Saturday, 6 November 2021

दो तरह के चर्च

 आज का विषय

एक बार जरुर पढ़ लें


*आज पूरी दुनिया में दो तरह के चर्च (कलिसीया) है*


एक है :- *मनोरंजन चर्च!*


दूसरा है;- *वचन पर आधारित चर्च!*


आप कौन से चर्च में है ?


✍️आज दो तरह के लोग कलिसिया (चर्च)बदल रहे हैं! 


 *एक है :- जिनको चर्च में मजा नहीं आ रहा है*!

 

 *दूसरे है :- जिनको चर्च में सही वचन नहीं मिल रहा है*!


*पहले वो है*:-

✍️ उनके हिसाब से चर्च में चीजें होती नहीं दिख रही है इसलिए चर्च बदलते हैं!


*दूसरे वो है*:-


✍️वचन की सेवकाई ठीक से नहीं हो रही इसलिए चर्च बदलते है!

*आपका चर्च किस चीज पर टिका है*


⭐ *स्तुति आराधना*:- 


👉आराधना गलत नहीं पर घंटों नाचते रहते हैं!


👉जहां सब से जदा ईनी पर focus होता है!


⭐ *चमत्कार*:- 


👉तेल ,पानी ,हाथ रखना, वीज़ा अमेरिका चले जाओगे आदी..


⭐ *अच्छी बातें*:- 


👉आप जैसे भी हो प्रभु आपसे प्यार करता !है

👉आप दारु पीओ माफी मांगो चर्च आ जाओ!


⭐ *मनोरंजन*:- 


👉Games,

👉 बंदगीया पर जाना! 

👉बाहर जाना (घूमना फिरना), 

👉ग़लत नहीं पर सिर्फ ये ही focus हो गया!


*सूने*:-


*दूसरा चर्च*


⭐ *या फिर ऐसे लोग जो सिर्फ वचन पर आधारित चर्च चलाते है*


👉उनका focus वचन से study करना!

👉संसार से कैसे बचना है!

👉अपना क्रुस उठाना!

👉सेवा करना है!


✍️ *पौलुश और तीमुथियुस की कलिसिया कैसी थी ?*

 

*कौन सा model था!*


👉 *कि तू वचन का प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह,* सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डाँट, और समझा। क्योंकि ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिये बहुत सारे उपदेशक बटोर लेंगे। और अपने कान सत्य से फेरकर कथा-कहानियों पर लगाएँगे।

(2 तीमुथियुस 4:2-4)


✍️लोग चर्च बदलेंगे:- 


👉हमे निराश नहीं होना,


👉*हमें भीड़ नहीं चाहिए भेड़ चाहिए!


👉 नये जन्मे हुए बच्चों के समान निर्मल आत्मिक दूध की लालसा करो, ताकि उसके द्वारा उद्धार पाने के लिये बढ़ते जाओ,

(1 पतरस 2:2)


✍️ *नये जन्मे बच्चों का क्या करना है ?* 

👉वचन देना है!

👉तेल! 

👉पानी!

👉मनोरंजन नहीं!


👉 और वे प्रेरितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने में और रोटी तोड़ने में और प्रार्थना करने में लौलीन रहे।

(प्रेरितों के काम 2:42)


✍️ उनका focus मनोरंजन नहीं था!


*ऐसे चर्च को ढुंढे*:-


*ऐसो को सूने*:-


👉 जो वचन की शिक्षा पाता है, वह सब अच्छी वस्तुओं में सिखानेवाले को भागी करे।

(गलातियों 6:6)


👉 जो प्राचीन अच्छा प्रबन्ध करते हैं, विशेष करके वे जो वचन सुनाने और सिखाने में परिश्रम करते हैं, दो गुने आदर के योग्य समझे जाएँ।

(1 तीमुथियुस 5:17)


✍️ ऐसे चर्च को ढुढ्ढना है! 


👉ऐसे को सूनना है!


✍️ एक सच्ची कलिसिया कौन सी है जो मसीह के आदेश को लेकर चलती है!


*God bless you*

No comments:

Post a Comment