आणि देवासारखे अधिक व्हावे अशी देवाची इच्छा आहे.


 प्रेषित पौल यावर स्पष्ट  बोलतो;   म्हणून बंधुजनहो, मी देवाच्या करुणांमुळे तुम्हांला विनवतो की, तुम्ही आपली शरीरे जिवंत, पवित्र व देवाला ग्रहणीय यज्ञ म्हणून समर्पण करावीत; ही तुमची आध्यात्मिक सेवा आहे.देवाची उत्तम, ग्रहणीय व परिपूर्ण इच्छा काय आहे हे तुम्ही समजून घ्यावे, म्हणून ह्या युगाबरोबर समरूप होऊ नका, तर आपल्या मनाच्या नवीकरणाने स्वत:चे रूपांतर होऊ द्या.रोम १२;१,२”


 “तुम्ही विश्वास न ठेवणार्‍यांबरोबर संबंध जोडून विजोड होऊ नका; कारण नीती व स्वैराचार ह्यांची भागी कशी होणार? उजेड व अंधार ह्यांचा मिलाफ कसा होणार? विश्वासणारा आणि अविश्वासणामध्ये भागी कशी होऊ शकते ? देवाचे मंदिर मूर्तिपूजकांसाठी  कसे  उघडे करू शकतो ? आम्ही जिवंत देवाचे मंदिर आहोत.देव स्वतः म्हणाला आहे ख्रिस्ताची बलियाराशी  एकवाक्यता कशी होणार? विश्वास ठेवणारा व विश्वास न ठेवणारा हे वाटेकरी कसे होणार ? देवाच्या मंदिराचा मूर्तींबरोबर मेळ कसा बसणार? आपण तर जिवंत देवाचे मंदिर आहोत; देवाने असे म्हटले आहे की, ‘मी त्यांच्यामध्ये वास करून राहीन. मी त्यांचा देव होईन, व ते माझे लोक होतील.’म्हणून‘त्यांच्यामधून निघा व वेगळे व्हा,’असे प्रभू म्हणतो,‘आणि जे अशुद्ध त्याला शिवू नका;म्हणजे मी तुम्हांला स्वीकारीन;’आणि मी तुम्हांला ‘पिता असा होईन,’तुम्ही ‘मला पुत्र’ व कन्या असे व्हाल,‘असे सर्वसमर्थ प्रभू म्हणतो.  २करिंथ ६;१४-१६”


निष्कर्ष


ख्रिस्ती युवक-युवतीनो जग ज्याला प्रेम म्हणून ओळखते ते आहे केवळ वासना , ते खरे प्रेम नाही .तुम्हाला हे एका उदाहरणाद्वारे खरे प्रेम व खोटे प्रेम स्पष्ट करण्याचा प्रयत्न करतो .


“ एकदा एक युवक रस्त्याने जाताना त्यास  सुंदर गुलाबाचे फुल दिसले . त्याला ते खूप आवडले  त्याने जवळ जाऊन त्या झाडाच्या आवतीभोवती  खणले ,खतपाणी टाकले , त्यास काही इजा होऊ नये म्हणून कुपण केले. काही वेळाने दुसरा एक युवकास जाताना त्यालाही  ते फुल त्याला दिसले . त्यालाही ते फुल खूपच आवडले . आणि मग त्याने  ते फुल तोडले व त्याचा सुगंध घेतला आणि खिशाला लावले.               आता तुम्हीच तुम्हाला सांगा कोणी त्या फुलावर खरे प्रेम दाखवले.”


“जगावर व जगातल्या गोष्टींवर प्रीती करू नका. जर कोणी जगावर प्रीती करत असेल तर त्याच्या ठायी पित्याची प्रीती नाही. कारण जगात जे सर्व आहे ते, म्हणजे देहाची वासना, डोळ्यांची वासना व संसाराविषयीची फुशारकी, ही पित्यापासून नाहीत, तर जगापासून आहेत; आणि जग व त्याची वासना ही नाहीशी होत आहेत; पण देवाच्या इच्छेप्रमाणे करणारा सर्वकाळ राहतो. १योहान २;१५-१७”


खरे प्रेम काय आहे वाचण्यासाठी येथे क्लिक करा ;  👉  खरी प्रीती


ख्रिस्ती युवक-युवतीनो जगामध्ये वावरत असताना, शाळा , कॉलेज , कामाच्या ठिकाणी  आपला संपर्क इतरांबरोबर येतो तेव्हां   इतर मुलामुलीप्रमाणेच वागण्याच मोह होईल,  प्रथम ओळख मग मैत्री आणि मैत्रीचे रुपांतर खोट्या प्रेमात परंतु , ख्रिस्ती युवक-युवतीनो,माझ्या बहिणीनो-भावानो,माझ्या मुला-मुलीनो  वेळीच सतर्क व्हा. आपण जगाच्या प्रवाहाबरोबर न वहाता ख्रिस्ताची साक्ष जगासमोर ठेवली पाहिजे .आपल्या बोलण्या-बसण्यातून देवाचे गौरव झाले पाहिजेत . ख्रिस्ती युवक-युवतीनो सैतान धूर्त कुयुक्त्या द्वारे तुमच्या जीवनाचा नाश करतो.व्हॅलेंटाईन डे च्या नावाखाली सैतान अनेक युवक-युवतीना फसवत आहे . अनेक युवक-युवती प्रेमाच्या नावाखाली ख्रीस्तीतर जोडीदाराशी विवाह संबध जोडतात.आणि अशा विवाहाचा शेवट सुखाचा होईल , याची शाश्वाती नसते. कदाचित अशा विवाहानंतर मग आयुष्यभर पस्तावा आणि रडण्याशिवाय पर्याय राहात नाही .


 “सर्व गोष्टींची मला मोकळीक आहे,” तरी सर्व गोष्टी हितकारक असतातच असे नाही; “सर्व गोष्टींची मला मोकळीक आहे,” तरी मी कोणत्याही गोष्टीच्या आहारी जाणार नाही. १करिंथ६;१२”


होय....!  प्रत्येकाला भावना असतात की, माझ्यावर कोणीतरी खरे प्रेम करणारे असावे. बायबलनुसार प्रेमाचे प्रकार आहेत. भाऊ-बहिणीचे प्रेम, आई-वडील आणि मुलांचे प्रेम , मैत्रीप्रेम तसेच पती-पत्नीचे प्रेम . पती-पत्नीचे प्रेम हे विशेष आहे आणि ते एकदाच होते . आणि म्हणून हे प्रेम आपण आपल्या होणार्या भावी जोडीदारासाठीच काळजीने राखून ठेवा . विनाकारण ते परक्यास  देण्याची चूक करू नका . तुमचे हे पहिले प्रेम मोतीप्रमाणे आहे तेव्हां  तुमचे मोती डुकरापुढे टाकू नका. डूकांराना त्याची किंमत नसते . तुमचे मौल्यवान अद्वितीय मोती ते गटारीत लोळवतील आणि लोळवतील ते  मोती तुम्हाला परत मिळवता येणार नाहीत .


 देवाच्या प्रिय मुला-मुलीनो ,ख्रिस्ती युवक-युवतीनो,माझ्या बहिणीनो-भावानो,  जर आपण प्रेम प्रकरणात  गुंतलेले किंवा मोहीत होत आहात  आणि आपणास योग्य मार्गदर्शन हवे आहे , तर निःसंकोचपणे वेळीच  या बाबत तुमच्या विश्वासू पाळक किंवा  आत्मिक प्रौढ वडील यांच्याशी  सल्लामसलत करा . 


देवाच्या इच्छेनुरूप विवाह काय  आहे , याविषयी  वाचण्यासाठी  येथे करा  👉  पवित्र ख्रिस्ती विवाह


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धन्यवाद .....🙏

रविवार का दिन ही सही है आराधना

 आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े



*बारां जरुरी बातें जो हर एक विश्वासी को जानना बहुत जरूरी है*


👉 *हम एक-एक करके देखेगे!*


 *पहली बात*     

                      

 *दस आज्ञाए*


*क्या हमें मूसा की दस आज्ञाओ का पालन करना है?*

👉 जब हम पूराना नियम पढते है खास कर करके पांच किताबे ,

👉उत्पति

👉निर्गम

👉लैव्यव्यवस्था

👉गिनती 

👉व्यवस्थाविवरण

✍️वहां पर हम देखते हैं "दस आज्ञाए"


👉परमेश्वर ने आपने हाथ से लिखा कर मूसा को दी थी 

और ये हिदायत दी ताकि दस आज्ञाओं का पालन करना (compulsory) लाजमी हो!


✍️पर जब हम नये नियम में आते हैं!


👉 यीशु में आते हैं!


👉जहां कहते हैं,अनुग्रह आ गया!


👉 क्योंकि उसकी परिपूर्णता से हम सब ने प्राप्त किया अर्थात् अनुग्रह पर अनुग्रह। इसलिए कि व्यवस्था तो मूसा के द्वारा दी गई, *परन्तु अनुग्रह और सच्चाई यीशु मसीह के द्वारा पहुँची।*

(यूहन्ना 1:16-17)


✍️ *तो क्या अनुग्रह के युग में ,आज दस आज्ञाओं को मानना जरुरी है?*


*ध्यान से सूने*:- 


👉अगर कोई कहे व्यवस्था में लिखा है, इसलिए मानना है!


👉परमेश्वर का हर वचन जब तक यीशु नहीं आ जाता (permanent) स्थायी है !


👉लाभदायक है!

👉हमेशा के लिए है!


✍️ लेकिन अगर कोई ये शिखाए!


👉इस को नहीं माना तो आपका उद्धार नहीं होगा !


👉इस को नहीं माना तो आप अभी तक विश्वासी नहीं है!


👉इस को नहीं माना मतलव :- दस आज्ञाओं को


👉 *दस आज्ञाओं दो हिस्सों में बांट सकते हैं*


⭐ *परमेश्वर के प्रति*:-

⭐ *मनुष्य सके प्रति*:-


👉जिसे यीशु ने भी बखूबी बताया !


👉 *परमेश्वर से प्रेम करना!*

👉 *मनुष्य से प्रेम करना!*


✍️दस आज्ञाओं से भी ज्यादा और भी बहुत (subject) विषय है!

(व्यवस्था के नियमों में) 


👉कई कहे इस को नहीं माना तो आप विश्वासी नही!  


👉इस को नहीं माना तो आप स्वर्ग नहीं जाओ!


👉ऐसा कोई शिखाए तो ये गलत हो जाएगा!


✍️ *मैं तो कहता हूं दस आज्ञा ही नहीं पूराने या नये नियम में सब आज्ञाए जो व्यवस्था से हटके है मानना है!*


👉सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धार्मिकता की शिक्षा के लिये लाभदायक है,

(2 तीमुथियुस 3:16)


✍️context को भी देखना है!


👉जैसे दांत के बदले दांत आदि..


👉अगर कोई कहे व्यवस्था का नियम है, इसे मानना लाजमी है!


👉हम आज इन्हें नही मान सकते!


👉ये गलत हो जाएगा!


👉 *आपको परमेश्वर से प्यार है ,नये नियम में जितनी आज्ञाए है उन्हे माने*





*बारां जरुरी बातें जो हर एक विश्वासी को जानना बहुत जरूरी है*

         

           *चौथी बात*


*क्या (Sunday) रविवार का दिन ही सही है आराधना का ?*

✍️इस पर भी कुछ लोग सवाल पूछते है!


✍️ *आराधना का दिन Saturday हो या Sunday हो*


👉 *इस से कोई फर्क नहीं पड़ता!*


👉 *कुछ लोग कहते हैं Sunday (compulsory) लाजमी आ रहा है!*


👉 *कौन लोग कहते हैं?* 


👉मैन लाईन,ओफ लाईन,सेड 

लाईन,पिन्तेकुस्त वाले कहते हैं! 


👉अगर आप Sunday चर्च नहीं आए आप बंधन में आ जाओगे!


👉 *वो कहते हैं आप नौकरी करो बिज़नस करो!*


👉पर Sunday चर्च जरुर आना है!


👉Sunday नही आए आप बंधन में आ जाएंगे मुश्किल में आ जाएंगे!


👉Sunday नही आए तो आप विश्वासी नही है ये शिखाते है!


👉ये भी शिखाते है अगर आप Sunday चर्च नहीं गए, आप को आशीष नहीं मिलेगी !


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *Sunday का कैलेंडर सोलमी सदी के आस पास पहोंचा होगा!* 


👉उस से पहले 


👉पहला दिन


👉दूसरा दिन 


👉तीसरा दिन


👉चौथा दिन ऐसे करके मानते थे!


👉 *आप कभी भी परमेश्वर की आराधना कर सकते हैं!*


👉 *हर दिन कर सकते हैं!*


👉 *और वे प्रतिदिन एक मन होकर मन्दिर में इकट्ठे होते थे,* और घर-घर रोटी तोड़ते हुए आनन्द और मन की सिधाई से भोजन किया करते थे। और परमेश्वर की स्तुति करते थे, और सब लोग उनसे प्रसन्न थे; और जो उद्धार पाते थे, उनको प्रभु प्रतिदिन उनमें मिला देता था।

(प्रेरितों के काम 2:46-47)


✍️ *प्रतिदिन परमेश्वर की संगति करते थे!*


👉 *Saturday हो या Sunday कोई फर्क नहीं पड़ता!*


👉 *हमें Sunday चर्च जाना है, पर डर कर नहीं या किसी दबाव में नहीं!*


आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े


*बारां जरुरी बातें जो हर एक विश्वासी को जानना बहुत जरूरी है*


 *पांचवीं बात*


*क्या हमें यहूदी पर्वो को मानना चाहिए ?*


✍️ इस का मतलव है अगर आप अन्य जाति है, और जैसा आज कुछ  बुद्धिजीव 

अधूरे ज्ञान के लोग,


👉जो आज कल शिखा रहे है 

आप भी आंधे है, और दूसरों को भी गड्डे में डाल रहे है!


👉वो शिखाते हैं हमे यहूदियों का पर्व मानना चाहिए!


सवाल :- *कियू मनाऐ?*

 

👉 *क्या हम यहूदी है?*

👉नही !


*ध्यान से सूने*:-


✍️हम अन्य जाति है!


👉क्या हम एजराइल देश के है!


👉क्या हम एजराइल जाति के हैं!


👉हूए तो भी क्या हूआ!


👉 हमे कियू उन के पर्व या त्योहार को फोलो करना है 

(या मनाना)!


👉उनके जैसे कियू चलना है?


👉कुछ कहते हैं वो (एजराइल) पवित्र देश है!


👉गलत मत बोलीए !


👉 देश पवित्र नहीं "परमेश्वर" पवित्र है!


👉 *हमें यहूदियों के किसी भी पर्व या त्योहार को नहीं मानना!*


आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े लें


*बारां जरुरी बातें जो हर एक विश्वासी को जानना बहुत जरूरी है*


 *तीसरी बात*


*क्या हमें सब्त का दिन मनाना चाहिए ?*


✍️ *सब्त आता है व्यवस्था में जिसे विश्राम दिन भी कहते है!*


👉 *जो यहूदियों के हिसाब से शनिवार है!*


👉 *आपको ये समझना है सातों दिन प्रभु का है!*


👉 *ना Monday, important है*


👉 *ना Tuesday, important है*


👉 *ना Wednesday, important है*


👉 *ना Tuesday, important है*


👉 *ना Friday, important है*


👉 *ना Saturday, important है*


👉 *ना Sunday, important है*


👉 *सातों दिन प्रभु का है*


👉 *30 दिन प्रभु का है*


👉 *365 दिन प्रभु का है*


👉 *हर दिन प्रभु का है*


👉 *हर पल प्रभु का है*


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *Saturday आपके लिए बिल्कुल भी (important) महत्वपूर्ण नही है!*


👉 *आप जब चाहो अराधना करो!* 


👉 *जब चाहो प्रभु के पास जाओ!*


👉 *जब चाहो कलिसिया खोलो!*


👉 *कौन सा भी दिन खोलो!*


👉 *Saturday आपके लिए बिल्कुल भी important नहीं!*

👉 *या सब्त आपके इसलिए important नहीं!*


👉 इसलिए खाने-पीने या पर्व या नये चाँद, या सब्त के विषय में तुम्हारा कोई फैसला न करे। *क्योंकि ये सब आनेवाली बातों की छाया हैं, पर मूल वस्तुएँ मसीह की हैं।*

(कुलुस्सियों 2:16-17)


✍️ *यह पडछाई है (व्यवस्था) जो टल जाएगी!*


👉 *कौन सी बातें व्यवस्था की बाते!*


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *आपको किसी प्रकार के सब्त के दिन के अधिन रह कर या किसी के डर से किसी के Saturday के चर्च में नहीं जाना है!*


👉कुछ Saturday मिशन वाले और माता यरुशलेम वाले भी यही सिखाते की Saturday को ही जाना है!


*ध्यान से सूने*:-


👉आप Saturday जाओ

👉आप Sunday, जाओ

👉आप Friday, जाओ 


👉 *आप कोई भी दिन जाओ!*


👉 *आप स्वतंत्र है!*


👉 *आप कोई भी दिन कहीं पर भी खुले आसमान के नीचे कहीं पर भी प्रभु की आराधना कर सकते!*


👉 *परमेश्वर आपके अन्दर है!* 


👉 *परमेश्वर की उपस्थिति आपके अन्दर है, इस बात को आपको समझना होगा!*


आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े


*बारां जरुरी बातें जो हर एक विश्वासी को जानना बहुत जरूरी है*


*दूसरी बात*


*दसमांश*


*क्या हमें दसमांश देना चाहिए?*


✍️दसमांश के बारे में मैं बहुत बार बात कर चूका हूं!


👉 *कहा देना है*

👉 *कैसे देना*


👉कुछ लोग कहते हैं मलाकी में लिखा इस लिए देना है!


👉मलाकी का डर दिखाकर नहीं देना या लेना है!


👉 *तुम पर भारी श्राप पड़ा है, क्योंकि तुम मुझे लूटते हो; वरन् सारी जाति ऐसा करती है। सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा करके मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोलकर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूँ कि नहीं।*

(मलाकी 3:9-10)


✍️ *अगर कोई चर्च,पास्टर, प्रचारक, बाईबल टीचर, ऑनलाइन ऐसा या जो कोई (concepts) धारना से शिखाता*


👉 *दोगे तो आशीष नहीं दोगे तो श्राप!*


👉 *ये गलत है!*


👉 *अगर आप परमेश्वर से प्यार करते है!*


👉 *आप अपना पूरा जीवन दोगे*

👉 *दसमांश हिस्सा कियो देगे!*


👉 *बीस वां हिस्सा देगे!*


👉 *पचास वां हिस्सा देगे!*


👉आपको किसी बंधन में आकर पैसा नहीं देना है!


👉हम किसी बंधन में नहीं 


👉हमें ऐसे लोगों से ,ऐसी विचारधारा से बचना है!


👉 *आपको यहूदियों की विचारधारा के अनुसार नही चलना है!*


👉आप अन्य जाति है उसके अनुसार चलना है!


👉 *पौलुस कहता है*:-


👉 *हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे;* न कुढ़-कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है। 

(2 कुरिन्थियों 9:7)


✍️ *बंधन में आकर नहीं ,मन से दो खुशी से दो!*


👉 *ऐसी विचारधारा से नहीं दोगे तो आशीष नहीं दोगे तो श्राप!*


👉ऐसी विचारधारा से बचना है!




*God bless you*

Thursday, 10 February 2022

प्रपोज डे क्या है ?

 💝 प्रपोज डे क्या है ? 💝


👨‍🏫 जहां प्रपोज डे प्रेमियों और प्रेमियों का दिन होता है एक प्रेमी अपनी प्रेमिका से प्यार पाने के लिए उसे अपने प्यार की पेशकश करता है।  आजकल फिल्मी दुनिया के प्रभाव के ज्यादातर प्रेमी फिल्मों के अंदाज में ही अपने प्यार का इजहार करते हैं.  और प्रेमियों ने सहर्ष उनके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।  जब से कोई लड़की किसी प्रेम प्रस्ताव को स्वीकार करती है, उनके मन में सुलह हो जाती है या वे एक-दूसरे के हो जाते हैं।  इसे व्यभिचार का पहला चरण कहा जाता है।  इनमें फोन पर बात करना, वीडियो कॉल करना आदि शामिल हैं।  तब उनका मन एक दूसरे से मिलना चाहता है और यह बहुत आसान हो जाता है।  ये सही है।  इसे प्रपोज डे कहा जाता है।


 - अब मैं आपको बताता हूं, चाहे आप लड़का हों या लड़की, किसी ने आपको एक ऐसा प्यार दिया है जो आपसे बहुत प्यार करता है।


👉 तुम थोड़ा सोचो।  वह कौन हो सकता है क्योंकि आप अपने प्रियजन के अलावा किसी को नहीं देख सकते हैं।  मैं आपको बताता हूं, वह और नहीं है।  वह स्वयं परमेश्वर हैं उन्होंने स्वयं को मनुष्य के रूप में दिखाया है।


🙏 क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा, कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, कि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।  जॉन 3:6


 👨‍🏫:3:16 यह पद सुसमाचार का हृदय है।  सच कहा जाए, यह बाइबल का हृदय है।  परमेश्वर ने उस मनुष्य पर दया की जो नाश होने वाला था।  वह उनसे प्रेम करता है क्योंकि प्रेम करना उसका स्वभाव है, उसका प्रेम केवल शब्दों में ही नहीं कर्मों में भी था, देह में वापस आकर स्वयं परमेश्वर ने उसके प्रेम को फिर से सिद्ध कर दिया है।  परमेश्वर का प्रेम केवल एक राष्ट्र के लिए नहीं था (जैसा कि कई यहूदी राष्ट्र के बारे में सोचते हैं)।  लेकिन यह पूरी मानव जाति के लिए था।

 आपका इकलौता पुत्र "- ईश्वर पिता ने पृथ्वी के लिए कई पुत्रों में से एक को मरने की अनुमति नहीं दी। उसने अपना एकमात्र पुत्र दिया। वह एक अवर्णनीय और अनमोल पुत्र था। यह जीवन एक सुंदर जीवन की बात करता है। केवल शाश्वत के बारे में नहीं। जीवन। अनन्त जीवन परमेश्वर के लिए एक पवित्र और आध्यात्मिक जीवन है जिसे पाप और मृत्यु से छुआ नहीं जा सकता है। उन पर विश्वास करने से, हम हमेशा के लिए नरक में नष्ट हो जाएंगे, या हम हमेशा के लिए परमेश्वर  के साथ रहेंगे, हमारे प्रभु यीशु में हमारे विश्वास पर निर्भर करता है .


 यह प्यार वो प्यार नहीं है जो दुनिया दिखाती है, तो किस तरह के प्यार की बात कर रहे हो?  आप फिर किस युग में गए?  यह प्रेम अनन्त जीवन का प्रेम है जो कभी समाप्त नहीं होता।  इस शाश्वत जीवन के प्रेम प्रस्ताव को स्वीकार करना स्वयं पर निर्भर है।


 जो उस पर विश्वास करता है उसका 🙏🙏न्याय नहीं किया जा सकता;  जो विश्वास नहीं करता वह पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है, क्योंकि उसने परमेश्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्वास नहीं किया है।

 जॉन 3:18


👨‍🏫 विश्वास करने वालों के लिए कोई सजा नहीं है।  लेकिन अविश्वासियों का मामला अलग है।  अविश्वासियों को दंड का सामना करना पड़ता है।  वे अपराध के लिए ईश्वर प्रदत्त एकमात्र उपाय को नकार रहे हैं।  परमेश्वर के सर्वोत्तम उपहार को नकार कर वे अपने पाप को बढ़ा रहे हैं।  आप उनके अविश्वास के लिए परमेश्वर को दोष दे रहे हैं।  यदि ये लोग पश्चाताप करते हैं और सुसमाचार में विश्वास नहीं करते हैं, तो उन्हें दंडित किया जाएगा।  बाइबल शिक्षा में विश्‍वास के महत्त्व पर फिर से विचार करें।


🙏 वह जो पुत्र पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है: और जो पुत्र पर विश्वास नहीं करता वह जीवन को नहीं देखेगा;  परन्तु जो कोई पुत्र की अवज्ञा करेगा, वह जीवन को न देखेगा, परन्तु परमेश्वर का कोप उस पर है।  यूहन्ना 3:36 पद

 

👨‍🏫 परमेश्वर ने आज्ञा दी है कि प्रभु यीशु उन लोगों को अनन्त जीवन दें जो उस पर विश्वास करते हैं।  केवल वही अनन्त जीवन दे सकते हैं और केवल इसी तरह से अनन्त जीवन प्राप्त किया जा सकता है।

 मेरा मतलब यह नहीं है ”- का अर्थ है अवज्ञा या जबरदस्ती।  यह अनुवाद अवज्ञा, दृढ़ता, अविश्वास को दर्शाता है।  मसीह में विश्वास का अर्थ है बलिदान।  लेकिन ईश्वर को नकारना विद्रोह और अवज्ञा है।

 क्रोध (दंड) ”- प्रभु यीशु को नकारना और उनकी अवज्ञा करना एक अपराध है।  परमेश्वर का कोप सभी पापियों और अपराधियों पर गिरेगा।  जो लोग अपराध से घृणा करते हैं, उनके पास अनन्त जीवन होगा, या परमेश्वर का क्रोध उन पर होगा।  कोई अन्य विकल्प नहीं है।


🙏 जिसने पुत्र को ग्रहण किया है उसी ने वह जीवन पाया है;  जिसने परमेश्वर के पुत्र को ग्रहण नहीं किया, उसे वह जीवन नहीं मिला।  1 यूहन्ना 5:12


🙏 मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो मेरा वचन सुनता है, और अपने भेजनेवाले पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है, और उस पर दण्ड की आज्ञा न होगी, परन्तु वह मृत्यु से पार होकर जीवन में प्रवेश किया जाता है।  यूहन्ना 5:24


🙏 - मैं तुम से सच सच सच कहता हूं, जो विश्वास करता है उसके पास अनन्त जीवन है।  यूहन्ना 6:47 पद


👨‍🏫 वर्तमान युग में हमारे ईसाई युवा ईश्वर के उस मधुर प्रेम को भूल कर संसार के प्रेम को अपना चुके हैं।  मीठे प्यार को इतना महत्व नहीं दिया जाता जितना कि यीशु के खून को दिया जाता है जो दोनों हाथों और पैरों में कांटों को स्वीकार करके पैदा हुए थे।


 👉#प्रस्ताव_दिवस के माध्यम से प्रिय शैतान आपको विनाश के मार्ग पर ले जा रहा है।  कृपया मेरे ईसाई युवाओं को जगाएं।  इस सारे सांसारिक प्रपोज डे से दूर हो जाइए।  प्रपोज डे मनाने वालों के लिए खुद को इस मुहावरे में बदल लें।


 🙏और इस युग के लोगों की तरह मत बनो, लेकिन मन के नवीनीकरण से रूपांतरित हो जाओ;  कि तुम परमेश्वर की गवाही को जान सको, कि वह भली, और मनभावनी, और सिद्ध है।  रोमियों 12: 2


🙏 उसने हमारे पापों के लिए भुगतान किया, ताकि, हमारे परमेश्वर और पिता की इच्छा के अनुसार, वह हमें इस वर्तमान बुरे युग से बचा सके।  गलातियों 1: 4




 

दान, दसवंश कहा देना चाहिए?

 आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े 


*हमें अपना दान, दसवंश कहा देना चाहिए?*


*ध्यान से सूने*:-


👉अपने आपको परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करनेवाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्जित होने न पाए, *और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो*।

(2 तीमुथियुस 2:15)


✍️ *वचन को ठीक रीति से काम में लाना चाहिए!*


*सूने*:- 


✍️ *भारतीय जादा भावक होते*:-


👉यह सब emotional का खेल है (भावक)!


👉 कुछ कहते मेरे दिल ने कहा:-


👉 *मन तो सब वस्तुओं से अधिक धोखा देनेवाला होता है,* उसमें असाध्य रोग लगा है; उसका भेद कौन समझ सकता है?

(यिर्मयाह 17:9)


✍️ *दिल धोखा देता है!*


👉 *किसी पास्टर!*


👉 *किसी मनिशटरी के प्रति भावक हो जाते हैं!*


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *हमें कभी भावक होकर नहीं चलना है!*


*उदाहरण*:- 


👉शादी आप भावक होकर नहीं की ...


👉 *भावुकता हमें आजाद नहीं करेगा!*


👉 और *सत्य को जानोगे,* और सत्य तुम्हें स्वतंत्र करेगा।”

(यूहन्ना 8:32)


✍️ *हम अपने पास्टर को न दें कर भावक होकर देते हैं!*


👉 *भावना में बहकर नहीं चलना!* 

(मन धोखा देता है)!


✍️ *विदेशी पास्टर उसके पास सब कुछ है !*


👉 *बड़ी-बड़ी गाड़ियां हैं!*


👉 *महल जैसा घर है!*


👉  *महंगे महंगे कपड़े पहनते !*


👉 *बड़े-बड़े होटलों में खाना खाते हैं!*


👉 *उनके बच्चे महंगे महंगे स्कूल में पढ़ते है!*


👉 *हम भावना में बह रहे हैं!*


⭐ *हमें अपना दान दसवंश कहा देना चाहिए*


✍️ *हमें अपना दान उने देना है जो आपका पास्टर है*....


👉 *कितने हैं  जो दूख उठाए कर प्रभु की सेवा कर रहे हैं !*


✍️ *कितने ऐसे सेवक है जिन से आपने बच्चों की फीस भी नहीं भरी जाती!*


👉 *फिर भी प्रभु की सेवा कर रहे हैं!*


*ध्यान से सूने*:-


👉 *जो आपके देश को और आपके इलाके के लोगों को बचा रहे है!*


*उदाहरण*:-


👉 *बड़ी-बड़ी मिटिगो में जो (गेस्ट), प्रचारक पहले पैसे मांगते हैं!*


👉 *मैं आने का इतना लूंगा!* 


👉 *कुछ तो फिर भी प्रचार के दौरान मांगते है और Account Number देते हैं!*


*उदाहरण*:- 


👉 *मिटीग कर्जा लेकर करवाई उसका क्या?*

बाकी आप समझदार है...


👉 *कुछ TV पर आकर मांगते है!*


👉 *Account nambar देते हैं!*


✍️ *आप अपना पैसा आपने पास्टर दीजिए!*


👉 *आप ने आपने पास्टर को न देकर, दूसरों को दे रहे हैं!*


👉 *इसे emotional attachment कहते है!*

(भावक में बहना)


*ध्यान से सूने*:-


👉 *बड़ी-बड़ी गाड़ियां है!*

👉 *महल जैसा घर है!*


👉 *ये किसका पैसा है?*

बाकी आप समझदार है....


👉 *जो शहर को छोड़कर गांव गांव में जा कर सेवा कर रहे उने दो !*


*God bless you*