आज का विषय
एक बार जरुर पढ़े
*कुछ लोग कहते हैं इनका परमेश्वर खुद को तो बचा नहीं सका*
⭐ *अपनी मृत्यु के बारे पहले बताया*
👉 *और वह उन्हें सिखाने लगा, कि मनुष्य के पुत्र के लिये अवश्य है, कि वह बहुत दुःख उठाए, और पुरनिए और प्रधान याजक और शास्त्री उसे तुच्छ समझकर मार डालें और वह तीन दिन के बाद जी उठे।*
(मरकुस 8.31)
👉 *क्योंकि वह अपने चेलों को उपदेश देता और उनसे कहता था, “मनुष्य का पुत्र, मनुष्यों के हाथ में पकड़वाया जाएगा, और वे उसे मार डालेंगे; और वह मरने के तीन दिन बाद जी उठेगा।”*
(मरकुस 9.31)
👉 *“देखो, हम यरूशलेम को जाते हैं, और मनुष्य का पुत्र प्रधान याजकों और शास्त्रियों के हाथ पकड़वाया जाएगा, और वे उसको मृत्यु के योग्य ठहराएँगे, और अन्यजातियों के हाथ में सौंपेंगे। और वे उसका उपहास करेंगे, उस पर थूकेंगे, उसे कोड़े मारेंगे, और उसे मार डालेंगे, और तीन दिन के बाद वह जी उठेगा।”*
(मरकुस 10.33-34)
⭐ *यीशु को बन्दी बनाना*
👉 *तब यीशु के साथियों में से एक ने हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खींच ली और महायाजक के दास पर चलाकर उसका कान काट दिया। तब यीशु ने उससे कहा, “अपनी तलवार म्यान में रख ले क्योंकि जो तलवार चलाते हैं, वे सब तलवार से नाश किए जाएँगे। क्या तू नहीं समझता, कि मैं अपने पिता से विनती कर सकता हूँ, और वह स्वर्गदूतों की बारह सैन्य-दल से अधिक मेरे पास अभी उपस्थित कर देगा?*
👉परन्तु पवित्रशास्त्र की वे बातें *कि ऐसा ही होना अवश्य है, कैसे पूरी होंगी?”*
(मत्ती 26.51-54)
⭐ *यीशु का क्रूस पर चढ़ाया जाना*
👉 *तब उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाया; और चिट्ठियाँ डालकर उसके कपड़े बाँट लिए।*
⭐ *यीशु का प्राण त्यागना*
👉दोपहर से लेकर तीसरे पहर तक उस सारे देश में अंधेरा छाया रहा।
👉 *तब यीशु ने फिर बड़े शब्द से चिल्लाकर प्राण छोड़ दिए।*
(मत्ती 27.35, 45, 50)
⭐ *यीशु का दफनाया जाना*
👉जब साँझ हुई तो यूसुफ *नामक अरिमतियाह का एक धनी मनुष्य जो आप ही यीशु का चेला था, आया। उसने पिलातुस के पास जाकर यीशु का शव माँगा*। इस पर पिलातुस ने दे देने की आज्ञा दी।
👉 *यूसुफ ने शव को लेकर उसे साफ चादर में लपेटा। और उसे अपनी नई कब्र में रखा, जो उसने चट्टान में खुदवाई थी, और कब्र के द्वार पर बड़ा पत्थर लुढ़काकर चला गया।*
(मत्ती 27.57-60)
⭐ *यीशु की क्रब पर पहरा*
👉दूसरे दिन जो तैयारी के दिन के बाद का दिन था, प्रधान याजकों और फरीसियों ने पिलातुस के पास इकट्ठे होकर कहा। “हे स्वामी, हमें स्मरण है, कि उस भरमानेवाले ने अपने जीते जी कहा था, कि मैं तीन दिन के बाद जी उठूँगा। *अतः आज्ञा दे कि तीसरे दिन तक कब्र की रखवाली की जाए,* ऐसा न हो कि उसके चेले आकर उसे चुरा ले जाएँ, और लोगों से कहने लगें, कि वह मरे हुओं में से जी उठा है: तब पिछला धोखा पहले से भी बुरा होगा।” पिलातुस ने उनसे कहा, “तुम्हारे पास पहरेदार तो हैं जाओ, अपनी समझ के अनुसार रखवाली करो।” *अतः वे पहरेदारों को साथ लेकर गए, और पत्थर पर मुहर लगाकर कब्र की रखवाली की।*
(मत्ती 27.62-66)
⭐ *यीशु का जी उठना*
👉सब्त के दिन के बाद सप्ताह के पहले दिन पौ फटते ही मरियम मगदलीनी और दूसरी मरियम कब्र को देखने आईं। तब एक बड़ा भूकम्प हुआ, क्योंकि परमेश्वर का एक दूत स्वर्ग से उतरा, और पास आकर उसने पत्थर को लुढ़का दिया, और उस पर बैठ गया। उसका रूप बिजली के समान और उसका वस्त्र हिम के समान उज्ज्वल था। उसके भय से पहरेदार काँप उठे, और मृतक समान हो गए। स्वर्गदूत ने स्त्रियों से कहा, “मत डरो, मैं जानता हूँ कि तुम यीशु को जो क्रूस पर चढ़ाया गया था ढूँढ़ती हो। ”
(मत्ती 28.1-5)
👉 *“वह यहाँ नहीं है, परन्तु अपने वचन के अनुसार जी उठा है;* आओ, यह स्थान देखो, जहाँ प्रभु रखा गया था। और शीघ्र जाकर उसके चेलों से कहो, कि वह मृतकों में से जी उठा है; और देखो वह तुम से पहले गलील को जाता है, वहाँ उसका दर्शन पाओगे, देखो, मैंने तुम से कह दिया।”
👉और वे भय और बड़े आनन्द के साथ कब्र से शीघ्र लौटकर उसके चेलों को समाचार देने के लिये दौड़ गईं।
(मत्ती 28.6-8)
👉पिता इसलिए मुझसे प्रेम रखता है, *कि मैं अपना प्राण देता हूँ, कि उसे फिर ले लूँ। कोई उसे मुझसे छीनता नहीं, वरन् मैं उसे आप ही देता हूँ। मुझे उसके देने का अधिकार है, और उसे फिर लेने का भी अधिकार है।* यह आज्ञा मेरे पिता से मुझे मिली है।
(यूहन्ना 10.17-18)
👉 *और यीशु के दुःख उठाने के बाद बहुत से पक्के प्रमाणों से अपने आपको उन्हें जीवित दिखाया, और चालीस दिन तक वह प्रेरितों को दिखाई देता रहा,* और परमेश्वर के राज्य की बातें करता रहा।
(प्रेरितों के काम 1.3)
⭐ *फिर कभी नहीं मरेगा*
👉 *क्योंकि हम जानते है कि मसीह मरे हुओं में से जी उठा और फिर कभी नहीं मरेगा। मृत्यु उस पर प्रभुता नहीं करती।*
(रोमियों 6.9)
👉 *क्योंकि मसीह इसलिए मरा और जी भी उठा कि वह मरे हुओं और जीवितों, दोनों का प्रभु हो।*
(रोमियों 14.9)
👉 *मैं मर गया था, और अब देख मैं युगानुयुग जीविता हूँ; और मृत्यु और अधोलोक की कुँजियाँ मेरे ही पास हैं।*
(प्रकाशितवाक्य 1.18)
✍️ *अरे भाई पूरी बाइबल तो पढ़ लो, उसने अपने आपको दे दिया और तीसरे दिन मुर्दों में से जी उठा*
⭐ *यीशु का दूनिया में आने का मकसद*
👉 *क्योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिए नहीं आया, कि उसकी सेवा टहल की जाए, पर इसलिए आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों के छुटकारे के लिये अपना प्राण दे।*
(मरकुस 10.45)
*God bless you*
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