आज का विषय
एक बार जरुर पढ़े
*दसमांश लेने वाले और देने वाले दो चीजों पर ज्यादा जोर देते!*
*दोगे तो आशीष नहीं दोगे तो श्राप है*
✍️आज का विषय बहुत गम्भीर और ध्यान से समझने और सिखाने वाला भी है !
"इस वचन देखे"
👉अपने आपको परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करनेवाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्जित होने न पाए, *और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो*।
(2 तीमुथियुस 2:15)
👉 सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धार्मिकता की शिक्षा के लिये लाभदायक है,
(2 तीमुथियुस 3:16)
*सूने*:-
✍️कुछ pastor ,कुछ मिशन कुछ बातों पर ज्यादा जोर देते हैं!
👉 pastor या मिशन ऊपर नहीं है!
👉बाईबल ऊपर है!
*सूने*:-
👉 उसने उससे कहा, “व्यवस्था में क्या लिखा है? *तू कैसे पढ़ता है?”*
(लूका 10:26)
✍️तु कैसे पड़ता है!
*सूने*:-
👉 और उससे कहा, “मैं यह सब अधिकार, और इनका वैभव तुझे दूँगा, क्योंकि वह मुझे सौंपा गया है, और जिसे चाहता हूँ, उसे दे सकता हूँ। इसलिए, यदि तू मुझे प्रणाम करे, तो यह सब तेरा हो जाएगा।”
👉यीशु ने उसे उत्तर दिया, “लिखा है: ‘तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर; और केवल उसी की उपासना कर।’”
👉तब उसने उसे यरूशलेम में ले जाकर मन्दिर के कंगूरे पर खड़ा किया, और उससे कहा, “यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो अपने आपको यहाँ से नीचे गिरा दे। क्योंकि लिखा है, ‘वह तेरे विषय में अपने स्वर्गदूतों को आज्ञा देगा, कि वे तेरी रक्षा करें’
(लूका 4:6-10)
👉 और ‘वे तुझे हाथों हाथ उठा लेंगे ऐसा न हो कि तेरे पाँव में पत्थर से ठेस लगे।""
यीशु ने उसको उत्तर दिया, “यह भी कहा गया है: ‘तू प्रभु अपने परमेश्वर की परीक्षा न करना।’”
(लूका 4:11-12)
✍️ *आज भी कुछ कहते हैं लिखा है!*
⭐उदाहरण:-
✍️पौलुश और तीमुथियुस :-
👉भविष्य में केवल जल ही का पीनेवाला न रह, पर *अपने पेट के और अपने बार बार बीमार होने के कारण थोड़ा-थोड़ा दाखरस भी काम मे लाया कर।*
(1तीमुथियुस 5:23)
✍️ कुछ कहते शराब पीनी चाहिए!
*सूने*:-
✍️बाईबल को ध्यान से पढ़ना चाहिए!
👉हमें बाईबल की जानकारी उत्पत्ति से प्रकाशितवाक्य तक होनी चाहिए!
👉कुछ कहते लिखा है!
👉ठीक है पर ये भी देखना है कियू लिखा है !
✍️ यीशु ने कहा है ...
👉 इसलिए जो कोई इन छोटी से छोटी आज्ञाओं में से किसी एक को तोड़े, और वैसा ही लोगों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में सबसे छोटा कहलाएगा; परन्तु जो कोई उनका पालन करेगा और उन्हें सिखाएगा, वही स्वर्ग के राज्य में महान कहलाएगा।
(मत्ती 5:19)
👉 मैं हर एक को, जो इस पुस्तक की भविष्यद्वाणी की बातें सुनता है, गवाही देता हूँ: यदि कोई मनुष्य इन बातों में कुछ बढ़ाए तो परमेश्वर उन विपत्तियों को जो इस पुस्तक में लिखी हैं, उस पर बढ़ाएगा। और यदि कोई इस भविष्यद्वाणी की पुस्तक की बातों में से कुछ निकाल डाले, तो परमेश्वर उस जीवन के पेड़ और पवित्र नगर में से, जिसका वर्णन इस पुस्तक में है, उसका भाग निकाल देगा।
(प्रकाशितवाक्य 22:18-19)
✍️ *इसलिए हम प्रचारकों को सावधान रहना होगा!*
👉सही सिखाया तो बच गए गलत सिखाया तो फंस गए!
👉हे मेरे भाइयों, तुम में से बहुत उपदेशक न बनें, क्योंकि तुम जानते हो, कि हम उपदेशकों का और भी सख्ती से न्याय किया जाएगा।
(याकूब 3:1-2)
✍️ प्रचारक सब से ज्यादा दोषी ठहरेंगे!
👉कियोकि हम कोई बातों को ठीक से सिखाते नही!
*सूने*:-
✍️ *हमें (विश्वासी को ) वचन को जांचना और परखना है!*
👉भविष्यद्वक्ताओं में से दो या तीन बोलें, *और शेष लोग उनके वचन को परखें*।
(1 कुरिन्थियों 14:29)
✍️ बहुत सारे लोग गड़बड़ी करते हैं मेरा favourite Pastor है!
👉ये गलती नहीं कर सकता!
....................................
✍️ *अब यहां बात करेंगे "दसवंश" की*....
*" दसवंश " लेने वाले और देने वाले ज्यादा जोर देते हैं दोगे तो आशीष नहीं दोगे तो श्राप!*
👉 सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा करके मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोलकर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूँ कि नहीं।
(मलाकी 3:10)
✍️ *ये वचन किस के लिए बोला गया है!*
👉मलाकी के द्वारा *इस्राएल के लिए कहा* हुआ यहोवा का भारी वचन।
(मलाकी 1:1)
✍️ *इस्राएल के लिए कहा गया!*
*सूने*:-
✍️ *मिदयानी लोग आ कर नाश कर जाते थे!*
👉मैं तुम्हारे लिये नाश करनेवाले को ऐसा घुड़कूँगा कि वह तुम्हारी भूमि की उपज नाश न करेगा, और तुम्हारी दाखलताओं के फल कच्चे न गिरेंगे, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
(मलाकी 3:11)
✍️ इस्राएल को बोला गया है!
*सूना*:-
⭐ *उदाहरण*:-
✍️यहुदा तु कर जो करना चाहता है!
👉यहुदा को ही बोला गया!
⭐ *उदाहरण*:-
✍️तु जाल डाल !
👉पतरस को ही बोला गया!
⭐ *उदाहरण*:-
✍️जक्कई पेड़ से निचे आ!
👉जक्कई को ही बोला गया!
बाकी आप समझदार है...
*वचन लेते वक्त में इस बात का ध्यान रखें*
👉 अपने आपको परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करनेवाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्जित होने न पाए, *और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो।*
((2 तीमुथियुस 2:15)
✍️ *हमें सही तरह से वचन का इस्तेमाल करना आना चाहिए!*
*सूने*:-
*दसवांश*:-
✍️ *ये मलाकी वचन हमारे लिए है ही नहीं!*
⭐ *उदाहरण*:-
✍️ हम परमेश्वर को लाल समुद्र पर खड़े हो कर अभी नहीं बोल सकते दो टुकड़े करीऐ!
⭐ *उदाहरण*:-
✍️अभी मंन्ना नहीं मिलेगा ,वो एक हमें के लिए था !
⭐ *उदाहरण*:-
✍️चट्टान से पानी नहीं निकलेगा लाठी मारेंगे तो!
⭐ *उदाहरण*:-
✍️ एलिय्याह और कौवे!
👉अभी वापस ये नहीं होगा ,हम ये नहीं बोल सकते!
*सूने*:-
👉 और हमें उसके सामने जो साहस होता है, वह यह है; कि यदि हम उसकी इच्छा के अनुसार कुछ माँगते हैं, तो हमारी सुनता है। (1 यूहन्ना 5:14)
✍️ हम कहते हैं सब ले लो!
हम कहते हैं दसवांश के बारे में लिखा
*सूने*:-
✍️ *दस आज्ञा में दसमांश है नही!*
👉 *तो इतना जोर क्यों!*
"ध्यान दें"
✍️ *मलाकी में दसमांश पैसा है ही नही!*
👉 तुम मेरी वेदी पर अशुद्ध भोजन चढ़ाते हो। तो भी तुम पूछते हो, ‘हम किस बात में तुझे अशुद्ध ठहराते हैं?’ इस बात में भी, कि तुम कहते हो, ‘यहोवा की मेज तुच्छ है।’ जब तुम अंधे पशु को बलि करने के लिये समीप ले आते हो तो क्या यह बुरा नहीं? और जब तुम लँगड़े या रोगी पशु को ले आते हो, तो क्या यह बुरा नहीं? अपने हाकिम के पास ऐसी भेंट ले आओ; क्या वह तुम से प्रसन्न होगा या तुम पर अनुग्रह करेगा? सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
(मलाकी 1:7-8)
✍️ *वो पैसा नहीं चढ़ाते थे!*
👉सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा करके मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोलकर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूँ कि नहीं।
(मलाकी 3:10)
✍️ *यहां खाने की बात हो रही है!*
*सूने*:-
✍️ *दसवांश लेते हैं तो फिर खतना भी कराएं!*
👉 *पर्व भी मनाओ बली भी चढाओ आदी आदी*....
बातें भी मानिऐ!*
👉तो क्या हुआ? क्या हम इसलिए पाप करें कि हम व्यवस्था के अधीन नहीं वरन् अनुग्रह के अधीन हैं? कदापि नहीं!
(रोमियों 6:15)
✍️ हमें व्यवस्था का एक भी काम पूरा नहीं करना है!
👉दसमांश व्यवस्था में आता है!
👉 तो हे मेरे भाइयों, तुम भी मसीह की देह के द्वारा व्यवस्था के लिये मरे हुए बन गए, कि उस दूसरे के हो जाओ, जो मरे हुओं में से जी उठा: ताकि हम परमेश्वर के लिये फल लाएँ। क्योंकि जब हम शारीरिक थे, तो पापों की अभिलाषाएँ जो व्यवस्था के द्वारा थीं, मृत्यु का फल उत्पन्न करने के लिये हमारे अंगों में काम करती थीं। परन्तु जिसके बन्धन में हम थे उसके लिये मरकर, *अब व्यवस्था से ऐसे छूट गए, कि लेख की पुरानी रीति पर नहीं, वरन् आत्मा की नई रीति पर सेवा करते हैं।*
(रोमियों 7:4-6)
👉 *मैं तो व्यवस्था के द्वारा व्यवस्था के लिये मर गया, कि परमेश्वर के लिये जीऊँ।*
(गलातियों 2:19)
👉 *अतः जितने लोग व्यवस्था के कामों पर भरोसा रखते हैं, वे सब श्राप के अधीन हैं,* क्योंकि लिखा है, “जो कोई व्यवस्था की पुस्तक में लिखी हुई सब बातों के करने में स्थिर नहीं रहता, वह श्रापित है।”
(गलातियों 3:10)
✍️ *जब आप व्यवस्था का एक भी काम पूरा करते हो,आप श्राप के अधीन आ जाते हो!*
✍️ *आपने सूना दसमांश पैसा नहीं होता था!*
(गिनती 18:21),(18:25-28)
👉 (मलाकी 3:10) :-
👉 *फिर भी पशु लेकर आना चाहिए!*
*सूने*:-
✍️ *आज कलिसिया को (भेड़ों) लुटा जाए रहा है!*
👉 *आज फिर पैसे की बात होती है!*
✍️ *क्या आप इन्हे जानते हैं*:-
👉 *गहेजी पैसो के लालच के वजह से कौढ हूआ!*
👉 *हन्ननीया सफीरा पैसों के लालच में जान चली गई!*
*सूने*:-
✍️ *हम अनुग्रह में है*:-
👉 तो क्या हुआ? क्या हम इसलिए पाप करें कि हम व्यवस्था के अधीन नहीं वरन् अनुग्रह के अधीन हैं? कदापि नहीं!
(रोमियों 6:15)
✍️(रोमियो 7:4-6):- पहला पति (व्यवस्था) मर गया !
👉 *हम यीशु की दुल्हन है!*
*सूने*:-
....................................
*क्या नये नियम में दसमांश के बारे में लिखा है ?*
✍️ नये नियम में दसमांश के बारे में तीन जगह लिखा है!
(मत्ती 23:23)
(लूका 18:12)-
(इब्रानियों 7:5-12)
👉 *आज के दसमांश से कोई connection नहीं है!*
*सूने*:-
*क्या वाकई ही दसमांश देने आशीष आती है?*
✍️ *90 प्रतीशत चर्च के लोग गरीब हैं!*
👉 *अमीर कौन हो रहे हैं ?*
👉अगर हर महीने दसमांश दे रहे हैं!
👉तो मलाकी 3:10,11का आशीष कहा है!
*सूने*:-
*तो कहीं तो गड़बड़ी है ?*
👉उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा, परन्तु, जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिये मैंने उसको भेजा है उसे वह सफल करेगा।
(यशायाह 55:11)
👉 आकाश और पृथ्वी टल जाएँगे, परन्तु मेरे शब्द कभी न टलेंगी।
(मत्ती 24:35)
*सूने*:-
👉 *मलाकी 3:10-11:-एक समय के लिए था!*
*सूने सूने सूने:-*
👉 *जैसे मंन्ना एक समय के लिए था!*
👉 *खतना एक समय के लिए था!*
👉 *सुलेमान का मंदिर एक समय के लिए था!*
👉 *अब परमेश्वर हाथों के बनाए मंदिर में नहीं रहता!*
👉 *सब बदल गया!*
*सूने*:-
✍️आज के प्रचारको के प्रचार!
आप हमारे मैंबर बन जाओ!
👉आपके सारे काम बन जायेंगे और जब पूरा नहीं होता लोग पीछे चले जाते हैं!
👉क्या हम मसीह बनते है अमीर बनने के लिए!
👉 *प्रचारक कहते:- यीशु निर्धन बना ताकतें हम धनी बन जाए!*
👉पवित्र आत्मा आप ही हमारी आत्मा के साथ गवाही देता है, कि हम परमेश्वर की सन्तान हैं। और यदि सन्तान हैं, *तो वारिस भी, वरन् परमेश्वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस हैं, जब हम उसके साथ दुःख उठाए तो उसके साथ महिमा भी पाएँ।*
(रोमियों 8:16-17)
✍️ *यहां नहीं वहां मिलेगा!*
*सूने*:-
✍️ *हम परदेशी है!*
👉क्योंकि हम जानते हैं, कि जब हमारा पृथ्वी पर का डेरा सरीखा घर गिराया जाएगा तो हमें परमेश्वर की ओर से स्वर्ग पर एक ऐसा भवन मिलेगा, जो हाथों से बना हुआ घर नहीं परन्तु चिरस्थाई है।
(2 कुरिन्थियों 5:1)
👉पर हे परमेश्वर के जन, तू इन बातों से भाग; और धार्मिकता, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धीरज, और नम्रता का पीछा कर।
(1 तीमुथियुस 6:11)
✍️ *परमेश्वर तह करेगा आपको क्या देना है!*
*ध्यान से सूने*:-
*अगर आपका परमेश्वर के साथ connection सही नहीं है?*
👉“जब तुम मेरा कहना नहीं मानते, तो क्यों मुझे ‘हे प्रभु, हे प्रभु,’ कहते हो? (मला. 1:6)
(लूका 6:46)
*सूने*:-
✍️ *पौलुश सेवा और पैसे को लेकर क्या कहता है!*
👉(1 कुरान्थियो 9:1-15)
⭐ *उदाहरण*:-
👉तंगी में आटा गिला!
मतलव:- वैसे ही प्रचार मुश्किल से हो रहा है!
👉इस पढ़े
(1 कुरान्थियो 9:16-21):-
✍️ *उसका एक ही उद्देश्य था ,सेवा!*
👉 (1 कुरान्थियो 9:22-25):-
✍️ *उसके एक ही निशाना था परमेश्वर का राज्य बड़े!*
👉(1 कुरान्थियो 9:26,27)
✍️ *अपनी इच्छाओं को मारता हूं!*
*सूने*:-
👉और ऐसे दुःखों में भी जो अन्ताकिया और इकुनियुम और लुस्त्रा में मुझ पर पड़े थे। मैंने ऐसे उत्पीड़नों को सहा, और प्रभु ने मुझे उन सबसे छुड़ाया।
पर जितने मसीह यीशु में भक्ति के साथ जीवन बिताना चाहते हैं वे सब सताए जाएँगे।
(2 तीमुथियुस 3:11-12)
👉 और उसका और उनका एक ही व्यापार था; इसलिए वह उनके साथ रहा, और वे काम करने लगे, और उनका व्यापार तम्बू बनाने का था।
(प्रेरितों के काम 18:3)
✍️ *मैं नौकरी भी और सेवा भी करता हूं!*
*सूने*:-
✍️ *अगर प्रभु ने आपको बुलाया है तो प्रभु ही आपको खिलाएगा भुखा नहीं रखेगा!*
👉तुम अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना करना, तब वह तेरे अन्न जल पर आशीष देगा, और तेरे बीच में से रोग दूर करेगा।
(निर्गमन 23:25)
👉 यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहाँ मैं हूँ वहाँ मेरा सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा।
(यूहन्ना 12:26)
👉“मेरा मन यहोवा के कारण मगन है; मेरा सींग यहोवा के कारण ऊँचा हुआ है।
(1 शमूएल 2:1)
✍️ *सब कुछ परमेश्वर देगा खाना,आदर,पर कब ?*
👉 *जब परमेश्वर ने आपको बुलाया है तो ?*
👉तुम तो तृप्त हो चुके; तुम धनी हो चुके, तुम ने हमारे बिना राज्य किया; परन्तु भला होता कि तुम राज्य करते कि हम भी तुम्हारे साथ राज्य करते। मेरी समझ में परमेश्वर ने हम प्रेरितों को सब के बाद उन लोगों के समान ठहराया है, जिनकी मृत्यु की आज्ञा हो चुकी हो; क्योंकि हम जगत और स्वर्गदूतों और मनुष्यों के लिये एक तमाशा ठहरे हैं। हम मसीह के लिये मूर्ख है; परन्तु तुम मसीह में बुद्धिमान हो; हम निर्बल हैं परन्तु तुम बलवान हो। तुम आदर पाते हो, परन्तु हम निरादर होते हैं। हम इस घड़ी तक भूखे प्यासे और नंगे हैं, और घूसे खाते हैं और मारे-मारे फिरते हैं;
(1 कुरिन्थियों 4:8-11)
✍️ *मसीह के लिए त्याग का जीवन कहा गया!*
👉ये असली सेवकाई है!
*ध्यान दें*
✍️ पर आज के प्रचारक क्या प्रचार कर रहे हैं,
👉 *कलिसिया को लग्जरी लाइफ की ओर ले जा रहे हैं!*
पढ़े:-(यहेजकल 22:25-28)
*अंत में*
*हमें दसमांश देना है या नहीं देना है ?*
*जबाव*:- मलाकी 3:10 का डर से नहीं देना है!
👉जो सुसमाचार का काम नहीं कर रहा वहां नहीं देना है!
*सूने*:-
✍️जो सेवा का काम कर रहा है!
👉 *10 (दसमांश) नहीं 20 वां नहीं 50 वां दीजिए!*
👉जो प्राचीन अच्छा प्रबन्ध करते हैं, विशेष करके वे जो वचन सुनाने और सिखाने में परिश्रम करते हैं, दो गुने आदर के योग्य समझे जाएँ।
(1 तीमुथियुस 5:17)
👉 जो वचन की शिक्षा पाता है, वह सब अच्छी वस्तुओं में सिखानेवाले को भागी करे।
(गलातियों 6:6)
✍️ *जो सेवा कर रहा है, गांव गांव जाकर!*
👉और जब तुम्हारे साथ था, और मुझे घटी हुई, तो मैंने किसी पर भार नहीं डाला, क्योंकि भाइयों ने, मकिदुनिया से आकर मेरी घटी को पूरी की: और मैंने हर बात में अपने आपको तुम पर भार बनने से रोका, और रोके रहूँगा।
(2 कुरिन्थियों 11:9)
👉क्योंकि मकिदुनिया और अखाया के लोगों को यह अच्छा लगा, कि यरूशलेम के पवित्र लोगों के कंगालों के लिये कुछ चन्दा करें।
(रोमियों 15:26)
✍️ *गरीब हैं पर फिर भी उन्होंने परमेश्वर के काम के लिए दीया!*
👉 *वहां की कलिसिया जानती थी कौन से pastor को देना है!*
👉और प्रेरित बड़ी सामर्थ्य से प्रभु यीशु के जी उठने की गवाही देते रहे और उन सब पर बड़ा अनुग्रह था। और उनमें कोई भी दरिद्र न था, क्योंकि जिनके पास भूमि या घर थे, वे उनको बेच-बेचकर, बिकी हुई वस्तुओं का दाम लाते, और उसे प्रेरितों के पाँवों पर रखते थे। और जैसी जिसे आवश्यकता होती थी, उसके अनुसार हर एक को बाँट दिया करते थे।
(प्रेरितों के काम 4:33-35)
*कैसे देना है*
👉परन्तु बात तो यह है, कि जो थोड़ा बोता है वह थोड़ा काटेगा भी; और जो बहुत बोता है, वह बहुत काटेगा।
👉 *हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे;* न कुढ़-कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है।
(2 कुरिन्थियों 9:6-7)
👉 परमेश्वर सब प्रकार का अनुग्रह तुम्हें बहुतायत से दे सकता है। जिससे हर बात में और हर समय, सब कुछ, जो तुम्हें आवश्यक हो, तुम्हारे पास रहे, और हर एक भले काम के लिये तुम्हारे पास बहुत कुछ हो।
(2 कुरिन्थियों 9:8)
*डर कर नहीं देना!*
*और डरा कर नहीं लेना है!*
*God bless you*
No comments:
Post a Comment