Friday, 10 September 2021

पिन्तेकुस्त के दिन कौन सी भाषा उतरी थी ?

 आज का विषय

एक बार जरुर पढ़े

 

*पिन्तेकुस्त के दिन कौन सी भाषा उतरी थी ?* 


✍️ *यहां दो भाषा है!*


*पहली भाषा:-* 


👉बाईबल में जिसे Glossa कहते हैं!

👉 *Glossa  का मतलव:-*

👉Language (भाषाएं)


*दूसरी भाषा*


👉Gibberish:-

👉ये बाईबल की नहीं बाहर की!

✍️आज कल की भाषा Gibberish जिस का कोई मतलव नहीं!


*सूने*:-


✍️ Glossa (Language) 


👉ये दान सब को नहीं मिलता!


👉पतरस को मिला!


👉कुरन्थियो की कलिसिया को मिला!


👉क्या सब को चंगा करने का वरदान मिला है? *क्या सब नाना प्रकार की भाषा बोलते हैं?*

(1 कुरिन्थियों 12:30)


*सूने*:-


✍️ उस समें ज्ञान नहीं था!


👉 Mobile phone नहीं थे!


👉Goggle नही था!


👉School college नही थे!


👉भाषाओं का अनूवाद नहीं था!


*जरा सोचें:-*


✍️आज की भाषा में और जो बाईबल बात करती है उस भाषा में कितना फर्क है!


*सूने*:-


👉क्या सब को चंगा करने का वरदान मिला है? *क्या सब नाना प्रकार की भाषा बोलते हैं?*

(1 कुरिन्थियों 12:30)


✍️सब को नहीं! 


👉तो ये पवित्र आत्मा तत्य करेगा!

👉ये वरदान देना है या नही!


*सूने*:-


✍️आज ये वरदान देना है या नही!


*सूने*:-


✍️आज ज्ञान है!


👉mobile phone है!

👉Google है!

👉School, college है!

👉भाषाओं का अनूवाद है!


*सूने*:-


✍️ *चेलों को इस वरदान की बहुत जरूरत थी!*


👉 *क्यों ?*


👉इसलिए तुम जाकर *सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ*; और उन्हें पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो,

(मत्ती 28:19)


👉 *और यरूशलेम से लेकर सब जातियों में मन फिराव का और पापों की क्षमा का प्रचार, उसी के नाम से किया जाएगा।*

(लूका 24:47)


*ध्यान से सूने*:-


✍️ *चेलों ने हर जाति में सुसमाचार लेकर जाना था!*


👉 *पर प्रभु को मालूम था जातियों में जाना है तो  चेलों के लिए  समशिया है भाषा की* 


👉 *इस लिए परमेश्वर ने अन्य भाषा का वरदान दिया!*


*इन वचनों को ध्यान से पढ़ें*


👉 *परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ्य पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होंगे।”*

(प्रेरितों के काम 1:8)


👉 *और वे सब पवित्र आत्मा से भर गए, और जिस प्रकार आत्मा ने उन्हें बोलने की सामर्थ्य दी, वे अन्य-अन्य भाषा बोलने लगे।* और आकाश के नीचे की हर एक जाति में से भक्त-यहूदी यरूशलेम में रहते थे। जब वह शब्द सुनाई दिया, तो भीड़ लग गई और लोग घबरा गए, क्योंकि हर एक को यही सुनाई देता था, कि ये मेरी ही भाषा में बोल रहे हैं। और वे सब चकित और अचम्भित होकर कहने लगे, “देखो, ये जो बोल रहे हैं क्या सब गलीली नहीं? तो फिर क्यों हम में से; हर एक अपनी-अपनी जन्म-भूमि की भाषा सुनता है?

(प्रेरितों के काम 2:4-8)


👉हम जो पारथी, मेदी, एलाम लोग, मेसोपोटामिया, यहूदिया, कप्पदूकिया, पुन्तुस और आसिया, और फ्रूगिया और पंफूलिया और मिस्र और लीबिया देश जो कुरेने के आस-पास है, इन सब देशों के रहनेवाले और रोमी प्रवासी, अर्थात् क्या यहूदी, और क्या यहूदी मत धारण करनेवाले, क्रेती और अरबी भी हैं, परन्तु *अपनी-अपनी भाषा में उनसे परमेश्वर के बड़े-बड़े कामों की चर्चा सुनते हैं।” और वे सब चकित हुए,* और घबराकर एक दूसरे से कहने लगे, “यह क्या हो रहा है?”

(प्रेरितों के काम 2:9-12)

 

✍️ *वो चकित हूए और इसका परिणाम क्या हुआ तीन हजार का उद्धार हुआ!*


*उदाहरण*:-


✍️ *थोमा  भारत (साऊथ) आया उसे साऊथ की भाषा नहीं आती थी!,*


👉पर उसके पास अन्य भाषा का वरदान था!


👉वो साऊथ की भाषा सूना रहा था!


*God bless you*

No comments:

Post a Comment