*जब अय्यूब ने अपने मित्रों के लिये प्रार्थना की, तब यहोरवा ने उसका सारा दु:ख दूर किया, और जितना अय्यूब का पहिले था, उसका दुगना यहोवा ने उसे दे दिया।*
अय्यूब 42:10
हमारे प्रेम में ज्यादा ताकत है या शत्रु की नफरत में हमारा प्रेम जो मसीह का प्रेम है वह बलवंत है शत्रु के ह्रदय को परिवर्तित करने के लिए या किसी के ह्रदय को भी परिवर्तित करने के लिए
खुदा के प्रेम में बड़ी ताकत है जो हमारे अंदर है आमीन
शैतान कभी भी छीन नहीं सकता आपसे आपके लोगों को यदि आप खुदा के प्रेम से भरे हुए हैं तो
शैतान की नफरत की सामर्थ बड़ी नहीं खुदा के प्रेम सामर्थ बड़ी है प्रेम की जो आपके अंदर है |
यह प्रेम की सामर्थ बदल देगी आपके परिवार को बदल देगी आपके पड़ोस को बदल देगी आपके मुल्क को आपके रिश्तो के अंदर से कड़वाहट भाग जाएगी प्रेम की सामर्थ के द्वारा और इसके अंदर बड़ा बल है क्योंकि यह खुदा का प्रेम है जो आपके अंदर है | आमीन
*1 कुरिन्थियों 13:1-13*
No comments:
Post a Comment