आज का विषय
एक बार जरुर पढ़े लें
*हम वचन पर कम ध्यान देते है, इसलिए गलत शिक्षा को पहचान नहीं पाते हैं*
✍️ *खोजा के विषे में*:-
पढ़े (प्रेरितो के काम 8:26-40)
✍️ रथ पर जा रहा था पर वो कन्फ्यूज था!
👉यशायाह 53 अध्याए समझ नहीं पा रहा था!
👉पवित्रशास्त्र का जो अध्याय वह पढ़ रहा था, वह यह था:
“वह भेड़ के समान वध होने को पहुँचाया गया,
और जैसा मेम्ना अपने ऊन कतरनेवालों के सामने चुपचाप रहता है, वैसे ही
उसने भी अपना मुँह न खोला,”
(प्रेरितों के काम 8:32)
👉 इस पर खोजे ने फिलिप्पुस से पूछा, “मैं तुझ से विनती करता हूँ, *यह बता कि भविष्यद्वक्ता यह किसके विषय में कहता है, अपने या किसी दूसरे के विषय में?”*
(प्रेरितों के काम 8:34)
✍️ वो तो शूकर है फिलिप्पुस वहां था!
👉फिलिप्पुस ने खोजा का कन्फ्यूजन दूर की :-
👉 *खोजा सब कुछ कर रहा था*:-
👉 *दान दे रहा था!*
👉 *प्रार्थना कर रहा था!*
👉 *पर वचन नहीं समझ रहा था!*
*ध्यान से सूने*:-
✍️ *हर वचन को context (संदर्भ) में समझना बहुत जरूरी*
👉 अपने आपको परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करनेवाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्जित होने न पाए, *और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो।*
(2 तीमुथियुस 2:15)
✍️ *हमें वचन को ठीक रीति से काम में लाना है!*
👉सवाल :- *क्या हमारे मसीह समाज में आंधे आगुवे आज भी पाएं जाते हैं?*
👉 जी हां जैसें तब थे अब भी है!
👉 *कई ऐसे लिडर,पास्टर,है जो खुद सत्य को नहीं जानते पर दावा करते हम जानते है!*
👉 *उनको जाने दो; वे अंधे मार्ग दिखानेवाले हैं और अंधा यदि अंधे को मार्ग दिखाए, तो दोनों गड्ढे में गिर पड़ेंगे।”*
(मत्ती 15:14)
✍️ यह यीशु ने कहा है यदि आंधा आंधे को मार्ग दिखागा तो?
*ध्यान से सूने*
✍️ *आज कलिसिया आंधी बन कर चल रही है*
👉 *अभिषेक के नाम पर*
👉तेल,
👉पानी
👉घड़ी,
👉ब्रेसलेट
👉नमक ,
👉रुमाल, बेचा जा रहा है!
👉 *ये अंधापन है*
*ध्यान से सूने*:-
👉 तुम ने सेंत-मेंत पाया है, सेंत-मेंत दो।(मत्ती 10:8)
✍️ *यीशु ने कहा मुफ्त लिया है मुफ्त बाटो!*
👉 *कई कहते हैं किसी के विरोध में बात मत करो* (आलोचना)
👉 *इसे आलोचना नहीं वचन की जानकारी देना कहते हैं!*
👉पढ़े:- तीतुस 1:1-14 :-
👉 *मैं इसलिए तुझे क्रेते में छोड़ आया था, कि तू शेष रही हुई बातों को सुधारें,* और मेरी आज्ञा के अनुसार नगर-नगर प्राचीनों को नियुक्त करे।
(तीतुस 1.5)
👉 *कि तू शेष रही हुई बातों को सुधारें,*
👉 *सुधारे*
👉 *कौन सुधारे?*
👉 *खरी शिखया दे!*
👉 *यीशु ने उनको उत्तर दिया, “सावधान रहो! कोई तुम्हें न बहकाने पाए।*
(मत्ती 24:4)
✍️ *सावधान रहो*:-
👉 *“क्योंकि झूठे मसीह और झूठे भविष्यद्वक्ता उठ खड़े होंगे,* और बड़े चिन्ह और अद्भुत काम दिखाएँगे, कि यदि हो सके तो चुने हुओं को भी बहका दें।
(मत्ती 24:24)
✍️ *चूने हुओं तक को भी फंसा देंगे*
👉फिर उसने अपने चेलों से कहा हो नहीं सकता कि ठोकरें ना लगे, *परंतु हाय उस मनुष्य पर जिसके कारण वह आती हैं!*
(लूका 17:1)
✍️ *वह मनुष्य कौन है?*
👉 *कोई भी हो सकता है!*
*ध्यान से सूने*
✍️ *हम उन्हें कैसे पहचान सकते हैं?*
👉अब हे भाइयों, मैं तुम से विनती करता हूँ, कि जो लोग उस शिक्षा के विपरीत जो तुम ने पाई है, फूट डालने, और ठोकर खिलाने का कारण होते हैं, उनसे सावधान रहो; *और उनसे दूर रहो।*
(रोमियों 16:17)
✍️ *उन्हे ताड़ लो ,उनसे दूर रहो!*
👉 *वचन से जांचना है ,ताड़ना है!*
👉 *असली नकली की पहचान करनी है!*
👉 *अगर असली देखा है तो नकली को पहचान लेंगे!*
*ध्यान से सूने*
✍️ *हम टाईम पास बहुत करते हैं;- गिटार,तबला,इत्ती आदी कामों में!*
👉 *वचन पर कम ध्यान देते है, इसलिए गलत शिक्षाया को पहचान नहीं पाते!*
👉 *गलत बीज, बीज जाते हैं और हम फंस जाते हैं!*
👉परमेश्वर और मसीह यीशु को गवाह करके, जो जीवितों और मरे हुओं का न्याय करेगा, उसे और उसके प्रगट होने, और राज्य को सुधि दिलाकर मैं तुझे आदेश देता हूँ। *कि तू वचन का प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डाँट, और समझा। क्योंकि ऐसा समय आएगा,* कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिये बहुत सारे उपदेशक बटोर लेंगे। और अपने कान सत्य से फेरकर कथा-कहानियों पर लगाएँगे।
(2 तीमुथियुस 4:1-4)
✍️ *वचन की स्टडी करे!*
👉और उसने कुछ को प्रेरित नियुक्त करके, और कुछ को भविष्यद्वक्ता नियुक्त करके, और कुछ को सुसमाचार सुनानेवाले नियुक्त करके, और कुछ को रखवाले और उपदेशक नियुक्त करके दे दिया।
जिससे पवित्र लोग सिद्ध हो जाएँ और सेवा का काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए। जब तक कि हम सब के सब विश्वास, और परमेश्वर के पुत्र की पहचान में एक न हो जाएँ, और एक सिद्ध मनुष्य न बन जाएँ और मसीह के पूरे डील-डौल तक न बढ़ जाएँ। *ताकि हम आगे को बालक न रहें, जो मनुष्यों की ठग-विद्या और चतुराई से उनके भ्रम की युक्तियों की, और उपदेश की, हर एक वायु से उछाले, और इधर-उधर घुमाए जाते हों।*
(इफिसियों 4:11-14)
👉 और दुष्ट, और बहकानेवाले धोखा देते हुए, और धोखा खाते हुए, बिगड़ते चले जाएँगे।
(2 तीमुथियुस 3:13)
✍️ *अगर धोखा नहीं खाना तो क्या करना पड़ेगा?*
👉 *वचन की स्टेडी करें!*
👉 *परन्तु यदि हम या स्वर्ग से कोई दूत भी उस सुसमाचार को छोड़ जो हमने तुम को सुनाया है,* कोई और सुसमाचार तुम्हें सुनाए, तो श्रापित हो।
(गलातियों 1:8)
✍️ *ऐसों से बचना है!*
👉 *जो छोटी लोमड़ियाँ दाख की बारियों को बिगाड़ती हैं, उन्हें पकड़ ले,* क्योंकि हमारी दाख की बारियों में फूल लगे हैं।”
(श्रेष्ठगीत 2:15)
✍️ *उने पकड़ने!*
👉 *“झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो,* जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु अन्तर में फाड़नेवाले भेड़िए हैं।
(मत्ती 7:15)
✍️ *उन से दूर रहे!*
*ध्यान से सूने*:-
✍️ *कुछ लोबडीया चर्च में घुस गई है!*
👉 *उन्हें पकड़ना बहुत जरूरी है!*
👉 *पौलुस के सामने सच्चे सेवक ही कलिसिया की चिंता करते हैं!*
👉और अन्य बातों को छोड़कर जिनका वर्णन मैं नहीं करता *सब कलीसियाओं की चिन्ता प्रतिदिन मुझे दबाती है।*
(2 कुरिन्थियों 11:28)
✍️ *सच्चे सेवको के समान चिंता!*
👉 *मजदूर जो न चरवाहा है, और न भेड़ों का मालिक है, भेड़िए को आते हुए देख, भेड़ों को छोड़कर भाग जाता है,* और भेड़िया उन्हें पकड़ता और तितर-बितर कर देता है। वह इसलिए भाग जाता है कि वह मजदूर है, और उसको भेड़ों की चिन्ता नहीं।
(यूहन्ना 10:12-13)
✍️ *भेडिया गलत शिक्षा वाले लोग हैं!*
*ध्यान से सूने*
✍️ *पास्टर को मजदूर बनकर सेवा नहीं करनी है!*
👉 *चरवाहा बनकर सेवा करनी है!*
*"कलिसिया को"*
👉 *होशियार होना चाहिए!*
👉 *जागरुक होना चाहिए!*
👉 *संतरक,और जानकार होना चाहिए!*
*God bless you*
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