आज का विषय
एक बार जरुर पढ़े लें
*बारां जरुरी बातें जो हर एक विश्वासी को जानना बहुत जरूरी है*
*पहली बात:- दस आज्ञाए*
✍️ *क्या हमें मूसा की दस आज्ञाओ का पालन करना है?*
👉 जब हम पूराना नियम पढते है खास कर करके पांच किताबे ,
👉उत्पति
👉निर्गम
👉लैव्यव्यवस्था
👉गिनती
👉व्यवस्थाविवरण
✍️वहां पर हम देखते हैं "दस आज्ञाए" परमेश्वर ने आपने हाथ से लिखा कर मूसा को दी थी!
👉और ये हिदायत दी ताकि दस आज्ञाओं का पालन करना (compulsory) लाजमी हो!
✍️पर जब हम नये नियम में आते हैं (यीशु में आते हैं)!
👉जहां कहते हैं,अनुग्रह आ गया!
👉 क्योंकि उसकी परिपूर्णता से हम सब ने प्राप्त किया अर्थात् अनुग्रह पर अनुग्रह। इसलिए कि व्यवस्था तो मूसा के द्वारा दी गई, *परन्तु अनुग्रह और सच्चाई यीशु मसीह के द्वारा पहुँची।*
(यूहन्ना 1:16-17)
✍️ *तो क्या अनुग्रह के युग में ,आज दस आज्ञाओं को मानना जरुरी है?*
*ध्यान से सूने*:-
👉अगर कोई कहे व्यवस्था में लिखा है, इसलिए मानना है!
👉परमेश्वर का हर वचन जब तक यीशु नहीं आ जाता (permanent) स्थायी है !
👉लाभदायक है!
👉हमेशा के लिए है!
✍️ लेकिन अगर कोई ये शिखाए!
👉 *इस को नहीं माना तो आपका उद्धार नहीं होगा!*
👉इस को नहीं माना तो आप अभी तक विश्वासी नहीं है!
👉इस को नहीं माना मतलव :- दस आज्ञाओं को
*ध्यान से सूने*:-
✍️ *दस आज्ञाओं दो हिस्सों में बांट सकते हैं*
⭐ *परमेश्वर के प्रति*:-
⭐ *मनुष्य सके प्रति*:-
👉जिसे यीशु ने भी बखूबी बताया!
👉 *परमेश्वर से प्रेम करना!*
👉 *मनुष्य से प्रेम करना!*
✍️दस आज्ञाओं से भी ज्यादा और भी बहुत (subject) विषय है!(व्यवस्था के नियमों में)
👉कई कहे इस को नहीं माना तो आप विश्वासी नही!
👉इस को नहीं माना तो आप स्वर्ग नहीं जाओ!
👉ऐसा कोई शिखाए तो ये गलत हो जाएगा!
✍️ *मैं तो कहता हूं दस आज्ञा ही नहीं पूराने या नये नियम में सब आज्ञाए जो व्यवस्था से हटके है मानना है!*
👉सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धार्मिकता की शिक्षा के लिये लाभदायक है,
(2 तीमुथियुस 3:16)
✍️context को भी देखना है!
👉 *जैसे दांत के बदले दांत आदि*..
👉अगर कोई कहे व्यवस्था का नियम है, इसे मानना लाजमी है!
👉हम आज इन्हें नही मान सकते!
👉 *ये गलत हो जाएगा!*
👉 *आपको परमेश्वर से प्यार है ,नये नियम में जितनी आज्ञाए है उन्हे माने*
*God bless you*
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