Sunday, 31 July 2022

ख़तरनाक अंत! मुसा (हिंदी )

 आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े


*एक गलती और ministry खत्म*

*ख़तरनाक अंत!*


✍️एक व्यक्ति जिसका नाम है मूसा!


👉इस व्यक्ति को परमेश्वर ने अद्भुत तरीके से चलाया 6 लाख लोगों को lead करने में!


👉आप सभी इस बात को जानते है!


👉ये वो व्यक्ति था मिश्र से फिरौन के राजा के हाथ 

 से 430 साल की गुलामी से परमेश्वर ने अद्भुत तरीके से लोगों को से वहां से छुड़ाया!


👉ये वो व्यक्ति हैं जो व्यवस्था को लाया!


👉4000 साल के लगभग चला यहुदी इजराइली nation उस व्यवस्था देने के चलते!


👉परमेश्वर ने खूब इसका इस्तेमाल किया!


*सूने*:-


✍️ *लेकिन एक गलती इस पर भारी पड़ गई!*


*ध्यान दें*


👉वो चाहे मूसा हो!

👉वो चाहे अब्राहम ‌हो

👉इसहाक हो!

👉याकूब हो!

👉दाऊद हो!

👉पतरस हो!

👉इन सभी का हम आदर करते है!


👉इन सभी को परमेश्वर ने इस्तमाल किया है बाइबल के अन्दर!


*लेकिन एक और पहलू है वो भी देखना है!*


*लेकिन साथ ही साथ एक पहलु वो भी देखना है!* 


✍️इन की गलतीओ से हम क्या शिक्ष सकते हैं!


👉परन्तु ये सब बातें, जो उन पर पड़ी, दृष्टान्त की रीति पर थीं; और वे हमारी चेतावनी के लिये जो जगत के अन्तिम समय में रहते हैं लिखी गईं हैं।

(1 कुरिन्थियों 10:11)


✍️ये सारी चीजें इस लिए लिखी गई ताकि इन से कुछ शिक्ष सके!


"मेरा ये फर्ज है इस की गलती से आपको कुछ शिक्षा सकू"


✍️अगर कोई सेवक मुझे रहा है!


👉कोई Worship leader मुझे रहा है!


👉कोई Bible teacher मुझे सून रहा है!


👉अगर कोई विश्वासी मुझे सून रहा है!


👉आप सभी को ये सिखाना, समझना बहुत जरूरी है! 


👉इसके साथ में क्या ऐसी गलती हो गई!


*वो खतरनाक अंत क्या है!*

*वो खतरनाक गलती क्या है?*


⭐ *एक गलती मूसा पर भारी पड़ गई!*


✍️एक ऐसी गलती जिसकी सजा तो मिलनी ही थी!


👉वो कौन सी सजा थी!


👉आईए देखते हैं वो कौन सी गलती थी!


*ध्यान से सूने*


✍️मूसा एक ऐसा व्यक्ति जिसको ये नाम मिला था!


👉 *मैं तुझे फ़िरौन के लिये परमेश्वर सा (as god) ठहराता हूँ;*

(निर्गमन 7:1)


👉परमेश्वर ने मूसा को फिरौन के सामने परमेश्वर की तरह खड़ा किया था!


👉ताकि वो लोगों रिहा करा सके! 

(लोगों को छुड़ा सके)


👉परमेश्वर ने ऐसा दबदबा रखा ,फिरौन की हालत खराब हो गई!


👉ये वो मूसा था जिसके ऊपर 6 लाख लोगों की जिमेवारी थी,

(ताकि वो लोगों को lead करें)


👉ये वो मूसा था जिसने लाल समूद्र को पार कराया!


👉ये वो मूसा था जिसके द्वारा 10 बड़ी विपतीया मिस्र पर डालीं थी!


👉ये वो मूसा था 40 साल जंगल में इस्राइलियों की अगुवाई करी!


👉ये वो मूसा था जब ये प्रार्थना करता था तो युद्ध जीते गए !


👉ये वो मूसा था जिसके आमने सामने परमेश्वर बातें करता था!


👉ये वो मूसा था 40 साल मिश्र में!

👉40 साल ससूर के पास में!

👉फिर 40 साल जंगल में!


👉120 साल इस व्यक्ति को अद्भुत तरीके से चलाया था!


*सूने*:-


👉जब मूसा मरा तो देखो क्या लिखा है!


👉 *मूसा अपनी मृत्यु के समय एक सौ बीस वर्ष का था; परन्तु न तो उसकी आँखें धुँधली पड़ीं, और न उसका पौरूष घटा था।*

(व्यवस्थाविवरण 34:7)


✍️ना आंखें धुंधली पड़ी!

👉जैसे अब्राहम , इसहाक,याकूब की!


✍️और न उसका पौरूष घटा था।

👉 मतलब ये मजबूत था ,कोई बीमारी नहीं थी!


 *अब क्यों मरा परमेश्वर ने ?*


👉इसकी कब्र अभी तक किसी को नहीं पता, लुसिफर को भी नहीं पता!


👉एक ऐसा character था!

👉एक ऐसा‌ व्यक्ति था!


*सूने*:-


✍️इस व्यक्ति ने क्या गलती करी!


👉जब पानी नहीं था, दूसरी बार की बात कर रहा हूं!


👉क्योंकि जब पहली बार पानी नहीं था, तो चट्टान पर लकड़ी मारना सुभाविक था!


👉लेकिन जब दूबारा पानी की जरूरत पड़ी तो लकड़ी नहीं मारना था!

👉तो‌ ये था system


👉“उस लाठी को ले, और तू अपने भाई हारून समेत मण्डली को इकट्ठा करके उनके देखते उस चट्टान से बातें कर, तब वह अपना जल देगी; इस प्रकार से तू चट्टान में से उनके लिये जल निकालकर मण्डली के लोगों और उनके पशुओं को पिला।”

(गिनती 20:8)


✍️लेकिन मूसा ठीक इसके विपरित किया!


👉तब मूसा ने हाथ उठाकर लाठी चट्टान पर दो बार मारी; और उसमें से बहुत पानी फूट निकला, और मण्डली के लोग अपने पशुओं समेत पीने लगे।  


👉परन्तु मूसा और हारून से यहोवा ने कहा, “तुम ने जो मुझ पर विश्वास नहीं किया, और मुझे इस्राएलियों की दृष्टि में पवित्र नहीं ठहराया, इसलिए तुम इस मण्डली को उस देश में पहुँचाने न पाओगे जिसे मैंने उन्हें दिया है।”

(गिनती 20:11-12)


✍️इस भीड़ में सब खुश थे ,बच्चे खुश थे, जानवर खुश थे!

👉पर एक था जो खुश नहीं था!

👉वो है परमेश्वर!


👉परमेश्वर खुश नहीं था!


✍️पवित्र नहीं ठहराया!


*सूने*:-


✍️ *परमेश्वर की दिलचस्पी किस में है!*


✍️तुम क्या करते हो प्रार्थना करते हो! 

👉पानी मिठ्ठा हो जाता है!


✍️ तुम प्रार्थना करते हो!

👉बटवे में दो सो का नोट आ जाता है!


✍️ तुम प्रार्थना करते हो!

👉लोग गिर जाते हैं!


*सूने*:-


👉परमेश्वर कहता है मुझे उससे कुछ लेना देना नहीं है!


✍️ *परमेश्वर की दिलचस्पी इस में नहीं है!*


👉 *तुम ने मेरी पवित्रता को लोगों के सामने क्यों नहीं रखा!*


👉ये गलती मूसा से हूई ये गलती आप से कहीं ना हो जाए!


"इसलिए इस विषय को आपके बीच लेकर आया हूं"


"बड़े ध्यान से समझना होगा"


✍️आज मैं आप सभी से बात कर रहा हूं!


👉 क्या आपने अपनी चर्च में परमेश्वर को पवित्र ठहराया!


👉 क्या आपने अपनी worship में परमेश्वर को पवित्र ठहराया!


👉क्या आपने अपने music में परमेश्वर को पवित्र ठहराया!


👉क्या आपने अपने convention में परमेश्वर को पवित्र ठहराया!


"ये हैं परमेश्वर की दिलचस्पी"


👉परमेश्वर कहता है जब मैंने मूसा जैसे आदमी  को नहीं छोड़ा तो तुम्हें क्या छोड़ूंगा!


👉जिसको मैंने परमेश्वर सा ठहराया!


👉मतलव वो 40 साल प्रचार करता रहा, हम कनान जाएंगे, हम कनान जाएंगे, पर नहीं जा पाया!


👉इसलिए लिखा है खतरनाक अंत!


👉इस ने बहुत अच्छा काम किया पर एक ही गलती!


👉परमेश्वर को पवित्र नहीं ठहराया!


👉चट्टान को फिर से मार दिया!


*चट्टान कौन है ?*


✍️आज की तारीख में चट्टान कौन है!

👉तब की तारीख में चट्टान कौन है!

👉बाइबल क्या कहती है चट्टान कौन है!


👉और सब ने एक ही आत्मिक जल पीया, क्योंकि वे उस आत्मिक चट्टान से पीते थे, जो उनके साथ-साथ चलती थी; *और वह चट्टान मसीह था।*

(1 कुरिन्थियों 10:4)


✍️वह मसीह था


👉इसका मतलब जिस पर मूसा ने लकड़ी मारी वो कोई और नहीं था!


👉 *वो यीशु था!*


👉परमेश्वर ने कहा था तुमने चट्टान से बात करनी है!


👉उसने ने बात करने की बजाय लकड़ी मार दी!


 *ये चट्टान यीशु मसीह है तो तुम उसे दूबारा क्रुस पर नहीं मार सकते!*


"इसी को पौलुश कहता है"


👉 *क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र को अपने लिये फिर क्रूस पर चढ़ाते हैं* और प्रगट में उस पर कलंक लगाते हैं।

(इब्रानियों 6:6)


✍️परमेश्वर कहता है मैं ये कदई बर्दाश्त नहीं करुंगा!


"एक और बात"


✍️ *क्या मूसा नहीं जानता था चट्टान कौन है ?*


👉जो चट्टान साथ चल रही है! 

👉जो चट्टान पानी दे रही है! 

👉वो परमेश्वर है!


✍️मूसा खुद प्रार्थना कर रहा है!


👉“वह चट्टान है, उसका काम खरा है; और उसकी सारी गति न्याय की है। वह सच्चा परमेश्वर है, उसमें कुटिलता नहीं, वह धर्मी और सीधा है। (रोम. 9:14) 

(व्यवस्थाविवरण 32:4)


✍️वो जानता था परमेश्वर चट्टान है!


*तो आज जो प्रचारक प्रचार कर रहे वो नहीं जानते सही क्या है गलत क्या है?*


👉तो फिर गलती कैसे कर रहे हो!


*अंत में*


"इस घटना से हम क्या सिखा सकते हैं"


 *परमेश्वर को कभी भी हल्के में कभी नहीं लेना!*


👉और मूसा ने ये ही गलती कर दी!


👉Ministry करते-करते सेवा करते-करते!

👉अरे प्रचार तो मैं चूटकी में कर देता हूं!

👉अरे गाना तो मैं चूटकी में गा देता हूं!

👉अरे चमत्कार तो मैं चूटकी में कर देता हूं!


👉 *जब परमेश्वर को हल्के में लेना शुरू कर देते हैं ,सेवा खत्म!*


👉आपको कोई भी हो देशी, विदेशी!

👉परमेश्वर सब बर्दाश्त कर सकता है!


👉ये बर्दाश्त नहीं करेगा सजा जरूर देगा!


*इसलिए सावधान रहीए*


*God bless you*

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