आज का विषय
एक बार जरुर पढ़े
*आज दो तरह के लोग कलिसिया (चर्च) बदल रहे हैं*
1) *एक है वो जिनको चर्च में मजा नहीं आ रहा है*!
2) *दूसरे जिनको चर्च में सही वचन नहीं मिल रहा है*!
⭐ *पहले वो है*:-
👉उनके हिसाब से चर्च में चीजें होती नहीं दिख रही है, इसलिए चर्च बदलते हैं!
⭐ *दूसरे वो है*:-
👉वचन की सेवकाई ठीक से नहीं हो रही इसलिए चर्च बदलते है!
*ध्यान से सूने*:-
✍️ *आपका चर्च किस चीज पर टिका है?*
👉 *स्तुति आराधना*:- आराधना गलत नहीं पर घंटों नाचते रहते हैं!
👉जहां सब से जदा ईनी पर focus होता है!
👉 *चमत्कार*:- तेल ,पानी ,हाथ रखना, वीज़ा अमेरिका चले जाओगे आदी....
👉 *अच्छी बातें*:- आप जैसे भी हो प्रभु आपसे प्यार करता है,
आप दारु पीओ माफी मांगो चर्च आ जाओ!
👉 *Manoranjan*:- game, बाहर बंदगीया पर जाना , बाहर जाना (घूमना फिरना), ग़लत नहीं, पर सिर्फ ये ही focus हो गया!
✍️ *या फिर ऐसे लोग जो सिर्फ वचन पर आधारित चर्च चलाते है*
👉 *उनका focus*
👉 *वचन से स्टडी करना*
👉 *संसार से कैसे बचना है*
👉 *अपना क्रुस उठाना*
👉 *सेवा करना है*
*ध्यान से सूने*:-
✍️ *आज पूरी दुनिया में दो तरह की कलिसीया है*
1) *Manoranjan चर्च*:-
2) *वचन पर आधारित चर्च*:-
👉 *आप कौन से चर्च में है?*
✍️ *पौलुश और तीमुथियुस की कलिसिया कैसी थी?*
👉 *कौन सा model था?*
👉 *कि तू वचन का प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डाँट,* और समझा। क्योंकि ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिये बहुत सारे उपदेशक बटोर लेंगे। और अपने कान सत्य से फेरकर कथा-कहानियों पर लगाएँगे।
(2 तीमुथियुस 4:2-4)
✍️ *लोग चर्च बदलेंगे, हमे निराश नहीं होना!*
👉 *हमें भीड़ नहीं चाहिए भेड़ चाहिए!*
*ध्यान दें*:-
👉 *नये जन्मे हुए बच्चों के समान निर्मल आत्मिक दूध की लालसा करो,* ताकि उसके द्वारा उद्धार पाने के लिये बढ़ते जाओ,
(1 पतरस 2:2)
✍️ नये जन्मे बच्चों का क्या करना है?
👉वचन देना है?
👉तेल, पानी , Manoranjan नहीं!
👉 *और वे प्रेरितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने में और रोटी तोड़ने में और प्रार्थना करने में लौलीन रहे।*
(प्रेरितों के काम 2:42)
✍️ उनका focus Manoranjan नहीं था!
👉 *ऐसे चर्च को ढुंढे*:-
👉 *ऐसो को सूने*:-
👉 *जो वचन की शिक्षा पाता है,* वह सब अच्छी वस्तुओं में सिखानेवाले को भागी करे।
(गलातियों 6:6)
👉 *जो प्राचीन अच्छा प्रबन्ध करते हैं, विशेष करके वे जो वचन सुनाने और सिखाने में परिश्रम करते हैं,* दो गुने आदर के योग्य समझे जाएँ।
(1 तीमुथियुस 5:17)
✍️ ऐसे चर्च को ढुढ्ढना है!
👉ऐसे को सूनना है!
✍️ *एक सच्ची कलिसिया कौन सी है?*
👉 *जो मसीह के आदेश को लेकर चलती है!*
*God bless you*
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