आज का विषय
एक बार जरुर पढ़े
*बारां जरुरी बातें जो हर एक विश्वासी को जानना बहुत जरूरी है*
*बारहवीं बात*
*Denomination या यीशु*
✍️कुछ लोग कहते हैं मैंने यीशु को पा लिया!
👉अब आगे क्या है!
👉तो कहते हैं आपको कलिसिया (चर्च) से जूडना है!
👉कलिसिया (चर्च) गलत नहीं है !
👉मैं भी पास्टर हूं और लोगों को कलिसिया (चर्च) में जोड़ता हूं!
*सूने*:-
✍️लेकिन एक धारणा गलत है!
👉यीशु को ढुढते-ढुढते हम पहोच जाते हैं चर्च !
👉उस चर्च ने हमें किस से जोडना है यीशु से!
👉 *पर पता है क्या होता?*
*सूने*:-
✍️ 90 प्रतिशत क्या होता है
👉यीशु को ढुढते-ढुंढते पहोच जाते हैं चर्च
👉कोई भी बंदा कहीं का भी बंदा जब चर्च पहोंचता है!
👉उसे यीशु कम पास्टर ज्यादा दिखाई देता है!
👉पास्टर के रुल ज्यादा दिखाई देते हैं!
👉पास्टर के तरीके ज्यादा दिखते है!
👉पास्टर का डर ज्यादा दिखाई देता है!
👉चर्च के रुल ज्यादा दिखाई देते हैं!
👉ऐसे आना है!
👉ऐसे वैसे नहीं आना!
👉ये करना है!
👉ये नहीं करना!
👉तो वो बंदा कहता है अच्छा ये यीशु!
👉उसे पूरी जिंदगी असली यीशु तो नही मिलता !
👉पर चर्च के तरीके का यीशु मिलता है!
👉और ऐसे करते-करते बंदे मर जाते हैं!
✍️ *तो ये विषा है*:-
*Denomination या यीशु?*
*सूने*:-
👉हमें यीशु को follow करना है!
👉दूनिया का कोई भी चर्च हो अगर वहां असली यीशु नहीं मिल रहा!
👉अगर वहां बाईबल का यीशु नहीं मिल रहा!
👉 *तो वो चर्च गलत है*
👉 *आप यीशु के पीछे चले थे!*
👉 *आपको यीशु के पीछे ही चलना है!*
👉मैं भी अपनी कलिसिया (चर्च) को भी ये ही शिखाता!
👉अब कुछ बुद्धिजीव पास्टर या अधूरे ज्ञान के देखेगे!
👉 *तो आपको समझना सर!*
👉कलिसिया (चर्च) आपका नही है!
👉पुलपीट का नही है!
👉बाईबल आपकी नहीं है!
👉कलिसिया (चर्च) के लोग! (मैंबर)
👉चाहे दस है!
👉चाहे दस लाख!
👉 *वो आपकी जागीर नहीं है!*
👉 *वो यीशु के लोग है!*
👉 यीशु ने कहा मेरी भेड़ें मेरी आवाज सुनेगी!
👉 इसलिए चर्च के पुलपिट पर Saturday या Sunday कोई भी दिन करो!
👉लेकिन कलिसिया (चर्च) को यीशु की आवाज सूनाओ!
*God bless you*
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