Tuesday, 19 October 2021

व्यभिचारियों से संगति करना सही है ?

 आज का विषय 

एक बार जरुर पढ़े


*क्या मसीही व्यभिचारियों से संगति करना सही है*


✍️ये एक गम्भीर विषय है:- 


*अगर इस में फंसे गए ,आप अपना उद्धार खो सकते है!* 

👉वो Pastor हो

👉वो Believers हो

👉वो Doctor हो

👉वो Evangelist हो

👉वो Reverent हो

👉वो  Bishop हो

👉वो Apostille हो

👉वो Worshipper हो

👉वो प्रचारक हो देशी विदेशी!


✍️ *उनसे किसी तरह का रिश्ता रखना क्या सही है ?*

👉उनके घर जाना ,खाना खाना किस तरह का रिश्ता रखना सही है ?


*सूने*:-


✍️पौलुश क्या कहता है:-


👉मैंने अपनी पत्री में तुम्हें लिखा है, कि व्यभिचारियों की संगति न करना। यह नहीं, कि तुम बिलकुल इस जगत के व्यभिचारियों, या लोभियों, या अंधेर करनेवालों, या मूर्तिपूजकों की संगति न करो; क्योंकि इस दशा में तो तुम्हें जगत में से निकल जाना ही पड़ता। मेरा कहना यह है; कि यदि कोई भाई कहलाकर, व्यभिचारी, या लोभी, या मूर्तिपूजक, या गाली देनेवाला, यापियक्कड़, या अंधेर करनेवाला हो, तो उसकी संगति मत करना; वरन् ऐसे मनुष्य के साथ खाना भी न खाना। क्योंकि मुझे बाहरवालों का न्याय करने से क्या काम? क्या तुम भीतरवालों का न्याय नहीं करते? परन्तु बाहरवालों का न्याय परमेश्वर करता है: इसलिए उस कुकर्मी को अपने बीच में से निकाल दो!(1कुरि 5:9-13)


*मतलब:-*

👉कोई भाई कहलाकर (मसीह कहलाकर)


✍️पौलुश यहां सब को बोल रहा है!


👉वो Pastor हो सकता है!

👉वो Believers हो सकता है!

👉वो Doctor हो सकता है!

👉वो Evangelist हो सकता है!

👉वो Reverent हो सकता है!

👉वो Bishop हो सकता है!

👉वो Apostille हो सकता है!

👉वो Worshipper हो सकता है!


✍️ *पौलुश कहता है उनसे दूर रहो* :-


👉परन्तु बाहरवालों का न्याय परमेश्वर करता है!

*इसलिए उस कुकर्मी को अपने बीच में से निकाल दो*।

 (1कुरि 5:13)


👉अब हे भाइयों, मैं तुम से विनती करता हूँ, कि जो लोग उस शिक्षा के विपरीत जो तुम ने पाई है, फूट डालने, और ठोकर खिलाने का कारण होते हैं, उनसे सावधान रहो; *और उनसे दूर रहो।*  (रोमियो 16:17)


*यीशु ने क्या कहा था*


👉“यदि तेरा भाई तेरे विरुद्ध अपराध करे, तो जा और अकेले में बातचीत करके उसे समझा; यदि वह तेरी सुने तो तूने अपने भाई को पा लिया। और यदि वह न सुने, तो और एक दो जन को अपने साथ ले जा, कि हर एक बात दो या तीन गवाहों के मुँह से ठहराई जाए। यदि वह उनकी भी न माने, तो कलीसिया से कह दे, परन्तु यदि वह कलीसिया की भी न माने, तो तू उसे अन्यजाति और चुंगी लेनेवाले के जैसा जान।

 (मत्ती 18:15-17)


✍️ *कुछ कहते हैं अनुग्रह में सब चलता है!*


👉तो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें कि अनुग्रह बहुत हो? कदापि नहीं! हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उसमें कैसे जीवन बिताएँ? 

 (रोमियो 6:1,2)


*सूने*:-


✍️ *अनुग्रह* 

👉 *लाईस्श नहीं देता पाप करने का*


👉 इसलिए उस कुकर्मी को अपने बीच में से निकाल दो।

(1कुरिन्थियों 5:13)


*ऐसो से दूर रहे*


👉*जो वरसिपर व्यभिचार में है:-दूर रहे

👉*जो पास्टर व्यभिचार में है :- दूर रहे

👉*जो मजिसन व्यभिचार में है :-दूर रहे

👉*जो प्रचारक व्यभिचार में है :-दूर रहे


👉व्यभिचार से बचे रहो जितने और पाप मनुष्य करता है, वे देह के बाहर हैं, परन्तु व्यभिचार करनेवाला अपनी ही देह के विरुद्ध पाप करता है*।(1कुरि6:18)


✍️इतना सख्त क्यों था:-


*सूने*:-


👉पौलुश ने भी कहा !

👉यीशु ने भी कहा !


👉अपनी ही देह के विरोध पाप करता है !


👉क्योंकि आपकी देह आपका नहीं परमेश्वर का मंदिर है!


👉क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह पवित्र आत्मा का मन्दिर है; जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो*!(1कुरि6:19)


*उदाहरण*:- 

(2शमूएल 11:1-27)


✍️दाऊद परमेश्वर का मंदिर बनाना चाहता था!


👉पर परमेश्वर ने बनाने नहीं दिया*


👉क्योंकि परमेश्वर नहीं चाहता कोई भी ऐसा काम (व्यभिचार) करता हो वो परमेश्वर के मंदिर में काम (सेवा) करें!


✍️आपके सेवा में कोई भी व्यभिचार कर रहा है !

👉और अच्छा गीत गाता है! 

👉अच्छी आराधना करता है !

👉या सेवा कर रहा है,


👉 *उसे हटा दीजिए!*


✍️ *अगर पास्टर व्यभिचार में है!* 


👉जितनी जल्दी हो सके, वो चर्च छोड़ दिजिए!

दूसरी चर्च जूवाईन किजिए!


✍️ *परमेश्वर ऐसी आराधना नहीं चाहता जिसमें खमीर मिला हो*


*उदाहरण* :- 


✍️ *सोचे आप एक ऐसे जहाज में बैठे हैं जिस के पईलेट को जहाज सही से उड़ाना नहीं आता तो ?*


👉 *वो आप तो मरेगा ही और जो उस में बैठे हैं उनको भी मारेगा!*


👉 *समझदार को इशारा ही काफी हैं*


*God bless you*

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