आज का विषय
एक बार जरुर पढ़े
*क्या मसीही व्यभिचारियों से संगति करना सही है*
✍️ये एक गम्भीर विषय है:-
*अगर इस में फंसे गए ,आप अपना उद्धार खो सकते है!*
👉वो Pastor हो
👉वो Believers हो
👉वो Doctor हो
👉वो Evangelist हो
👉वो Reverent हो
👉वो Bishop हो
👉वो Apostille हो
👉वो Worshipper हो
👉वो प्रचारक हो देशी विदेशी!
✍️ *उनसे किसी तरह का रिश्ता रखना क्या सही है ?*
👉उनके घर जाना ,खाना खाना किस तरह का रिश्ता रखना सही है ?
*सूने*:-
✍️पौलुश क्या कहता है:-
👉मैंने अपनी पत्री में तुम्हें लिखा है, कि व्यभिचारियों की संगति न करना। यह नहीं, कि तुम बिलकुल इस जगत के व्यभिचारियों, या लोभियों, या अंधेर करनेवालों, या मूर्तिपूजकों की संगति न करो; क्योंकि इस दशा में तो तुम्हें जगत में से निकल जाना ही पड़ता। मेरा कहना यह है; कि यदि कोई भाई कहलाकर, व्यभिचारी, या लोभी, या मूर्तिपूजक, या गाली देनेवाला, यापियक्कड़, या अंधेर करनेवाला हो, तो उसकी संगति मत करना; वरन् ऐसे मनुष्य के साथ खाना भी न खाना। क्योंकि मुझे बाहरवालों का न्याय करने से क्या काम? क्या तुम भीतरवालों का न्याय नहीं करते? परन्तु बाहरवालों का न्याय परमेश्वर करता है: इसलिए उस कुकर्मी को अपने बीच में से निकाल दो!(1कुरि 5:9-13)
*मतलब:-*
👉कोई भाई कहलाकर (मसीह कहलाकर)
✍️पौलुश यहां सब को बोल रहा है!
👉 वो Pastor हो सकता है!
👉वो Believers हो सकता है!
👉वो Doctor हो सकता है!
👉वो Evangelist हो सकता है!
👉वो Reverent हो सकता है!
👉वो Bishop हो सकता है!
👉वो Apostille हो सकता है!
👉वो Worshipper हो सकता है!
✍️ *पौलुश कहता है उनसे दूर रहो* :-
👉परन्तु बाहरवालों का न्याय परमेश्वर करता है!
*इसलिए उस कुकर्मी को अपने बीच में से निकाल दो*।
(1कुरि 5:13)
👉अब हे भाइयों, मैं तुम से विनती करता हूँ, कि जो लोग उस शिक्षा के विपरीत जो तुम ने पाई है, फूट डालने, और ठोकर खिलाने का कारण होते हैं, उनसे सावधान रहो;* और उनसे दूर रहो।* (रोमियो 16:17)
*यीशु ने क्या कहा था*
👉“यदि तेरा भाई तेरे विरुद्ध अपराध करे, तो जा और अकेले में बातचीत करके उसे समझा; यदि वह तेरी सुने तो तूने अपने भाई को पा लिया। और यदि वह न सुने, तो और एक दो जन को अपने साथ ले जा, कि हर एक बात दो या तीन गवाहों के मुँह से ठहराई जाए। यदि वह उनकी भी न माने, तो कलीसिया से कह दे, परन्तु यदि वह कलीसिया की भी न माने, तो तू उसे अन्यजाति और चुंगी लेनेवाले के जैसा जान।
(मत्ती 18:15-17)
✍️ *कुछ कहते हैं अनुग्रह में सब चलता है!*
👉तो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें कि अनुग्रह बहुत हो? कदापि नहीं! हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उसमें कैसे जीवन बिताएँ?
(रोमियो 6:1,2)
*सूने*:-
✍️ *अनुग्रह*
👉 *लाईस्श नहीं देता पाप करने का*
👉 इसलिए उस कुकर्मी को अपने बीच में से निकाल दो।(1 कुरिन्थियों 5:13)
*ऐसो से दूर रहे*
👉*जो वरसिपर व्यभिचार में है:-दूर रहे
👉*जो पास्टर व्यभिचार में है :- दूर रहे
👉*जो मजिसन व्यभिचार में है :-दूर रहे
👉*जो प्रचारक व्यभिचार में है :-दूर रहे
👉व्यभिचार से बचे रहो जितने और पाप मनुष्य करता है, वे देह के बाहर हैं, परन्तु व्यभिचार करनेवाला अपनी ही देह के विरुद्ध पाप करता है*।(1कुरि6:18)
✍️इतना सख्त क्यों था:-
*सूने*:-
👉पौलुश ने भी कहा !
👉यीशु ने भी कहा !
👉अपनी ही देह के विरोध पाप करता है !
👉क्योंकि आपकी देह आपका नहीं परमेश्वर का मंदिर है!
👉क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह पवित्र आत्मा का मन्दिर है; जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो*!(1कुरि6:19)
*उदाहरण*:-
(2शमूएल 11:1-27)
✍️दाऊद परमेश्वर का मंदिर बनाना चाहता था!
👉पर परमेश्वर ने बनाने नहीं दिया*
👉क्योंकि परमेश्वर नहीं चाहता कोई भी ऐसा काम (व्यभिचार) करता हो वो परमेश्वर के मंदिर में काम (सेवा) करें!
✍️आपके सेवा में कोई भी व्यभिचार कर रहा है !
👉और अच्छा गीत गाता है!
👉अच्छी आराधना करता है !
👉या सेवा कर रहा है,
👉 *उसे हटा दीजिए!*
✍️ *अगर पास्टर व्यभिचार में है!*
👉जितनी जल्दी हो सके, वो चर्च छोड़ दिजिए!
दूसरी चर्च जूवाईन किजिए!
✍️ *परमेश्वर ऐसी आराधना नहीं चाहता जिसमें खमीर मिला हो*
*उदाहरण* :-
✍️ *सोचे आप एक ऐसे जहाज में बैठे हैं जिस के पईलेट को जहाज सही से उड़ाना नहीं आता तो ?*
👉 *वो आप तो मरेगा ही और जो उस में बैठे हैं उनको भी मारेगा!*
👉 *समझदार को इशारा ही काफी हैं*
*God bless you*
No comments:
Post a Comment