आप परमेश्वर की निज प्रजा हैं।
‘‘इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं।’’ (यशायाह 41:10)
प्रिय मित्र, आज आप के परमेश्वर की प्रतिज्ञा यशायाह 41:10 से ली गई है, ‘‘इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं।’’ यहां पर परमेश्वर आपको यह निश्चयता देता है कि वह हमारा परमेश्वर है। क्या हम सचमुच एक ऐसे परमेश्वर से आशीषित हैं? प्रभु आपका है। वह हम से दूर नहीं है। वह हमारे हर एक के लिए व्यक्तिगत उद्धारकर्त्ता है जो उसे अपना प्रभु मानते हैं। हम इतने आशीषित हैं और निश्चय परमेश्वर के चुने हुए लोग और उसकी निज प्रजा हैं। ऊपर चर्चित प्रतिज्ञा वचन के अनुसार परमेश्वर हम से कहता है कि हमें इधर उधर ताकना या भयभीत नहीं होना चाहिए। परमेश्वर नहीं चाहता कि हम अकेलेपन में रहें क्योंकि प्रभु हमारा परमेश्वर है। परमेश्वर आपको बीमारी से चंगा करेगा और आपको अकेलेपन से बाहर निकालेगा।
आज भी परमेश्वर आप हर एक के साथ रहने जा रहा है। मुझे अपने जीवन की एक विशेष घटित घटना याद आई है जो मेरे कॉलेज के दिनों में हुई थी। जब मैं कॉलेज में थी तब हम रात को मरीजों को देखने जाया करते थे। एक ऐसे समय पर जब मैं अकेली अस्पताल जा रही थी तो मैं ने अकेलेपन का अनुभव किया। उस समय रात के 11 और 12 के बीच का समय था। मैं ने कहा, ‘‘हे प्रभु, आप कहां हैं? मैं बिल्कुल अकेली हूं। मैं आपकी उपस्थिति का अनुभव नहीं कर पा रही हूं।’’ उस समय जब मैं ने आकाश की ओर देखा, आकाश में गहरा अंधकार था परन्तु चंद्रमा मुझ पर चमक रहा था। उस दिन प्रभु ने मुझ से यह कहकर बातें की, ‘‘मेरे बच्चे, मत डर। इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं। मैं न केवल तेरे साथ हूं, परन्तु तेरे चारों ओर हूं; आगे, पीछे और दाहिने और बाएं।’’ उसके वचन ने मुझे बहुत दिलासा दिया और तब से जब कभी भी मैं अकेलेपन का अनुभव करती या परेशान होती तो इस घटना को याद करती हूं और इससे मुझे बहुत शांति मिलती है।
मेरे मित्र, उसी तरह से परमेश्वर आपके चारों ओर भी है। इधर उधर मत ताकें या निराश होवें क्योंकि वह आपका परमेश्वर है। ‘‘चाहे पहाड हट जाए या चाहे पडाहियां टल जाए तौभी तेरी करुणा हम पर से न हटेगी, न तेरी शांतिदायक वाचक वाचा न टलेगी, यहोवा जो तुझ पर दया करता है; उसका यही वचन है।’’ (यशायाह 54:10) आपके लिए परमेश्वर का प्रेम कभी न हटेगा या टलेगा। वह आपका एक मित्र, पिता और माता होगा। वह आपके साथ सदा हर रीति से होगा। आप संवेदनशील नहीं होना है। यदि आप इस सत्य पर अपना विश्वास रखेंगे तो आप अपने आप से प्रेम और परवाह का अनुभव करेंगे। आप गौरैयों से भी बढकर हैं और परमेश्वर आपकी चिंता करता है। परमेश्वर पर भरोसा रखें और आनन्दित हो जाएं। आप केवल परमेश्वर की स्तुति और धन्यवाद करते रहें।
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