आज का विषय
एक बार जरुर
*शैतान नहीं चाहता कि हम बोले*
👉 *यीशु के और चेलों के समय में*
👉 *एक ऐसा Group था, जो सही आत्मा (spirit) में नहीं था!*
👉 *मतलब:- उन के अन्दर सही आत्मा नहीं थी!*
👉यीशु को तब रोकें थे, गलत आत्मा (spirit)में!
👉आज भी रोक रहे हैं, गलत आत्मा (spirit) में!
👉 *तब उनका नाम था फरिसियो*
*ध्यान से सूने*:-
✍️अब बहुत सारे Group है जो सही आत्मा (spirit) में ना होने के कारण!
👉जैसे फरिसियो ने यीशु को रोका या विरोध किया!
👉 *अब भी बहुत सारे लोग, सही (आत्मा) spirit में ना होने के कारण परमेश्वर के काम को रोकने की कोशिश करते हैं!*
👉 *तब पतरस और यूहन्ना को बुलाया और चेतावनी देकर यह कहा, “यीशु के नाम से कुछ भी न बोलना और न सिखाना।”*
(प्रेरितों के काम 4:18)
✍️ *यीशु चहता है हम बोले*
👉 *और प्रभु ने रात को दर्शन के द्वारा पौलुस से कहा, “मत डर, वरन् कहे जा और चुप मत रह;* क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ, और कोई तुझ पर चढ़ाई करके तेरी हानि न करेगा; क्योंकि इस नगर में मेरे बहुत से लोग हैं।”
👉इसलिए वह उनमें परमेश्वर का वचन सिखाते हुए डेढ़ वर्ष तक रहा।
(प्रेरितों के काम 18:9-11)
👉 *उसी रात प्रभु ने उसके पास आ खड़े होकर कहा, “हे पौलुस, धैर्य रख; क्योंकि जैसी तूने यरूशलेम में मेरी गवाही दी, वैसी ही तुझे रोम में भी गवाही देनी होगी।”*
(प्रेरितों के काम 23:11)
*God bless you*
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