Wednesday, 2 February 2022

क्या परमेश्वर को कभी किसी ने देखा है?

 आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े


*क्या परमेश्वर को कभी किसी ने देखा है?


✍️ *सबसे पहले हमें यह देखना होगा परमेश्वर कौन है?*

👉 *परमेश्वर आत्मा है!*

(यूहन्ना 4:24)


👉 *क्योंकि उसके अनदेखे गुण,* 

(रोमियों 1:20)


👉 *पुत्र तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्टि में पहिलौठा है।*

(कुलुस्सियों 1:15)


👉 *अब सनातन राजा अर्थात् अविनाशी अनदेखे अद्वैत परमेश्वर का आदर और महिमा युगानुयुग होती रहे।* आमीन।

(1 तीमुथियुस 1:17)


👉 *परमेश्वर आत्मा है!*


👉 *परमेश्वर अदृश्य है, परमेश्वर दिखता नहीं!*


*ध्यान से सूने*:-

 

👉 *परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा,* 

(यूहन्ना 1:18)


✍️ *मतलब:- परमेश्वर को किसी ने कभी देखा ही नहीं!*


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *ना पूराने नियम में ना नये नियम में!*


👉 *लेकिन कोई जगाहो पर देखा करके लिखा है!*


👉 *क्या वो फिर गलत है?*


*ध्यान से सूने*:-


👉 *सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है!* 

(2 तीमुथियुस 3:16)


✍️ये वचन जो हम पढ़ रहे, ये परमेश्वर की आत्मा से रचे हैं!


👉कुछ भी ग़लत नहीं है!


👉लेकिन आप कहेंगे कोई जगाहो पर देखा करके लिखा है!

_________________________

*आओ इस विषय पर बात करते हैं!*


⚡ *यहून्ना ने कहा*:-


👉 *परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा,!* 

(यूहन्ना 1:18)


👉 *एक और व्यक्ति के बारे में देखेंगे जिस हम भरोसा कर सकते हैं!*


⚡ *प्रभु यीशु ने कहा*:-


👉और पिता जिसने मुझे भेजा है, उसी ने मेरी गवाही दी है: *तुम ने न कभी उसका शब्द सुना, और न उसका रूप देखा है;*

(यूहन्ना 5:37)


👉 *यह नहीं, कि किसी ने पिता को देखा है परन्तु जो परमेश्वर की ओर से है, केवल उसी ने पिता को देखा है।*

(यूहन्ना 6:46)


✍️ *केवल यीशु ने*


⚡ *पौलुस ने कहा*:- 


👉 *और अमरता केवल उसी की है, और वह अगम्य ज्योति में रहता है, और न उसे किसी मनुष्य ने देखा और न कभी देख सकता है। उसकी प्रतिष्ठा और राज्य युगानुयुग रहेगा। आमीन।* 

(1 तीमुथियुस 6:16)


✍️ *कितने है जो यह कहते परमेश्वर को नहीं देखा?*


 👉 *यहून्ना कहता नहीं देखा*:-


👉 *प्रभु यीशु कहते नहीं देखा*:-


👉 *पौलुस कहता है नहीं देखा*:-


*ध्यान से सूने*:-


👉 *यहोवा की पुस्तक से ढूँढ़कर पढ़ो:* 

(यशायाह 34:16)


✍️ *यहोवा की पुस्तक, क्या परमेश्वर ने खुद लिखी है*


👉 *नहीं* 


👉 *वचन परमेश्वर ने खुद नहीं लिखा!*


 👉 *लेकिन इस के पीछे कौन?*  


👉 *परमेश्वर*


*उदाहरण*:-

 

✍️ *हमारे देश में चीजों के दाम चाहे गैस सिलेंडर हो, पेट्रोल,डीजल बड गए!*


👉 *इस के पीछे कौन है? मोदी!*


👉क्या मोदी खुद आया गैस सिलेंडर लेकर आपके घर? नहीं!


"एक और देखें"


👉 पाकिस्तान में जाकर आतंकवादी को मरा, 


👉 *क्या मोदी खुद गया था, नहीं, उसके पीछे कौन था? मोदी!*


*"आओ कुछ वचनों पर बात करेंगे"*


*ध्यान से सूने:-*


⚡ *मूसा*


👉 *जब यहोवा ने देखा कि मूसा देखने को मुड़ा चला आता है, तब परमेश्वर ने झाड़ी के बीच से उसको पुकारा, “हे मूसा, हे मूसा!” मूसा ने कहा, “क्या आज्ञा।”*

(निर्गमन 3:4)


*"अब इस वचन को देखते हैं*"


👉 *जब पूरे चालीस वर्ष बीत गए, तो एक स्वर्गदूत ने सीनै पहाड़ के जंगल में उसे जलती हुई झाड़ी की ज्वाला में दर्शन दिया।* 

(प्रेरितों के काम 7:30)


✍️ *किसने दर्शन दीया?*


👉 *यहोवा ने मूसा से कहा,* “मैं यह काम भी जिसकी चर्चा तूने की है करूँगा; क्योंकि मेरे अनुग्रह की दृष्टि तुझ पर है, और तेरा नाम मेरे चित्त में बसा है।” उसने कहा, “मुझे अपना तेज दिखा दे।” उसने कहा, “मैं तेरे सम्मुख होकर चलते हुए तुझे अपनी सारी भलाई दिखाऊँगा, और तेरे सम्मुख यहोवा नाम का प्रचार करूँगा, और जिस पर मैं अनुग्रह करना चाहूँ उसी पर अनुग्रह करूँगा, और जिस पर दया करना चाहूँ उसी पर दया करूँगा।”

(निर्गमन 33:17-19)


👉फिर उसने कहा, “तू मेरे मुख का दर्शन नहीं कर सकता; क्योंकि मनुष्य मेरे मुख का दर्शन करके जीवित नहीं रह सकता।” फिर यहोवा ने कहा, “सुन, मेरे पास एक स्थान है, तू उस चट्टान पर खड़ा हो; और जब तक मेरा तेज तेरे सामने होकर चलता रहे तब तक मैं तुझे चट्टान के दरार में रखूँगा, और जब तक मैं तेरे सामने होकर न निकल जाऊँ तब तक अपने हाथ से तुझे ढाँपे रहूँगा; फिर मैं अपना हाथ उठा लूँगा, तब तू मेरी पीठ का तो दर्शन पाएगा, परन्तु मेरे मुख का दर्शन नहीं मिलेगा।”

(निर्गमन 33:20-23)


👉 *यह वही है, जिसने जंगल में मण्डली के बीच उस स्वर्गदूत के साथ सीनै पहाड़ पर उससे बातें की,* और हमारे पूर्वजों के साथ था, उसी को जीवित वचन मिले, कि हम तक पहुँचाए। 

(प्रेरितों के काम 7:38)


✍️ *किस ने बातें की स्वर्गदूत ने*


⚡ *याकूब*:-


👉 *तब याकूब ने यह कहकर उस स्थान का नाम पनीएल रखा; “परमेश्वर को आमने-सामने देखने पर भी मेरा प्राण बच गया है।”*

(उत्पत्ति 32:30)


✍️ क्या लिखा है परमेश्वर को आमने-सामने देखा!


*"अब इस वचन को देखते हैं*"


👉अपनी माता की कोख ही में उसने अपने भाई को अड़ंगा मारा, और बड़ा होकर वह परमेश्वर के साथ लड़ा। *वह दूत से लड़ा, और जीत भी गया,* वह रोया और उसने गिड़गिड़ाकर विनती की। बेतेल में वह उसको मिला, और वहीं उसने हम से बातें की।

(होशे 12:3-4)


⚡ *अब्राहम*


👉 *अब्राहम मम्रे के बांजवृक्षों के बीच कड़ी धूप के समय तम्बू के द्वार पर बैठा हुआ था, तब यहोवा ने उसे दर्शन दिया:*

(उत्पत्ति 18:1)


✍️ *लिखा है यहोवा ने दर्शन दीया!*


*"अब इस वचन को देखते हैं*"


👉 *साँझ को वे दो दूत सदोम के पास आए;* और लूत सदोम के फाटक के पास बैठा था। उनको देखकर वह उनसे भेंट करने के लिये उठा; और मुँह के बल झुककर दण्डवत् कर कहा;


👉 *फिर उन अतिथियों ने लूत से पूछा,* “यहाँ तेरा और कौन-कौन हैं? दामाद, बेटे, बेटियाँ, और नगर में तेरा जो कोई हो, उन सभी को लेकर इस स्थान से निकल जा।


👉 *जब पौ फटने लगी, तब दूतों ने लूत से जल्दी करने को कहा* और बोले, “उठ, अपनी पत्नी और दोनों बेटियों को जो यहाँ हैं ले जा: नहीं तो तू भी इस नगर के अधर्म में भस्म हो जाएगा।””

(उत्पत्ति 19:1, 12, 15)


✍️ *क्या लिखा है दूतों*


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *पूराने नियम में परमेश्वर खुद नहीं आता था!*


👉 *परमेश्वर अपने स्वर्ग दूतों को भेजता था!*


👉 *यह लोग अनजान थे*


👉 *अतिथि-सत्कार करना न भूलना, क्योंकि इसके द्वारा कितनों ने अनजाने में स्वर्गदूतों का आदर-सत्कार किया है।* 

(इब्रानियों 13:2)


✍️लेकिन नया नियम हमें तो स्पष्ट बताता है!


👉 *कि वो स्वर्ग दूत थे!*


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *फिर पूराने नियम में स्वर्ग दूत क्यों नहीं लिखा?*


👉 *क्योंकि उन्हें ज्ञान नहीं था, वो फिर परमेश्वर को जान नहीं पाते!*


👉इस कारण चाहिए, कि हम उन बातों पर जो हमने सुनी हैं अधिक ध्यान दे, ऐसा न हो कि बहक कर उनसे दूर चले जाएँ। *क्योंकि जो वचन स्वर्गदूतों के द्वारा कहा गया था,* जब वह स्थिर रहा और हर एक अपराध और आज्ञा न मानने का ठीक-ठीक बदला मिला।

(इब्रानियों 2:1-2)


✍️ *तो परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा!*


👉 *वे उसका मुँह देखेंगे,* 

(प्रकाशितवाक्य 22:4)


✍️ *कब उसका मुंह देखेंगे!*


👉 *जब हम परमेश्वर के राज्य में जाएंगे तब ही हम परमेश्वर को देखेंगे!*


*God bless you*

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