_*वह हमारा "अब्बा पिता"*_
_मरकुस 14:36 और कहा, *हे अब्बा, हे पिता, तुझ से सब कुछ हो सकता है; इस कटोरे को मेरे पास से हटा ले: तौभी जैसा मैं चाहता हूं वैसा नहीं, पर जो तू चाहता है वही हो।*_
_*यद्यपि परमेश्वर को पुराने नियम में हमारे पिता के रूप में जाना जाता था, यद्यपि यीशु ने इस शीषर्क के लगातार उपयोग को परमेश्वर के साथ हमारे संबंधों की एक नई समझ लाया,। यीशु ने अपने पिता के रूप में परमेश्वर को संदर्भित किया, और उसने परमेश्वर के रूप में हमारे पिता के रूप मैं भी कहा।* इसने यीशु के *दिन के धार्मिक यहूदियों को अस्वीकार कर दिया, जिन्होंने अपने पिता को परमेश्वर को बुलाने के लिए कहा, क्योंकि वे समझ गए की वे परमेश्वर के बराबर थे।* हमें अपने पिता को परमेश्वर को बुलाने के लिए कहां। क्योंकि वह समझ गए की *वह परमेश्वर के बराबर थे। हमें अपने पिता को परमेश्वर को बुलाने के लिए निर्देश दिय गय है,*_
_हमारे परमेश्वर की तरह, कोमल प्रेमपूर्ण प्रकृति का खुलासा करते हैं। शब्द" अब्बा एक श्रेही शब्द है जो एक युवा बच्चे ने अपने पिता को बुलाया, जो हमारे शब्द " डैडी" से मेल खाती हैं।यह एक शब्द है जो अंतरगता ओर श्रेहि व्यकत करने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं।यह एक सख्त न्यायाधीस के रूप में परमेश्वर के विचार को निकालता है और उसे एक प्रेमपूर्ण पिता के रूप में उसकी छवी रखता है जो परवाह करता है, समझता है, ओर हमारा सबसे अच्छा दोस्त है। "👉देखो पिता ने *कैसा प्रेम किया है, की हम परमेश्वर की संतान कहलाए',ओर हम हैं भी :इस कारण संसार हमे नहीं जानता , क्योंकि उसनें उसे भी नहीं जाना" देखें ( 1 यहुना 3:1)।*_
_हम लेपालक होने से परमेश्वर के पुत्र हैं यीशु प्रक़ति से परमेश्वर का पुत्र था।जैसा कि यीशु ने यहूदियों से कहा तुम अपने पिता सैतान के हो (यहुना 8:44 ईफि,2:3)_
_*हालांकि यीशु हमें खरीदा और अपने परमेश्वर के पुत्रों के रूप में अपनाया।*_
_हम सिर्फ उत्तराधिकारियों नहीं है, हम मसीह के साथ संयुक्त - वारिस है यह सोचने के लिए कि हम जो कुछ भी परमेश्वर का विरासत में आ चुके हैं, उसके साथ समान रूप से सांझा करते हैं, ओर यह समझ के परे हैं_
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