आज का विषय
एक बार जरुर पढ़े
*क्या एक मसीह व्यक्ति मूर्ति पर चढ़ाई हूई वस्तुओं को खा सकता है कि नहीं?*
*क्या मसीही लोग प्रसाद खा सकते है?*
✍️ बहुत सारे मसीह लोग सवाल करते हैं, हम चर्च जाते हैं हम प्रसाद खा सकते हैं कि नहीं, कई बार हम प्रसाद खा भी लेते हैं!
👉 *क्या प्रसाद खाना सही है या ग़लत है!*
👉इसलिए आज इस विषय को आप के लिए लेकर आया हूँ!
👉अगर आप यीशु मसीह पर विश्वास करते और आप कहते हैं,
अब मैं मसीही हो गया हूं, क्या मैं प्रसाद खा सकता हूं कि नहीं!
👉क्योंकि बहुत सारे लोगों के मन यह सवाल होता है!
👉तो आज इस सवाल का जबाव बाइबल में से देखेगे, बाईबल इस के बारे में क्या कहती है!
👉अगर आप इन बातों को समझना चाहते तो इस विषय को बड़े ध्यान से पढ़ें और समझे!
👉जब पूरा पढ़ते हैं तो अपने मसीही बहन भाईयों को जरुर शेयर करे!
👉 ताकि उन लोगो तक भी ये जानकारी पहोंच सके,कैसे एक मसीह को पवित्र जीवन जीना है!
*ध्यान से सूने*:-
✍️दोस्तों आज के विषय को आपके बीच रखने से पहले एक छोटी सी जानकारी आपके बीच रखना चाहता हूं!
👉हो सकता है इस विषय को वो लोग भी पढ़ें जो यीशु मसीह पर विश्वास नहीं करते!
👉तो हम उन लोगो को बताना चाहते है ये विषय या जानकारी सिर्फ उन लोगों के लिए है!
👉जो यीशु मसीह पर विश्वास करते हैं, जिन्होंने प्रभु यीशु मसीह को अपना उद्धार कर्ता के रूप में ग्रहण किया है!
👉किसी दूसरे व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाना हमारा कोई उद्देश्य नहीं है!
👉बाइबल की जो सच्ची शिक्षा है, हम उसी को present कर रहे हैं!
👉जो बाइबल बता रही है हम वही बता रहे हैं!
👉अगर इस विषय को पढ़ते समय किसी को ठेस लगी रही किरपा करके आप इस को मत पढे!
👉इस विषय को वो ही लोग पढ़े जो यीशु मसीह पर विश्वास करते हैं!
👉और जो पवित्र जीवन जीना चाहते हैं!
"आईए इस विषय को शुरू करते हैं"
✍️जैसे मैंने इस विषय के शुरू में ही बता दिया, *क्या एक मसीह व्यक्ति मूर्ति पर चढ़ाई हूई वस्तुओं को खा सकता है कि नहीं!*
👉सीधा सीधा कहे तो क्या प्रसाद खाना चाहिए या नहीं खाना चाहिए है!
👉कुछ वचनों को बाइबल से आपके बीच रखूंगा:-
👉फिर मैं क्या कहता हूँ? क्या यह कि मूर्ति का बलिदान कुछ है, या मूरत कुछ है?
👉 *नहीं, बस यह, कि अन्यजाति जो बलिदान करते हैं, वे परमेश्वर के लिये नहीं, परन्तु दुष्टात्माओं के लिये बलिदान करते हैं और मैं नहीं चाहता, कि तुम दुष्टात्माओं के सहभागी हो।*
(1 कुरिन्थियों 10.19-20)
✍️ परमेश्वर का वचन यहां पर साफ रीति से कहता है कि मूर्ति जैसी चीज ही नहीं है!
👉अन्य जाति के लोग जो मूर्ति के नाम से कुछ भी चढ़ाते हैं,वो दुष्ट आत्माओं के लिए चढ़ाते हैं!
👉एक बात को मैं clear कर देता हूं मूर्ति को इन्सानों ने बनाया है, अपने हाथों से बनाया किसी परमेश्वर ने बनाकर नहीं दिया है!
👉 इंसान मूर्ति बनाता है पर मूर्ति के अंदर तो कोई जान है नहीं!
👉जब वो चढ़ावा चढ़ाते हैं वो दुष्ट आत्मा जो इस संसार में प्रभुता करती है वो उनके चढ़ावे को ग्रहण कर लेती है!
👉ये इन्सानों को मनुष्य को भी पता नहीं होता कई वो अनजाने में दुष्ट आत्माओं को चढ़ा रहे होते हैं!
👉जब एक मसीह व्यक्ति इन चीजों को ग्रहण करता है उसको तो यह पता होता है,कि मूर्ति तो इस संसार में कोई वस्तु नहीं जो चढ़ावा चढ़ाया जाता है वो दुष्ट आत्माओं के लिए चढ़ाया जाता है!
👉इसलिए एक मसीह व्यक्ति को जो सारी चीजें मूर्तियो के आगे चढ़ाई जाती हैं, उन चीजों को लेना माना है बाइबल में!
👉इसलिए परमेश्वर का वचन साफ रीति से कहता है दुष्ट आत्माओं के सहभागी ना हो!
👉एक व्यक्ति को जो यीशु को नहीं मानता है, उसे तो नहीं पता है दुष्ट आत्मा कौन है?
👉 या परमेश्वर कौन है?
👉वो अनजान है, वो अनजाने में ये सोचते हैं कि मूर्ति उनका ईश्वर है!
👉सच्चाई क्या है उनके अनजाने पन का फायदा उठाकर दुष्ट आत्मा उस मूर्ति में वाश करती है!
👉उस पर चढ़ाई हूई चीजों को दुष्ट आत्मा ग्रहण कर लेती है!
👉इसलिए हम जो मसीह लोगो पता चलता है कि दुष्ट आत्माएं इस तरह से काम करती है!
👉इसलिए हम जान चूके हैं जो प्रसाद जो मूर्ति पर चढ़ाया गया था वो मूर्ति पर नही परन्तु दुष्ट आत्माओं के लिए चढ़ाया गया था!
👉 *इसलिए एक मसीह व्यक्ति को कभी भी मूर्ति पर चढ़ाई हूई वस्तुओं को कभी खाना नहीं चाहिए!*
"आगे भी कुछ बातें हैं उनको भी समझना बहुत ज़रूरी है"
👉 *तुम प्रभु के कटोरे, और दुष्टात्माओं के कटोरे दोनों में से नहीं पी सकते! तुम प्रभु की मेज और दुष्टात्माओं की मेज दोनों के सहभागी नहीं हो सकते।*
(1 कुरिन्थियों 10.21)
✍️अगर आप यीशु पर विश्वास करते हो तो आप प्रभु भोज में शामिल होते होंगे!
👉तो आप इस तरह प्रसाद लेकर दुष्ट आत्मा की मेज भी शामिल नहीं हो सकते!
👉यहां पर परमेश्वर का वचन साफ रीति से मना करता है!
"लेकिन - लेकिन इसके आगे कुछ और बातें हैं उन सारी बातों भी आपको जानना बहुत जरूरी है"
✍️सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब लाभ की नहीं। सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित तो हैं, *परन्तु सब वस्तुओं से उन्नति नहीं।*
(1 कुरिन्थियों 10.23)
✍️ *तो याद रखिएगा जिन वस्तुओं से आपकी उन्नति नहीं उनको लेकर आप क्या करोगे?*
👉 *जो कुछ कसाइयों के यहाँ बिकता है, वह खाओ* और विवेक के कारण कुछ न पूछो।
(1 कुरिन्थियों 10.25)
✍️वचन कहता है जो कुछ कसाईयों के यहां पर बिकता है, वो खाओ,
👉आप जो दूकान से बलि कि हूई चीज जैसे मांस उसे आप खरीद कर खा सकते हैं कोई problem नहीं!
👉 लेकिन वो ही मांस जब किसी को बलि चढ़ाया जाता है, *तब आप नहीं ले सकते क्योंकि वो किसी के नाम पर चढ़ाया जाता है!*
👉आप दूकान से आप खरिदते है कोई problem नहीं!
👉एक और बात मैं आपको clearकरके चलना चाहता हूं बहुत सारे लोग कहते जब हम दूकान में जाते हैं वहां तो बहुत सारी चीज़ें होती क्या सब खा सकते हैं!
👉 Simple सी चीज है जो आप खरीद रहे हैं वे आप अपना पैसा देकर खरीद रहे हैं!
*ध्यान से सूने*:-
✍️ *प्रसाद में और जो हम खरिद रहें हैं क्या अंतर होता है!*
👉 *जो प्रसाद होता है वो बेचा नहीं जाता,*
👉वो फ्री में बाटते हैं, वो बलि चढ़ा कर फ्रि में बातें हैं!
👉जो बलि चढ़ा कर काट रहा है,पर वो बेचा रहा है!
👉इसलिए वो प्रसाद नहीं है!
👉इसलिए हम उसे खरिद कर खा सकते हैं!
👉“क्योंकि पृथ्वी और उसकी भरपूरी प्रभु की है।”
(1 कुरिन्थियों 10.26)
👉और यदि अविश्वासियों में से कोई तुम्हें नेवता दे, और तुम जाना चाहो, तो जो कुछ तुम्हारे सामने रखा जाए वही खाओ: और विवेक के कारण कुछ न पूछो।
👉परन्तु यदि कोई तुम से कहे, “यह तो मूरत को बलि की हुई वस्तु है,” तो उसी बतानेवाले के कारण, और विवेक के कारण न खाओ।
(1 कुरिन्थियों 10.27-28)
✍️ वचन कहता, हमें नहीं खाना है!
👉इसलिए तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महिमा के लिये करो।
(1 कुरिन्थियों 10.31)
✍️जो कुछ तो करते हो परमेश्वर की महिमा होनी चाहिए!
👉परमेश्वर का वचन कहता है तुम स्वतन्त्र किए गए हो पर इसका मतलब ये नहीं हम जो मर्जी करें हम स्वतंत्र किते गए पर हमारे ऊपर कई सारी बंदिशे भी है, मतलब पाबंदी है!
👉 परमेश्वर ने हमें विवेक दिया है हमें पता है क्या सही है क्या गलत है!
👉कैसी चीजें मूर्ति पर चढ़ाई गई होती है और कैसी चीजें normal होती है और इन्हें समझने के परमेश्वर ने अपना वचन दिया है!
"एक और बात"
✍️कई ऐसा होता कहीं आप जाते हैं वहां पर एक ऐसा विश्वासी जो प्रभु के वचन परिपख मजबूत नहीं है!
👉और वो कहता ये तो मूर्ति चढ़ाई हूई है तो आप भी मत खाईए
👉अगर आपके निर्णय के कारण को प्रभु से भटक रहा है तो आप को नहीं खाना चाहिए और वचन भी यही कहता है!
👉अगर कहीं आप चले जाते कई बार ऐसा होता है,मसीह बहन भाई किसी के यहां गए, उन्होंने अनजाने में धोखा देकर आप को प्रसाद खिला दिया तो उससे आपका कोई नुकसान नहीं होने वाला है!
👉 *लेकिन अगर आप को पता है तो उस चीज को मत खाइए!*
👉 *अखीर में मैं फिर कहना चाहता हूं ये संदेश या मैसीज सिर्फ मसीह लोगो के लिए है!*
👉हमारा किसी को ठेस पहुंचाना का उद्देश्य बिल्कुल भी नहीं है!
*God bless you*
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