Thursday, 21 October 2021

क्या हम अपना उद्धार खो सकते हैं ?

 आज का विषय 

एक बार जरुर पढ़े


*क्या हम अपना उद्धार खो सकते हैं ?*


*वो कौन मसीह होते हैं जो अपना उद्धार खो सकते हैं!*


 *10 तरह के विश्वासी अपना उद्धार खो सकते हैं!*


1,*जो परमेश्वर की इच्छा पर नहीं चलते!*


👉“जो मुझसे, ‘हे प्रभु, हे प्रभु’ कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, *परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है।*

(मत्ती 7:21)


✍️सब किया या सब कुछ करने बाद!

👉पर गाड़ी कहा अटक गई!


2, *मूर्तिपूजक!*


 3, *व्यविचार!*


 4, *डरपोक!*


✍️ये वो डरपोक नहीं जिन्हें रात को डर लगता है!

(ये सुसमाचार सुनाने में)


👉जो जय पाए, वही उन वस्तुओं का वारिस होगा; और मैं उसका परमेश्वर होऊँगा, और वह मेरा पुत्र होगा। परन्तु *डरपोकों,* अविश्वासियों, घिनौनों, हत्यारों, *व्यभिचारियों,* टोन्हों, *मूर्तिपूजकों,* और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है।” 

(प्रकाशितवाक्य 21:7-8)


5, *जो अपवित्रता का जीवन जीते रहे!*


👉सबसे मेल मिलाप रखो, और *उस पवित्रता के खोजी हो जिसके बिना कोई प्रभु को कदापि न देखेगा।* 

(इब्रानियों 12:14)

 

6, *पैसे के लालची!*


👉तब यीशु ने अपने चेलों से कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ, कि धनवान का स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करना कठिन है। 

(मत्ती 19:23)


👉पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुत सी व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फँसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डुबा देती हैं।

(1 तीमुथियुस 6:9)


7, *जो वचनों में गड़बड़ी करते हैं!*


👉और यदि कोई इस भविष्यद्वाणी की पुस्तक की बातों में से कुछ निकाल डाले, तो परमेश्वर उस जीवन के पेड़ और पवित्र नगर में से, जिसका वर्णन इस पुस्तक में है, उसका भाग निकाल देगा।

(प्रकाशितवाक्य 22:19)


8, *जो झूठी शिक्षाओं में है!*


👉“क्योंकि झूठे मसीह और झूठे भविष्यद्वक्ता उठ खड़े होंगे, और बड़े चिन्ह और अद्भुत काम दिखाएँगे, कि यदि हो सके तो चुने हुओं को भी बहका दें।

(मत्ती 24:24)


9, *जो प्रभु से हट जाएगा अविश्वासी बनकर या क्लेश में अपना धीरज को बैठेगा!*


👉हे भाइयों, चौकस रहो, कि तुम में ऐसा बुरा और अविश्वासी मन न हो, जो जीविते परमेश्वर से दूर हटा ले जाए। वरन् जिस दिन तक आज का दिन कहा जाता है, हर दिन एक दूसरे को समझाते रहो, ऐसा न हो, कि तुम में से कोई जन पाप के छल में आकर कठोर हो जाए।

(इब्रानियों 3:12-13)


👉और मेरे नाम के कारण सब लोग तुम से बैर करेंगे; पर जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा, उसी का उद्धार होगा।

(मरकुस 13:13)


10, *जो जानबूझकर पाप करते हैं!*


👉 *क्योंकि सच्चाई की पहचान प्राप्त करने के बाद यदि हम जान बूझकर पाप करते रहें,* तो पापों के लिये फिर कोई बलिदान बाकी नहीं। हाँ, दण्ड की एक भयानक उम्मीद और आग का ज्वलन बाकी है जो विरोधियों को भस्म कर देगा।

(इब्रानियों 10:26-27)


👉 *तो सोच लो कि वह कितने और भी भारी दण्ड के योग्य ठहरेगा, जिसने परमेश्वर के पुत्र को पाँवों से रौंदा*, और वाचा के लहू को जिसके द्वारा वह पवित्र ठहराया गया था, अपवित्र जाना हैं, और अनुग्रह की आत्मा का अपमान किया। 

(इब्रानियों 10:29)


👉 *क्योंकि जिन्होंने एक बार ज्योति पाई है, और जो स्वर्गीय वरदान का स्वाद चख चुके हैं और पवित्र आत्मा के भागी हो गए हैं,* और परमेश्वर के उत्तम वचन का और आनेवाले युग की सामर्थ्य का स्वाद चख चुके हैं।

(इब्रानियों 6:4-5)


👉 *यदि वे भटक जाएँ; तो उन्हें मन फिराव के लिये फिर नया बनाना अनहोना है; क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र को अपने लिये फिर क्रूस पर चढ़ाते हैं* और प्रगट में उस पर कलंक लगाते हैं।

(इब्रानियों 6:6)


*God bless you*

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