*Praise the Lord*
*आणखी त्याने त्यांना म्हटले, “सांभाळा, सर्व प्रकारच्या लोभापासून दूर राहा; कारण कोणाजवळ पुष्कळ संपत्ती असली तर ती त्याचे जीवन होते असे नाही.”*
*लूक 12:15*
*हिंदी वचन 👇*
*तब येशु ने लोगों से कहा, “सावधान! हर प्रकार के लोभ से बचो; क्योंकि किसी के पास कितनी ही सम्पत्ति क्यों न हो, उस सम्पत्ति की प्रचुरता में उस का जीवन नहीं है।”*
*लूकस 12:15*
*इस वचन का अर्थ 👇*
*लोग (यहाँ तक कि कुछ मसीही विश्वासी) सोच सकते हैं कि धन के पीछे दौड़ते चले जाना बुद्धिमानी है। किंतु ऐसे लोग सच में धोखे में हैं और सर्वनाश के रास्ते में हैं। धन की लालसा शैतान द्वारा लाया गया जाल है, एक परीक्षा जो हमें नाश करने के लिये है। यह इच्छा कभी भी संतोष नहीं लाती है। किंतु जैसे-जैसे वस्तुएँ बढ़ती जाती हैं, यह बढ़ती जाती है और अन्त में बर्बादी लाती है (मत्ती 7:13; 2 थिस्स. 1:8-9; भजन 49:20; 73:18-19)। इसके कुछ उदाहरण देखें - बालाम (2 पतर. 2:15), गेहज़ी (2 राजा 5:20-27), यहूदा (मत्ती 26:14-16; यूहन्ना 12:4-6)। क्या हम भी उन्हीं के समान नाश हो जाना चाहते हैं? यदि नहीं, तो उनके समान अपनी इच्छाओं को अपना जीवन वश में करने न दें।
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