*प्रार्थना का सुअवसर*
१ इतिहास २९:११-१९
_*मेरे पुत्र सुलैमान का मन ऐसा खरा कर दे कि वह तेरी आज्ञाओं, चितौनियों और विधियों को मानता रहे l १ इतिहास २९:१९*_
एक अत्यंत व्यक्तिगत अंग्रेजी गीत, जिसका शीर्षक है, “डैडी, अब प्रार्थना नहीं करते हैं(Daddy Doesn’t Pray Anymore),” गीतकार के अपने पिता की प्रार्थनाओं से प्रेरित है । हृदयस्पर्शी गीत से उसके पिता की प्रार्थना समाप्त होने का कारण पता चलता है : मोहभंग या थकावट नहीं, बल्कि उनकी अपनी मृत्यु । वह कल्पना करता है कि अब, प्रार्थना में यीशु के साथ बात करने के बजाय, उसके पिताजी यीशु के साथ चल रहे हैं और आमने-सामने बात कर रहे हैं ।
पिता की प्रार्थनाओं का यह स्मरण एक बाइबिल सम्बन्धी पिता की अपने बेटे के लिए प्रार्थना को ध्यान में रखता है । जब राजा दाऊद का जीवन शक्तिहीन होने लगा, उसने अपने बेटे सुलैमान को इस्राएल के अगले राजा के रूप में पदभार संभालने की तैयारी की ।
सुलैमान का अभिषेक करने के लिए एक साथ राष्ट्र को इकट्ठा करने के बाद, दाऊद ने प्रार्थना में लोगों का नेतृत्व किया, जैसा कि उसने पहले भी कई बार किया था । जब दाऊद ने इस्राएल के प्रति ईश्वर की विश्वासयोग्यता को स्मरण किया, तो उसने लोगों से उसके प्रति विश्वासयोग्य रहने की प्रार्थना की । फिर उसने अपने बेटे के लिए विशेष रूप से एक व्यक्तिगत प्रार्थना को शामिल किया, जिसमें परमेश्वर से कहा गया कि “मेरे पुत्र सुलैमान का मन ऐसा खरा कर दे कि वह तेरी आज्ञाओं, चितौनियों और विधियों को मानता रहे” (१ इतिहास २९:१९) ।
हमारे पास उन लोगों के लिए ईमानदारी से प्रार्थना करने का उल्लेखनीय विशेषाधिकार है जिन्हें परमेश्वर ने हमारे जीवन में रखा है । विश्वासयोग्यता का हमारा उदाहरण एक अमिट प्रभाव डाल सकता है जो हमारे चले जाने के बाद भी बना रहेगा । जिस तरह परमेश्वर ने सुलैमान और इस्राएल के लिए दाऊद की प्रार्थना के उत्तरों को जारी रखा था, उसी प्रकार हमारी प्रार्थनाओं का प्रभाव हमारे बाद भी जारी रहता है l
_किसी की प्रार्थना ने किस प्रकार आपके जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है? आप अपनी प्रार्थनाओं से दूसरों को कैसे प्रोत्साहित कर सकते हैं?_
_*🙇♂️स्वर्गिक पिता, मैं तुम्हारे सामने अपने प्रियजनों को लाता हूँ और पूछता हूँ कि आप उनके जीवनों में अपनी योजनाएं पूरी करें l*_
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