Saturday, 17 October 2020

प्रकाश


*मत्तय 5:14‭-‬16* 

*हिंदी वचन 👇*

*“तुम संसार की ज्‍योति हो। पहाड़ पर बसा हुआ नगर छिप नहीं सकता। लोग दीपक जला कर पैमाने के नीचे नहीं, बल्‍कि दीवट पर रखते हैं, जहाँ से वह घर के सब लोगों को प्रकाश देता है।  इसी प्रकार तुम्‍हारी ज्‍योति मनुष्‍यों के सामने चमकती रहे, जिस से वह तुम्‍हारे भले कामों को देख कर तुम्‍हारे स्‍वर्गिक पिता की महिमा करें।*

*मत्ती 5:14‭-‬16* 

*इस वचन का अर्थ 👇*

*5:14-16, मत्ती  5:3-12 में वर्णित लोग परमेश्‍वर की नयी सृष्टि हैं और रूहानी रोशनी देने के लिए हैं। इस धरती पर यीशु वह रोशनी थे (यूहन्ना 8:12; 9:5)। यीशु के मानने वाले रोशनी हैं और उन्हें चमकना है यूहन्ना 12:35-36; रोमि. 13:12; 2 कुरि. 4:4-6; इफ़ि. 5:8; 1 थिस्स. 5:5. 5:16 रोशनी के लिए यही एक बढ़िया तरीका है - मीठी-मीठी बातें नहीं, अच्छी नियत नहीं लेकिन सही काम। बहुत से लोग बड़े अलौकिक ज्ञान की डींग मारते हैं, लेकिन किसी के लिए मददगार नहीं हैं, कृपालु नहीं हैं, न ही अपने कामों से प्रभु की बड़ाई करते हैं। ऐसे लोगों का घमण्ड परमेश्‍वर की निगाह में घिनौना है। “पिता”- तकरीबन 170 बार यह नाम परमेश्‍वर के लिए यीशु ने इस्तेमाल किया। यह दिखाता है कि परमेश्‍वर एक व्यक्‍ति हैं जो प्यार करते, देखभाल करते, रक्षा करते और ज़रूरत पूरा करते हैं। यह नाम यह भी दिखाता है कि उनके आत्मिक बच्चे हैं (पद 9; यूहन्ना 1:12-13)। हम अच्छे काम इसलिए करें ताकि लोग परमेश्‍वर की बड़ाई करें। (तुलना 1 कुरि. 10:31)।*


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