आज का विषय
एक बार जरुर पढ़े
*ऐसे किसी की ना सूने अगर वचन के bass में नहीं है*
👉और हारून ने उन्हें उनके हाथ से लिया, और एक बछड़ा ढालकर बनाया, और टाँकी से गढ़ा। तब वे कहने लगे, “हे इस्राएल तेरा ईश्वर जो तुझे मिस्र देश से छुड़ा लाया है वह यही है।”
(निर्गमन 32:4)
👉तब परमेश्वर ने ये सब वचन कहे, “मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ, जो तुझे दासत्व के घर अर्थात् मिस्र देश से निकाल लाया है। “तू मुझे छोड़ दूसरों को परमेश्वर करके न मानना। “तू अपने लिये कोई मूर्ति खोदकर न बनाना, न किसी कि प्रतिमा बनाना, जो आकाश में, या पृथ्वी पर, या पृथ्वी के जल में है। तू उनको दण्डवत् न करना, और न उनकी उपासना करना; क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा जलन रखनेवाला परमेश्वर हूँ, और जो मुझसे बैर रखते हैं, उनके बेटों, पोतों, और परपोतों को भी पितरों का दण्ड दिया करता हूँ,”
(निर्गमन 20:1-5)
✍️तो मिस्र देश से कौन छुड़ाकर लाया था!
👉 *गया का बछड़ा या परमेश्वर?*
👉 गाय का बछड़ा जो हारून ने बनाया था, वह कभी परमेश्वर नहीं हो सकता!
👉वह चाहे हारुन हो, मूसा का बड़ा भाई!
👉चाहे कितना ही बड़ा prophet हो!
👉आज की तारीख का भी, जैसे हारुन था!
*ध्यान से सूने*:-
✍️हम फंस कब जाते हैं?
👉ये तो बड़ा prophet है!
👉ये तो मूसा बड़ा भाई है!
👉ये गलत हो ही नहीं सकता!
👉हम उसकी बात को तब तक नहीं सूनेगे!
👉और हम उसको कचरा समझेंगे!
👉अगर वो परमेश्वर के वचन से मेल नहीं खाता!
👉वह चाहे कोई भी तुर्रम खान हो!
👉मैं आज के युग को मसीहो भी को कहना चाहता हूं!
👉ऐसे किसी की ना सूने अगर वचन के bass में नहीं है!
👉ये लोग तो थिस्सलुनीके के यहूदियों से भले थे और उन्होंने बड़ी लालसा से वचन ग्रहण किया, *और प्रतिदिन पवित्रशास्त्रों में ढूँढ़ते रहे कि ये बातें ऐसी ही हैं कि नहीं।*
(प्रेरितों के काम 17:11)
✍️हमें भी ऐसी आदत बनानी चाहिए!
👉अगर किसी के पीछे आंखें बंद कर के चल दिए,तो गई भैंस पानी में!
*God bless you*
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