Sunday, 13 February 2022

रविवार का दिन ही सही है आराधना

 आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े



*बारां जरुरी बातें जो हर एक विश्वासी को जानना बहुत जरूरी है*


👉 *हम एक-एक करके देखेगे!*


 *पहली बात*     

                      

 *दस आज्ञाए*


*क्या हमें मूसा की दस आज्ञाओ का पालन करना है?*

👉 जब हम पूराना नियम पढते है खास कर करके पांच किताबे ,

👉उत्पति

👉निर्गम

👉लैव्यव्यवस्था

👉गिनती 

👉व्यवस्थाविवरण

✍️वहां पर हम देखते हैं "दस आज्ञाए"


👉परमेश्वर ने आपने हाथ से लिखा कर मूसा को दी थी 

और ये हिदायत दी ताकि दस आज्ञाओं का पालन करना (compulsory) लाजमी हो!


✍️पर जब हम नये नियम में आते हैं!


👉 यीशु में आते हैं!


👉जहां कहते हैं,अनुग्रह आ गया!


👉 क्योंकि उसकी परिपूर्णता से हम सब ने प्राप्त किया अर्थात् अनुग्रह पर अनुग्रह। इसलिए कि व्यवस्था तो मूसा के द्वारा दी गई, *परन्तु अनुग्रह और सच्चाई यीशु मसीह के द्वारा पहुँची।*

(यूहन्ना 1:16-17)


✍️ *तो क्या अनुग्रह के युग में ,आज दस आज्ञाओं को मानना जरुरी है?*


*ध्यान से सूने*:- 


👉अगर कोई कहे व्यवस्था में लिखा है, इसलिए मानना है!


👉परमेश्वर का हर वचन जब तक यीशु नहीं आ जाता (permanent) स्थायी है !


👉लाभदायक है!

👉हमेशा के लिए है!


✍️ लेकिन अगर कोई ये शिखाए!


👉इस को नहीं माना तो आपका उद्धार नहीं होगा !


👉इस को नहीं माना तो आप अभी तक विश्वासी नहीं है!


👉इस को नहीं माना मतलव :- दस आज्ञाओं को


👉 *दस आज्ञाओं दो हिस्सों में बांट सकते हैं*


⭐ *परमेश्वर के प्रति*:-

⭐ *मनुष्य सके प्रति*:-


👉जिसे यीशु ने भी बखूबी बताया !


👉 *परमेश्वर से प्रेम करना!*

👉 *मनुष्य से प्रेम करना!*


✍️दस आज्ञाओं से भी ज्यादा और भी बहुत (subject) विषय है!

(व्यवस्था के नियमों में) 


👉कई कहे इस को नहीं माना तो आप विश्वासी नही!  


👉इस को नहीं माना तो आप स्वर्ग नहीं जाओ!


👉ऐसा कोई शिखाए तो ये गलत हो जाएगा!


✍️ *मैं तो कहता हूं दस आज्ञा ही नहीं पूराने या नये नियम में सब आज्ञाए जो व्यवस्था से हटके है मानना है!*


👉सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धार्मिकता की शिक्षा के लिये लाभदायक है,

(2 तीमुथियुस 3:16)


✍️context को भी देखना है!


👉जैसे दांत के बदले दांत आदि..


👉अगर कोई कहे व्यवस्था का नियम है, इसे मानना लाजमी है!


👉हम आज इन्हें नही मान सकते!


👉ये गलत हो जाएगा!


👉 *आपको परमेश्वर से प्यार है ,नये नियम में जितनी आज्ञाए है उन्हे माने*





*बारां जरुरी बातें जो हर एक विश्वासी को जानना बहुत जरूरी है*

         

           *चौथी बात*


*क्या (Sunday) रविवार का दिन ही सही है आराधना का ?*

✍️इस पर भी कुछ लोग सवाल पूछते है!


✍️ *आराधना का दिन Saturday हो या Sunday हो*


👉 *इस से कोई फर्क नहीं पड़ता!*


👉 *कुछ लोग कहते हैं Sunday (compulsory) लाजमी आ रहा है!*


👉 *कौन लोग कहते हैं?* 


👉मैन लाईन,ओफ लाईन,सेड 

लाईन,पिन्तेकुस्त वाले कहते हैं! 


👉अगर आप Sunday चर्च नहीं आए आप बंधन में आ जाओगे!


👉 *वो कहते हैं आप नौकरी करो बिज़नस करो!*


👉पर Sunday चर्च जरुर आना है!


👉Sunday नही आए आप बंधन में आ जाएंगे मुश्किल में आ जाएंगे!


👉Sunday नही आए तो आप विश्वासी नही है ये शिखाते है!


👉ये भी शिखाते है अगर आप Sunday चर्च नहीं गए, आप को आशीष नहीं मिलेगी !


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *Sunday का कैलेंडर सोलमी सदी के आस पास पहोंचा होगा!* 


👉उस से पहले 


👉पहला दिन


👉दूसरा दिन 


👉तीसरा दिन


👉चौथा दिन ऐसे करके मानते थे!


👉 *आप कभी भी परमेश्वर की आराधना कर सकते हैं!*


👉 *हर दिन कर सकते हैं!*


👉 *और वे प्रतिदिन एक मन होकर मन्दिर में इकट्ठे होते थे,* और घर-घर रोटी तोड़ते हुए आनन्द और मन की सिधाई से भोजन किया करते थे। और परमेश्वर की स्तुति करते थे, और सब लोग उनसे प्रसन्न थे; और जो उद्धार पाते थे, उनको प्रभु प्रतिदिन उनमें मिला देता था।

(प्रेरितों के काम 2:46-47)


✍️ *प्रतिदिन परमेश्वर की संगति करते थे!*


👉 *Saturday हो या Sunday कोई फर्क नहीं पड़ता!*


👉 *हमें Sunday चर्च जाना है, पर डर कर नहीं या किसी दबाव में नहीं!*


आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े


*बारां जरुरी बातें जो हर एक विश्वासी को जानना बहुत जरूरी है*


 *पांचवीं बात*


*क्या हमें यहूदी पर्वो को मानना चाहिए ?*


✍️ इस का मतलव है अगर आप अन्य जाति है, और जैसा आज कुछ  बुद्धिजीव 

अधूरे ज्ञान के लोग,


👉जो आज कल शिखा रहे है 

आप भी आंधे है, और दूसरों को भी गड्डे में डाल रहे है!


👉वो शिखाते हैं हमे यहूदियों का पर्व मानना चाहिए!


सवाल :- *कियू मनाऐ?*

 

👉 *क्या हम यहूदी है?*

👉नही !


*ध्यान से सूने*:-


✍️हम अन्य जाति है!


👉क्या हम एजराइल देश के है!


👉क्या हम एजराइल जाति के हैं!


👉हूए तो भी क्या हूआ!


👉 हमे कियू उन के पर्व या त्योहार को फोलो करना है 

(या मनाना)!


👉उनके जैसे कियू चलना है?


👉कुछ कहते हैं वो (एजराइल) पवित्र देश है!


👉गलत मत बोलीए !


👉 देश पवित्र नहीं "परमेश्वर" पवित्र है!


👉 *हमें यहूदियों के किसी भी पर्व या त्योहार को नहीं मानना!*


आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े लें


*बारां जरुरी बातें जो हर एक विश्वासी को जानना बहुत जरूरी है*


 *तीसरी बात*


*क्या हमें सब्त का दिन मनाना चाहिए ?*


✍️ *सब्त आता है व्यवस्था में जिसे विश्राम दिन भी कहते है!*


👉 *जो यहूदियों के हिसाब से शनिवार है!*


👉 *आपको ये समझना है सातों दिन प्रभु का है!*


👉 *ना Monday, important है*


👉 *ना Tuesday, important है*


👉 *ना Wednesday, important है*


👉 *ना Tuesday, important है*


👉 *ना Friday, important है*


👉 *ना Saturday, important है*


👉 *ना Sunday, important है*


👉 *सातों दिन प्रभु का है*


👉 *30 दिन प्रभु का है*


👉 *365 दिन प्रभु का है*


👉 *हर दिन प्रभु का है*


👉 *हर पल प्रभु का है*


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *Saturday आपके लिए बिल्कुल भी (important) महत्वपूर्ण नही है!*


👉 *आप जब चाहो अराधना करो!* 


👉 *जब चाहो प्रभु के पास जाओ!*


👉 *जब चाहो कलिसिया खोलो!*


👉 *कौन सा भी दिन खोलो!*


👉 *Saturday आपके लिए बिल्कुल भी important नहीं!*

👉 *या सब्त आपके इसलिए important नहीं!*


👉 इसलिए खाने-पीने या पर्व या नये चाँद, या सब्त के विषय में तुम्हारा कोई फैसला न करे। *क्योंकि ये सब आनेवाली बातों की छाया हैं, पर मूल वस्तुएँ मसीह की हैं।*

(कुलुस्सियों 2:16-17)


✍️ *यह पडछाई है (व्यवस्था) जो टल जाएगी!*


👉 *कौन सी बातें व्यवस्था की बाते!*


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *आपको किसी प्रकार के सब्त के दिन के अधिन रह कर या किसी के डर से किसी के Saturday के चर्च में नहीं जाना है!*


👉कुछ Saturday मिशन वाले और माता यरुशलेम वाले भी यही सिखाते की Saturday को ही जाना है!


*ध्यान से सूने*:-


👉आप Saturday जाओ

👉आप Sunday, जाओ

👉आप Friday, जाओ 


👉 *आप कोई भी दिन जाओ!*


👉 *आप स्वतंत्र है!*


👉 *आप कोई भी दिन कहीं पर भी खुले आसमान के नीचे कहीं पर भी प्रभु की आराधना कर सकते!*


👉 *परमेश्वर आपके अन्दर है!* 


👉 *परमेश्वर की उपस्थिति आपके अन्दर है, इस बात को आपको समझना होगा!*


आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े


*बारां जरुरी बातें जो हर एक विश्वासी को जानना बहुत जरूरी है*


*दूसरी बात*


*दसमांश*


*क्या हमें दसमांश देना चाहिए?*


✍️दसमांश के बारे में मैं बहुत बार बात कर चूका हूं!


👉 *कहा देना है*

👉 *कैसे देना*


👉कुछ लोग कहते हैं मलाकी में लिखा इस लिए देना है!


👉मलाकी का डर दिखाकर नहीं देना या लेना है!


👉 *तुम पर भारी श्राप पड़ा है, क्योंकि तुम मुझे लूटते हो; वरन् सारी जाति ऐसा करती है। सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा करके मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोलकर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूँ कि नहीं।*

(मलाकी 3:9-10)


✍️ *अगर कोई चर्च,पास्टर, प्रचारक, बाईबल टीचर, ऑनलाइन ऐसा या जो कोई (concepts) धारना से शिखाता*


👉 *दोगे तो आशीष नहीं दोगे तो श्राप!*


👉 *ये गलत है!*


👉 *अगर आप परमेश्वर से प्यार करते है!*


👉 *आप अपना पूरा जीवन दोगे*

👉 *दसमांश हिस्सा कियो देगे!*


👉 *बीस वां हिस्सा देगे!*


👉 *पचास वां हिस्सा देगे!*


👉आपको किसी बंधन में आकर पैसा नहीं देना है!


👉हम किसी बंधन में नहीं 


👉हमें ऐसे लोगों से ,ऐसी विचारधारा से बचना है!


👉 *आपको यहूदियों की विचारधारा के अनुसार नही चलना है!*


👉आप अन्य जाति है उसके अनुसार चलना है!


👉 *पौलुस कहता है*:-


👉 *हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे;* न कुढ़-कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है। 

(2 कुरिन्थियों 9:7)


✍️ *बंधन में आकर नहीं ,मन से दो खुशी से दो!*


👉 *ऐसी विचारधारा से नहीं दोगे तो आशीष नहीं दोगे तो श्राप!*


👉ऐसी विचारधारा से बचना है!




*God bless you*

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