आज का विषय
ANOINTING (अभिषेक ) :
आज बात करेंगे कुछ ऐसी बातो पर जिन्हें वचन support नहीं करता !
ऐसी कई चीज , जो गलत है , पर आदत पड़ गई है!
1) जिसे वचन support नहीं करता!
2) गलती आपकी नहीं पर आदत पड़ चुकी है!
3) उसे बदलो!
4) क्योंकी हम किसी गलत चीज को लेकर , नहीं चल सकते!
ANOINTING (अभिषेक )
अभिषेक वाले वचनो को लेकर बहुत गड़बड़ है!
आप सभी जानते है , पूराने नियम जितने प्रभु के दास होते थे और जितने याजक होते थे
अगर परमेश्वर का काम करना है!
1) चाहे राजा साऊल हो!
2) राजा दाऊद हो!
3) और उनके बाद जितने भी लोग है .....
4) उनका अभिषेक होता था , तेल से!
5) अभिषेक होता था , सेवको के हाथ रखने से!
6) अभिषेक होता था , परमेश्वर की ओर से!
तो ये शब्द अभिषेक ( ANOINTING ) को लेकर या अभिषेक वाले वचनो को लेकर बहुत गड़बड़ी की है!
सूने:-
कैसे गड़बड़ी की है
1) कहते प्रभु का अभिषेकित दास!
Anointed Man of God
2) अभिषेक से भरा हुआ दास!
अभिषेकित तो सभी है!
1) आप pastor नहीं भी है :- अभिषेकित है!
2) आप worshipper नहीं भी है:- अभिषेकित है!
3) आप Pricher नहीं है तो भी है :- अभिषेकित है!
4) कोई विशेष व्यक्ति नहीं :- सब अभिषेकित है!
कैसे:-
1) जब यीशु का बपतिस्मा हुआ!
2) तब आपका भी हुआ!
3) जब यीशु का अभिषेक हुआ
4) तब आपका भी हुआ! - - - (2)
जो कुछ आदन के बगीचे में पहले आदम की वजह जो संसारक था (भौतिक था)!
1) वो ही आने वाली पीढ़ी के साथ हुआ!
2) वैसे ही दूसरा आदम यीशु , जो आत्मिक था!
3) उसकी वजह से , सब का अभिषेक हुआ!
4) इसलिए अब कोई विशेष व्यक्ति अभिषेकित नहीं है!
5) हम सब अभिषेकित है!
6) परमेश्वर ने एक एक व्यक्ति का अभिषेक किया है!
कई बार हम कहते है , आदत जो पड़ गई है!
1) परमेश्वर का अभिषेकित दास आ रहा है!
2) इस की जरूरत नहीं है!
3) बल्कि ये कहना है परमेश्वर का चूना हुआ दास आ रहा है!
4) या फिर ये कहना है परमेश्वर का भेजा हुआ दास आ रहा है!
5) अभिषेकित तो सभी है छोटा हो या बड़ा!
आपको अपने दिमाग से एक बात को निकालना है!
1) वो अभिषेकित है , मैं अभिषेकित नहीं हूं!
2) वो जादा अभिषेकित है , मैं कम अभिषेकित हूं!
3) या पुरुष अभिषेकित होते हैं, महिलाएं अभिषेकित नहीं होती!
4) हमे ऐसी मुर्खतापूर्ण बातों से निकालना है!
एक और नाटक मसीही समाज में चल रहा है!
1) वो अभिषेकित है , इसलिए परमेश्वर उसकी जादा सूनता है!
2) या वो अभिषेकित है , इसलिए उसकी प्रार्थना सूनी जाएगी!
3) ऊपर बैठा परमेश्वर कहता है , तुम सब मेरे बेटे-बेटी हो
4) और तुम सब को को मैंने , पवित्र आत्मा दिया है!
5) और किसी को पाव किलो , किसी को एक किलो ऐसा नहीं दिया है , सब को बराबर दिया है!
6) तो ये कभी नहीं सोचना , उसे जादा अभिषेक है!
7) मुझे कम अभिषेक दिया है!
कहते हैं!
1) गीत!
2) प्रचार!
3) संगीत!
में अभिषेक था!
1) कहते हैं अरे क्या गीत गा रहा था!
2) गजब की बात!
3) कुछ कहते जब तक मैं गीत नहीं गाऊगा , अभिषेक आता ही नहीं है!
4) और खास करके ऐसे वाला गाना,!
5) जब तक नहीं गाता , अभिषेक आता ही नही!
6) कुछ कहते ये गीत सूनो , इस में बहुत अभिषेक है , इस से दिन अच्छा जाएगा!
कुछ कहते है ,
1) अरे क्या बजा रहा था!
2) जैसे दाऊद बजाता था!
3) वैसे ही अरे क्या keyboard बजा रहा था!
4) अरे क्या बासूरी बजा रहा था!
5) अरे क्या गिटार बजा रहा था!
6) क्या रिदम था , परमेश्वर का अभिषेक बह रहा था!
ये क्या लगा रखा है , हमें इसे ठीक करना है!
1) गीत ,गीत होता है!
2) प्रचार , प्रचार होता है!
3) संगीत ,संगीत होता है!
4) इसमें अभिषेक का कोई connection नहीं है!
5) आप दाऊद की बात करते है , उसको लेकर doctrine नहीं बना नहीं सकते!
1) अगर कोई Anointing (अभिषेक) के नाम पर , कोई statement देता है!
2) हमे ऐसे किसी प्रकार के statement को , लेकर नहीं चलना , क्यों ?
3) इसको वचन support नही करता!
4) और जिसको वचन support नहीं करता , वो चीजें हम क्यों लेकर चले!
फिर प्रश्न उठता है महिमा किस को मिल रही है!
( यशायाह 42:8)
मैं यहोवा हूँ, मेरा नाम यही है; अपनी महिमा मैं दूसरे को न दूँगा!
1) परमेश्वर को या अभिषेक को!
2) अभिषेक सिर्फ एक शब्द है!
3) जब आप कहते अभिषेकित दास!
4) तो फिर प्रभु कहा गया!
5) जब आप कहते अभिषेककित गीत!
6) तो फिर प्रभु कहा गया!
7) अभिषेक सिर्फ एक शब्द है
महिमा किस को जा रही सोचे ?
1) परमेश्वर इन सब से कही बढ़कर है!
2) प्रभु अपनी महिमा किसी को नहीं देता!
3) ये चीजें आपको और मुझे सीखनी है!
ये कहां से आया !
(1 शमूएल 24:6)
👉वह अपने जनों से कहने लगा, *“यहोवा न करे कि मैं अपने प्रभु से जो यहोवा का अभिषिक्त है ऐसा काम करूँ, कि उस पर हाथ उठाऊँ, क्योंकि वह यहोवा का अभिषिक्त है।”*
1) ये कौन सा statement पूराने नियम का!
2) कौन सी बातें हैं पूराने नियम की!
3) तब पवित्र आत्मा कहा होता था बाहर होता था!
4) अभिषेक कहा होता था बाहर होता था!
5) ये राजा साऊल ,राजा दाऊद और जितने भी ...
6) ये परमेश्वर की कलिसिया नहीं थे!
7) ये यीशु के नई वाचे के लोग नहीं थे!
8) इन पर नये नियम की बाते नही थी!
इसलिए इस concept को उठाकर doctrine नहीं बना सकते!
1) अब अभिषेकित तो , हम सभी है!
2) इसलिए एक विशेष व्यक्ति को ऊंचा उठाकर , उसकी महिमा करना गलत हो जाएगा!
आदर सब का करो!
1) पर किसी को भी परमेश्वर के नाम का दर्जा , या परमेश्वर के बराबर , किसी को नहीं ला सकते!
2) ये गलत हो जाएगा!
3) कई जगहों पर कुछ ऐसे system है , कोई सेवक जाए!
4) पैरो के नीचे और सिर के ऊपर फूल डालते हैं!
5) पैसों का माला, फूल का माला , अलग से डालते हैं!
6) ढोल नगाड़े नाचते-गाते लेकर चलते है!
7) और ऊपर से पटाखे फोड़ते हैं!
8) पूछे कहा से सीखा तो कहते हैं ,यहां चलता है!
9) लेकिन प्रश्न एक भी नहीं उठाता!
वचन क्या कहता है! - -(2)
1) मैं फिर कहता हूं , Respect सब का होना चाहिए!
2) पर ऐसी respect , जिस से परमेश्वर का नाम नीचे चला जाए!
3) परमेश्वर नीचे चला जाए!
4) Concept को लेकर चलना मूर्खता है!
एक और वचन को देखे!
( यशायाह 10:27 )
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