आज का विषय
एक बार जरुर पढ़े लें
*बाइबल को पढ़ते समय में बहुत सतर्क रहना होगा*
*क्यों ?????*
✍️ *इतने सारे क्यों जानबूझकर इसलिए डाले हैं!*
👉 *आपको जिंदगी भर पूछते रहना है*
👉 *क्यों क्यों क्यों क्यों?*
👉 *क्या लिखा है, तू कैसे पढ़ता है ?”*
(लूका 10:26)
✍️बाइबल पढ़ते वक्त में यह आपके जहन (दिमाग) में होना चाहिए!
👉 *क्या लिखा है और तू कैसे पड़ता है!*
👉यहा पर अपना नाम डालिए.........
👉खुद से पूछना है!
👉 *क्या लिखा और ........तू कैसे पढ़ता है?*
👉और जितने प्रभु के दास दासी क्या लिखा है और तू कैसे पढ़ता है!
👉और सतर्क (सावधान)रहना है!
👉 *यीशु कहता be careful*
👉 *पता है क्यों*
*ध्यान से सूने*:-
✍️ *क्योंकि जैसा पढ़ेंगे!*
👉वैसा शिखाएंगे!
✍️ *जैसे समझेंगे!*
👉वैसे समझाएंगे!
✍️ *जैसे खुद को लेगे!*
👉वैसे दूसरों को देगे!
*सूने*:-
✍️ *अगर सही लें लिया!*
👉तो सही दे देंगे!
✍️ *सही समझ लिया!*
👉तो सही समझा देंगे!
✍️ *सही तरीके से पढ़ लिया!*
👉तो सही तरीके से पढ़ा देगे!
👉 *अगर गलत कर दिया तो?*
👉 *फिर तो सोचिए क्या बेड़ा गर्क हो जाएगा!*
*सोचे......*
*ध्यान से सूने*:-
👉 और उससे कहा, “मैं यह सब अधिकार, और इनका वैभव तुझे दूँगा, क्योंकि वह मुझे सौंपा गया है, और जिसे चाहता हूँ, उसे दे सकता हूँ। इसलिए, यदि तू मुझे प्रणाम करे, तो यह सब तेरा हो जाएगा।” यीशु ने उसे उत्तर दिया, “लिखा है: ‘तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर; और केवल उसी की उपासना कर।’”
👉तब उसने उसे यरूशलेम में ले जाकर मन्दिर के कंगूरे पर खड़ा किया, और उससे कहा, “यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो अपने आपको यहाँ से नीचे गिरा दे। *क्योंकि लिखा है,* ‘वह तेरे विषय में अपने स्वर्गदूतों को आज्ञा देगा, कि वे तेरी रक्षा करें’
(लूका 4:6-10)
👉 और ‘वे तुझे हाथों हाथ उठा लेंगे ऐसा न हो कि तेरे पाँव में पत्थर से ठेस लगे।’”
👉यीशु ने उसको उत्तर दिया, “यह भी कहा गया है: ‘तू प्रभु अपने परमेश्वर की परीक्षा न करना।’”
(लूका 4:11-12)
✍️ *आज भी कुछ कहते हैं लिखा है!*
*उदाहरण*:-
✍️पौलुश ने तीमुथियुस का :-
👉भविष्य में केवल जल ही का पीनेवाला न रह, *पर अपने पेट के और अपने बार बार बीमार होने के कारण थोड़ा-थोड़ा दाखरस भी काम मे लाया कर।*
(1तीमुथियुस 5:23)
✍️ *कुछ कहते शराब पीनी चाहिए!*
*सूने*:-
👉बाईबल को ध्यान से पढ़ना चाहिए!
👉हमें बाईबल की जानकारी उत्पत्ति से प्रकाशितवाक्य तक होनी चाहिए!
👉कुछ कहते लिखा है!
👉ठीक है लिखा है :- *पर ये भी देखना है कियू लिखा है?*
*सूने*:-
✍️ यीशु ने कहा है ...
👉 *इसलिए जो कोई इन छोटी से छोटी आज्ञाओं में से किसी एक को तोड़े, और वैसा ही लोगों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में सबसे छोटा कहलाएगा;* परन्तु जो कोई उनका पालन करेगा और उन्हें सिखाएगा, वही स्वर्ग के राज्य में महान कहलाएगा।
(मत्ती 5:19)
👉 *मैं हर एक को, जो इस पुस्तक की भविष्यद्वाणी की बातें सुनता है, गवाही देता हूँ: यदि कोई मनुष्य इन बातों में कुछ बढ़ाए तो परमेश्वर उन विपत्तियों को जो इस पुस्तक में लिखी हैं, उस पर बढ़ाएगा। और यदि कोई इस भविष्यद्वाणी की पुस्तक की बातों में से कुछ निकाल डाले,* तो परमेश्वर उस जीवन के पेड़ और पवित्र नगर में से, जिसका वर्णन इस पुस्तक में है, उसका भाग निकाल देगा।
(प्रकाशितवाक्य 22:18-19)
✍️ *इसलिए हम प्रचारकों को सावधान रहना होगा!*
👉सही सिखाया तो बच गए गलत सिखाया तो फस गए!
👉 *हे मेरे भाइयों, तुम में से बहुत उपदेशक न बनें, क्योंकि तुम जानते हो,* कि हम उपदेशकों का और भी सख्ती से न्याय किया जाएगा। इसलिए कि हम सब बहुत बार चूक जाते हैं जो कोई वचन में नहीं चूकता, वही तो सिद्ध मनुष्य है; और सारी देह पर भी लगाम लगा सकता है।
(याकूब 3:1-2)
✍️ *प्रचारक सब से ज्यादा दोषी ठहरेंगे!*
👉 *कियोकि हम कोई बातों को ठीक से सिखाते नही!*
👉 अपने आपको परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करनेवाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्जित होने न पाए, *और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो।*
((2 तीमुथियुस 2:15)
*God bless you*
No comments:
Post a Comment