Tuesday, 17 January 2023

Bible को दो frame में रख कर पढ़ना है! (हिंदी)

 आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े


*जब आप Bible का कोई भी वचन पढ़ते हैं*


*इन बातों पर ध्यान देना होगा*


*Bible को दो frame में रख कर पढ़ना है!*


{1}  *यहूदी*

{2} *अन्यजाति*


✍️ यहूदी frame उत्पत्ति से लेकर मलाकी तक


👉 *दो युग है*:-


👉 *विवेक युग*

👉 *व्यवस्था युग*


👉विवेक युग :- *आदम से लेकर मूसा तक*


👉 व्यवस्था युग:- *मूसा से यीशु मसीह तक!*


👉 *उत्पत्ति से यीशु के क्रूस की मौत तक यहूदी frame*


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *जब आप दो frame में रख कर Bible को पढ़ते हो, तब आपको पता चलेगा आपको क्या लेना है क्या नहीं लेना है!*


👉यीशु की सेवकाई को भी यहूदी frame में पढ़ना है!


👉 *यीशु यहूदियों का सेवक बना!*


👉मैं कहता हूँ, कि जो प्रतिज्ञाएँ पूर्वजों को दी गई थीं, उन्हें दृढ़ करने के लिये मसीह, *परमेश्वर की सच्चाई का प्रमाण देने के लिये खतना किए हुए लोगों का सेवक बना।* 

(रोमियों 15:8)


✍️ *पौलुस अन्यजाति का सेवक बना!*


👉 *कि मैं अन्यजातियों के लिये मसीह यीशु का सेवक होकर* परमेश्वर के सुसमाचार की सेवा याजक के समान करूँ; जिससे अन्यजातियों का मानो चढ़ाया जाना, पवित्र आत्मा से पवित्र बनकर ग्रहण किया जाए।

(रोमियों 15:16)


*सूने*:-


✍️ *नया नियम का 90 प्रतीशत वचन या कार्य यहूदियों के लिए था!*


👉वो चाहे उदाहरण हो या वचन हो यहूदियों के लिए था!


👉जब संध्या हुई तब वे उसके पास बहुत से लोगों को लाए जिनमें दुष्टात्माएँ थीं और उसने उन आत्माओं को अपने वचन से निकाल दिया, और सब बीमारों को चंगा किया। ताकि जो वचन यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था वह पूरा हो: “उसने आप हमारी दुर्बलताओं को ले लिया और हमारी बीमारियों को उठा लिया।”

(मत्ती 8:16-17)


✍️ *प्रश्न:यीशु ने चमत्कार क्यो किए?*


👉 *भविष्यवाणी पूरी हो!*

👉 *यशायाह कौन है?* 

👉 *किस को पता है?*


👉 *किस को पता था मसीह आने वाला है?*


👉चार किताबें

👉उदाहरण

👉वचन

👉यहूदियों के लिए है!


👉यहुन्ना बपतिस्मा देने वाला भी यहूदियों के बीच आया!


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *सवाल:Bible परमेश्वर का वचन हैं या Bible में परमेश्वर का वचन है!*


👉 *Bible में मनुष्य की बाते भी है!*


👉 *Bible में स्वर्गदूतो की भी बातें हैं!*


👉 *Bible में अयूब के मित्रों की भी बातें हैं!*


👉 *Bible में शैतान की बाते भी है!*


*सूने*:-


✍️ हम Bible परमेश्वर का वचन-वचन नहीं बोल सकते!


👉 *हमे फिल्टर करना होगा कौन सा वचन परमेश्वर का!*


👉 *इसलिए दो frame रखे*


👉फिर उसने अपने बारह चेलों को पास बुलाकर, उन्हें अशुद्ध आत्माओं पर अधिकार दिया, कि उन्हें निकालें और सब प्रकार की बीमारियों और सब प्रकार की दुर्बलताओं को दूर करें। इन बारहों को यीशु ने यह निर्देश देकर भेजा, “अन्यजातियों की ओर न जाना, और सामरियों के किसी नगर में प्रवेश न करना।

(मत्ती 10:1, 5)


👉और इन बातों के बाद प्रभु ने सत्तर और मनुष्य नियुक्त किए और जिस-जिस नगर और जगह को वह आप जाने पर था, वहाँ उन्हें दो-दो करके अपने आगे भेजा।

(लूका 10:1)


✍️ *किस को भेजा?* 

👉 *चेलों को*

👉 *इस्राइलीयो के पास*


*सूने*:-


✍️ *अन्यजातियो के लिए सुसमाचार का दरवाजा खुल गया?*


👉कि मैं अन्यजातियों के लिये मसीह यीशु का सेवक होकर परमेश्वर के सुसमाचार की सेवा याजक के समान करूँ; जिससे अन्यजातियों का मानो चढ़ाया जाना, पवित्र आत्मा से पवित्र बनकर ग्रहण किया जाए।

(रोमियों 15:16)


✍️ *फटा हुआ परदा*


👉 *तब, मन्दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फटकर दो टुकड़े हो गया:* और धरती डोल गई और चट्टानें फट गईं।

(मत्ती 27:51)


✍️पर्दा फटा यहूदियों ने यीशु को उद्धार कर्ता ग्रहण नहीं किया!


👉जो परमेश्वर मंदिर में रह कर सेवा लिया करता था,वो अब बाहर आ चूका है!


👉उसने पर्दा फाड़ दिया है!


👉 *जिसको प्रभु ने फाड़ा है अब उसे कियू सी रहे हो?*


*ध्यान से सूने*:- 


 ✍️ *"आपको क्या-क्या नहीं करना है"*


⭐ *हमे दस आज्ञा को नहीं मानना है!*


👉हमारे लिए सब है यीशु को follow करना है!


 ⭐ *पशु बलि नहीं करना है!*

⭐ *शब्द  का दिन नहीं मनाना है!*


⭐ *खतना नहीं करना है!*


⭐ *दसवांश!*


👉 *क्या दसवंश देना गलत है?*


👉 *अगर यहूदियों के हिसाब से शिखाओगे तो 100/प्रतिशत गलत है!*


*ध्यान से सूने*:-  


✍️कई  शिखाते हैं दसवांश नहीं दोगे तो आपका कर्जा बढ़ता जाएगा!


👉 *हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे; न कुढ़-कुढ़ के, और न दबाव से,* क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है।

(2 कुरिन्थियों 9:7)


✍️ *मन में ठाने,मै 10, 20,30,50,100, मै 100 का 100 दूगा!*


*सूने*:-


👉सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा करके मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोलकर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूँ कि नहीं।

(मलाकी 3:10)


✍️ *तोड मोड़कर कर नहीं!*


👉 *कौन से भंडार मे*

👉 *कौन सा भवन*

👉 *लालच देकर नहीं लेना है*


👉ये यहूदियों के लिए था :-


👉दोगे तो आशीष नहीं दोगे तो श्राप है!


👉डराना नहीं है!

 

👉 *और क्या -क्या नहीं करना है*


⭐ *यहूदियों का त्योहार नहीं मनाना है!*


👉इस्राइली के मंदिर में वहां से

तेल लाते हैं!


👉सोल लाते हैं!

और कहते तेल पवित्र है,


👉सोल पवित्र है!


👉 *भाई आपको इस बात को समझना होगा परमेश्वर पवित्र है!*


⭐ *लेन्थ डे नहीं मानना है!*


👉 अतः जितने लोग व्यवस्था के कामों पर भरोसा रखते हैं, वे सब श्राप के अधीन हैं, क्योंकि लिखा है, *“जो कोई व्यवस्था की पुस्तक में लिखी हुई सब बातों के करने में स्थिर नहीं रहता, वह श्रापित है।”*

(गलातियों 3:10)


*ध्यान से सूने*:-


✍️ हमे ये नहीं करना है! 


👉 *कियोकि अच्छे-अच्छे पूरा नहीं कर सके!*


👉आप पूरा करोगे!


👉 *सिर्फ यीशु ने पूरा किया है!*


👉 *यीशु ने जो पर्दा फाड़ दिया है, उसे दूबारा क्यों सी रहे हैं!*


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *तो सवाल उठता है, फिर हमारे लिए कितना है!*


👉 *आपको किया पूरा करना है!*


👉 *इसलिए तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ; और उन्हें पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो, और उन्हें सब बातें जो मैंने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ और देखो,* मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूँ।”

(मत्ती 28:19-20)


*God bless you*

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